निवेश के लिए आप यहां कुछ बेहतर विकल्‍प के बारे में जान सकते हैं। (फोटो- Freepik)

बचत और निवेश से जुड़े मामले संभालने से क्यों हिचकती हैं ज्यादातर महिलाएं?

हाल में LXME ने एक्सिस माय इंडिया के साथ मिलकर एक सर्वे किया। इस सर्वे से यह पता चला कि इंडिया में 33 फीसदी महिलाएं किसी तरह का निवेश (Investment) नहीं करतीं। 21 से 25 उम्र वर्ग में तो यह आंकड़ा 40 फीसदी है

महिलाएं गोल्ड ज्वेलरी और बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट जैसे प्रोडक्ट्स में इनवेस्ट करती हैं, जिससे मिलने निवेश या Investment क्यों किया जाता है? वाला रिटर्न सालाना 5-6 फीसदी से ज्यादा नहीं होता।

श्वेता 34 साल की नौकरीपेशा महिला हैं, जो बेंगलुरु में रहती हैं। वह एक मशहूर आईटी कंपनी में डिलीवरी मैनेजर हैं। उनके दो बच्चे हैं। ऑफिस में वह प्रोजेक्ट आइडिया डेवलप करती हैं। प्रजेंटेशंस बनाती हैं, दूसरे एंप्लॉयीज की परफॉर्मेंस पर नजर रखती है। साथ ही वह इस बात का भी ध्यान रखती हैं कि बच्चों के लिए खाने में क्या बनाना है और उन्हें मैथ्स में कौन सी टेबल याद करानी है।

इतनी ज्यादा जिम्मेदारियां संभालने और रोजाना के कामों के बीच वह जीवन से जुड़े एक अहम पहलू को मिस कर देती हैं। इसका संबंध बचत और निवेश से जुड़े मामलों से है। हाल में LXME ने एक्सिस माय इंडिया के साथ मिलकर एक सर्वे किया। इस सर्वे से यह पता चला कि इंडिया में 33 फीसदी महिलाएं किसी तरह का निवेश (Investment) नहीं करतीं। 21 से 25 उम्र वर्ग में तो यह आंकड़ा 40 फीसदी है।

संबंधित खबरें

Business Idea: ठंड के मौसम में शुरू करें यह बिजनेस, जेब हमेशा रहेगी गर्म

Fact Check: 1 जनवरी से बंद हो जाएंगे निवेश या Investment क्यों किया जाता है? 2000 रुपये के नोट, 1000 के नोट की होगी वापसी, जानिए क्या है पूरा मामला

Tata Group की Bigbasket 2025 तक लाएगी IPO, यहां जानिए क्या है कंपनी का पूरा प्लान

सर्वे में कहा गया है कि देश में 55 फीसदी महिलाओं को इनवेस्टमेंट के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। आम तौर पर महिलाओं में बचत (Savings) की अच्छी आदत होती है और वे चीजों को डिटेल में समझने की भी कोशिश करती हैं। ये दोनों चीजें वेल्थ क्रिएशन (Wealth Creation) के लिए बहुत जरूरी हैं। इसके बावजूद कई महिलाएं सिर्फ सेविंग्स करती हैं न कि इनवेस्टमेंट।

जो महिलाएं निवेश करती हैं, वे ज्यादातर गोल्ड ज्वैलरी (Gold Jewelry), बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट (Bank FD), पीपीएफ (PPF), एन्डॉमेंट पॉलिसीज जैसे ट्रेडिशनल प्रोडक्ट्स में पैसे डालती हैं। 42 फीसदी महिलाओं ने कहा कि वे गोल्ड में इनवेस्ट करती हैं। 35 फीसदी ने कहा कि वे फिक्स्ड डिपॉजिट में पैसे रखती हैं। इससे साफ हो जाता है कि पैसे को इनफ्लेशन के असर से बचाने और वेल्थ क्रिएशन के लिए वे कुछ नहीं करतीं।

इंडिया का शेयर बाजार दुनिया का छठा सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है। शेयरों में निवेश करने में महिलाओं की हिस्सेदारी बहुत कम है। इस तरह निवेश के मामलों में पुरुषों की हिस्सेदारी ज्यादा है। हर 100 इनवेस्टर्स में सिर्फ 21 महिलाएं हैं। दूसरे उभरते बाजारों में यह आंकड़ा इंडिया से अच्छा है। चीन में यह आंकड़ा 34 फीसदी, दक्षिण अफ्रीका में 33 फीसदी और मलेशिया में 29 फीसदी है।

आज आईटी, बैंकिंग, अकाउंटेंसी, फैशन, मेडिकल प्रोफेशन, मीडिया आदि इंडस्ट्री में बड़ी संख्या में महिलाएं काम कर रही हैं। इसके बावजूद शेयर बाजार या दूसरे तरह के इनवेस्टमेंट में उनकी हिस्सेदारी कम है। इसकी कई वजहें हैं। इनमें समय की कमी, फाइनेंशियल नॉलेज की कमी और पैसे को नुकसान का डर शामिल हैं।

सेविंग्स के मामले में महिलाएं दूसरों की मदद लेने से हिचकती हैं। वे गोल्ड ज्वैलरी के लिए मेकिंग चार्ज देती हैं। लॉकर की फीस चुकाती हैं। कम इंटरेस्ट वाले बैंक एफडी में इनवेस्ट करती हैं। लेकिन, ऐसे एक्सपर्ट को 2.5 फीसदी फीस नहीं देना चाहतीं, जो शेयरों में निवेश करने में उनकी हर तरह से मदद कर सकता है। इसमें सिर्फ उनकी गलती नहीं है। हमें रुपये-पैसों से जुड़े मामलों में महिलाओं की दिलचस्पी बढ़ाने की कोशिश करनी होगी। उनका भरोसा बढ़ाना होगा।

महिलाएं गोल्ड ज्वेलरी और बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट जैसे प्रोडक्ट्स में इनवेस्ट करती हैं, जिससे मिलने वाला रिटर्न सालाना 5-6 फीसदी से ज्यादान नहीं होता। पिछले दशक में एवरेज इनफ्लेशन 6.5 फीसदी रहा है। इससे जाहिर है कि महिलाओं को अपने निवेश पर पॉजिटिव रिटर्न नहीं मिल रहा है। इससे स्पष्ट है कि इस निवेश से कभी वेल्थ क्रिएशन में मदद नहीं मिल सकती। उधर, पिछले 126 साल का इतिहास बताता है कि शेयर अकेला ऐसा एसेट हैं, जिसका प्रदर्शन दूसरे एसेट क्लास के मुकाबले बहुत अच्छा रहा है।

इसलिए श्वेता जैसी दूसरी महिलाओं को वेल्थ क्रिएशन के बारे में सोचना चाहिए। शेयरों में निवेश उनकी मदद कर सकता है। इसके लिए वे एक्सपर्ट या सर्टिफायड फाइनेंशियल प्लानर्स की मदद ले सकती हैं। अब समय आ गया है कि जिस तरह वे जीवन के हर क्षेत्र में बढ़चढ़ कर हिस्सा ले रही हैं वैसे ही निवेश की दुनिया में भी सक्रियता दिखाएं।

Investment Options: 5 लाख रुपये के साथ कहां करें निवेश, क्‍या होगा बेहतर विकल्‍प?

आपके पास 5 लाख की राशि है, जिसे आप अच्‍छे फंड में बदलना चाहते हैं तो यहां एक्‍सपर्ट की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, सरकारी योजनाओं से लेकर SIP, शेयर बाजार आदि में निवेश कर सकते हैं।

Investment Options: 5 लाख रुपये के साथ कहां करें निवेश, क्‍या होगा बेहतर विकल्‍प?

निवेश के लिए आप यहां कुछ बेहतर विकल्‍प के बारे में जान सकते हैं। (फोटो- Freepik)

आधुनिक समय में लोग निवेश की ओर अधिक गौर कर रहे हैं। सरकारी योजनाओं से लेकर बैंक एफडी और अधिक रिस्‍क के लिए शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड जैसी जगहों पर पैसा लगा रहे हैं। सरकारी योजनाओं और बैंक एफडी में रिस्‍क कम होता है और इसमें पैसा लगाने सेफ माना जाता है। साथ ही अच्‍छा रिटर्न भी दिया जा रहा है। वहीं मार्केट और म्यूचुअल फंड में निवेश करना रिस्‍की माना जाता है, लेकिन आपको कम समय में अधिक रिटर्न मिल सकता है।

अगर आप भी निवेश की प्‍लानिंग कर रहे हैं और आपके पास 5 लाख की राशि है, जिसे आप अच्‍छे फंड में बदलना चाहते हैं तो यहां एक्‍सपर्ट की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, सरकारी योजनाओं से लेकर SIP, शेयर बाजार आदि में निवेश कर सकते हैं।

अगर कोई व्‍यक्ति रिटायर हो रहा है और उसके पास पांच लाख की राशि है तो वह अधिक रिस्‍क लेने के बजाय रेगुलर इनकम जैसी योजनाओं में निवेश कर सकता है। फिक्‍स डिपॉजिट पर अपने सुविधाजन टेन्‍योर के लिए, सीनियर सिटीजन सेविंग स्‍कीम और पेंशन प्‍लान आदि जैसी योजनाओं में निवेश कर सकते हैं।

Gujarat: AAP सिर्फ वोट कटवा बनकर रह गई- आप विधायक ने BJP को दिया समर्थन तो सोशल मीडिया पर केजरीवाल पर ऐसे कसे गए तंज

Himachal Pradesh Result: किसी से नहीं डरती…, हिमाचल की अकेली महिला विधायक रीना कश्यप बोलीं- कोई दबा नहीं सकता आवाज

Happy New Year 2023: शिव और अमृत योग में शुरू होगा नया साल, इन 3 राशियों के शुरू होंगे अच्छे दिन, हर कार्य में सफलता के योग

हालांकि अगर आपने अभी नौकरी करना शुरू किया है तो आप अपनी क्षमता के अनुसार निवेश का विकल्‍प चुन सकते हैं। ऐसे लोगों के लिए निवेश के बहुत से विकल्‍प उपब्‍ध हैं। कम जोखिम वाला व्‍यक्ति निवेश से दूर रहने का विकल्‍प चुनेगा तो वहीं रिस्‍क लेना वाला व्‍यक्ति शेयर मार्केट में निवेश का विकल्‍प चुन सकता है।

ग्रिप के संस्थापक और सीईओ निखिल अग्रवाल ने कहा कि एक युवा निवेशक के रूप में आपके पास समय है और यदि आपके पास आय का एक स्थिर स्रोत है, तो आप अधिक जोखिम उठा सकते हैं। हालांकि निवेश शुरू करने से पहले आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए आपका निवेश बाधित न हो।

आप स्वास्थ्य बीमा, जीवन बीमा जैसी बुनियादी चीजों में निवेश कर सकते हैं और एक लिक्विड फंड बना सकते हैं, जिसे आप आपात स्थिति में उपयोग कर सकते हैं। वहीं मार्केट के तहत आप एकमुश्त के बजाय व्यवस्थित निवेश योजना (SIP) में निवेश कर सकते हैं। अधिक फंड के लिए आप म्यूचुअल फंड में भी निवेश कर सकते हैं।

एक्‍सपर्ट के अनुसार आप इससे थोड़ा अधिक रिस्‍क लेते हुए कॉरपोरेट बॉन्ड, एसेट लीजिंग, इन्वेंट्री फाइनेंस, कमर्शियल रियल एस्टेट और स्टार्ट-अप इक्विटी में भी निवेश शुरू कर सकते हैं।

SIP पर ऐसे बढ़ रहा लोगों का भरोसा, 500 रुपये का निवेश भी बना सकता है करोड़पति

सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान यानी SIP निवेशकों के बीच एक पसंदीदा ऑप्शन बनकर सामने आ रहा है. अक्टूबर में SIP में रिकॉर्ड निवेश हुआ है. अक्टूबर में SIP फ्लो बढ़कर 13,041 करोड़ रुपये की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया है.

SIP पर ऐसे बढ़ रहा लोगों का भरोसा, 500 रुपये का निवेश भी बना सकता है करोड़पति

सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान यानी SIP निवेशकों के बीच एक पसंदीदा ऑप्शन बनकर सामने आ रहा है. अक्टूबर में SIP में रिकॉर्ड निवेश हुआ है. अक्टूबर में SIP फ्लो बढ़कर 13,041 करोड़ रुपये की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया है. इससे पिछले महीने यह 12,976 करोड़ रुपये रहा था. वहीं, इक्विटी स्कीम्स में निवेश गिरकर 9,390 करोड़ रुपये हो गया है. जबकि, सितंबर में यह 14,100 करोड़ रुपये रहा था. एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के डेटा से यह जानकारी मिली है. अब सवाल यह उठता है कि लोग SIP में निवेश की ओर आकर्षित क्यों हो रहे हैं, आइए इसके बारे में जान लेते हैं.

SIP क्या है?

सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान या SIP निवेश का एक जरिया है, जिसके जरिए आप म्यूचुअल फंड्स में निवेश कर सकते हैं. इसमें एक तय राशि को समय-समय पर निवेश किया जा सकता है. यह निवेश या Investment क्यों किया जाता है? समयावधि मासिक, तिमाही या सेमी-एनुअली आदि हो सकती है. जब इस तरीके से लगातार निवेश करते हैं, तो आपके लिए अपने वित्तीय लक्ष्यों को हासिल करना आसान हो जाता है.

SIP कैसे काम करता है?

जब आप SIP के जरिए निवेश करते हैं, तो आप एक तय अवधि में तय राशि को लगाते हैं. इस राशि से आप कुछ फंड्स यूनिट को खरीदते हैं. अगर आप यह लंबे समय तक करना जारी रखते हैं, को आप फंड में उसके हाई और लो के दौरान भी पैसा लगाते हैं. यानी आपको बाजार का समय देखने की जरूरत नहीं पड़ती है. बाजार के समय को ट्रैक करना मुश्किल हो सकता है. क्योंकि व्यक्ति गलत समय पर निवेश कर सकता है. SIP में अनिश्चित्ता की बात नहीं रहती है. इसकी सबसे बड़ी खास बात है कि इसमें आप 500 रुपए का निवेश करके भी लंबी अवधि में करोड़ों का फंड बना सकते हैं.

SIP में निवेश के बेनेफिट्स

कम राशि से शुरू होगा निवेश

आप SIP के जरिए म्यूचुअल फंड्स में केवल 500 रुपये प्रति महीने में निवेश शुरू कर सकते हैं. यह निवेश करने का एक बेहद किफायती तरीका है, जिसमें आपकी जेब को कोई नुकसान नहीं पहुंचता है. अपनी इनकम बढ़ने के साथ, आप SIP स्टेप अप फीचर के जरिए अपनी मासिक निवेश की राशि को बढ़ा सकते हैं. म्यूचुअल फंड्स हाउस निवेशकों को अपनी एसआईपी को टॉप-अप करने की भी इजाजत देते हैं. तो, अगर आप 500 रुपये सा 1,000 रुपये प्रति महीने के साथ निवेश शुरू करते हैं, तो आप कई सालों में ज्यादा निवेश कर सकते हैं. इस तरीके से आप अपने निवेश के लक्ष्य पर जल्द पहुंच जाएंगे.

निवेश करने का आसान तरीका

SIP निवेश करने का एक आसान तरीका है. ज्यादातर निवेशकों की तरह, आपके पास ज्यादा मार्केट रिसर्च और एनालिसिस के लिए समय नहीं होता है. तो, केवल आपको इसमें एक अच्छा फंड चुनना है. आप बैंक को स्टैंडिंग इंस्ट्रक्शन्स दे सकते हैं और SIP आपके मासिक निवेश का ध्यान रखेगा.

भास्कर ओपिनियन विकास की आंधी: औद्योगिक निवेश में उत्तर भारत पीछे क्यों? आंध्र प्रदेश ने सभी राज्यों को पीछे छोड़ा

औद्योगिक निवेश के मामले में साढ़े पांच करोड़ की जनसंख्या वाले आंध्र प्रदेश ने सबसे बड़े उत्तर प्रदेश ही नहीं, सभी छोटे- बड़े राज्यों को पीछे छोड़ दिया है। पिछले सात महीनों में चालीस हजार करोड़ का औद्योगिक निवेश अपने यहां कराने में सफल होने वाला आंध्र पहले नंबर पर है, यह उतनी हैरत की बात नहीं है। आश्चर्यजनक यह है कि पिछड़ा राज्य कहा जाने वाला ओडिशा 36 हजार करोड़ का निवेश अपने यहां ले जा चुका है और वह इस सूची में दूसरे नंबर पर है।

वर्षों से देश की राजनीतिक दिशा और दशा तय करते रहने वाला उत्तर प्रदेश छठे नंबर पर पहुंच गया है। जिस गुजरात मॉडल की चर्चा करते लोग नहीं थकते, वह महाराष्ट्र से पीछे है। वह भी तब जब सेमी कंडक्टर का मामला गुजरात के पीछे पड़ा हुआ है। महाराष्ट्र विधानसभा में इस बात पर तीखी बहस चल रही है कि भाजपा ने महाराष्ट्र का सेमी कंडक्टर उठाकर गुजरात की थाली में रख दिया, जबकि महाराष्ट्र की पिछली सरकार के कार्यकाल में ही इस कारखाने का महाराष्ट्र आना लगभग तय हो चुका था।

औद्योगिक निवेश के मामले में उत्तर प्रदेश देश में छठे नंबर पर पहुंच गया है।

कुल मिलाकर बात यह है कि बड़ी-बड़ी बात करने वाले हिंदी भाषी राज्यों की सरकारें कर क्या रही हैं? क्यों हर बड़ा कल-कारखाना, फैक्ट्री या उद्योग दक्षिण या अन्य राज्यों में खुशी-खुशी चला जाता है। यह भी तब, जब विभिन्न राज्यों में निवेश की यह ताजा सूची कोरोनाकाल के बाद की, यानी जनवरी 22 से जुलाई 22 के बीच हुए निवेश की है।

ऐसा भी नहीं कहा जा सकता है कि इन हिंदी भाषी राज्यों में राजनीतिक अस्थिरता के चलते ऐसा हो रहा होगा। बाकायदा स्थाई सरकारें हैं। मजबूत राजनीतिक माहौल है। फिर भी ऐसा क्यों हो रहा है?

हैरत की बात तो यह भी है कि जो नीतीश कुमार इन दिनों प्रधानमंत्री पद की तैयारी करते यहां- वहां चक्कर काट रहे हैं, उनका बिहार मात्र चार सौ करोड़ के कमजोर निवेश के साथ इस सूची में सबसे पीछे है। गुजरात के हाल तो पूछो मत। वो पिछले साल के 88 हजार करोड़ के निवेश के सामने गिरकर 17 हजार करोड़ पर आ गया है। सालभर में ऐसा क्या हो गया कि वहां निवेश पांच गुना कम हो गया?

केजरीवाल ने तो वहां अभी-अभी जाना शुरू किया है, इसलिए उन पर भी इस गिरावट का आरोप सीधे- सीधे तो नहीं ही बनता। फिर उत्तर प्रदेश के बुल्डोजर बाबा क्या कर रहे हैं? क्या औद्योगिक निवेश में उनकी कोई रुचि ही नहीं है या वे यह समझ बैठे हैं कि मंदिर बनते ही तमाम तरह के निवेश की दिशाएं उनके उत्तर प्रदेश की तरफ मुड़ जाएंगी?

इन्वेस्टमेंट समिट का हल्ला करने वाले राज्यों में शामिल मध्य प्रदेश औद्योगिक निवेश के मामले में झारखंड से भी पीछे है।

इन्वेस्टमेंट समिट का हल्ला करने वाले राज्यों में शामिल मध्य प्रदेश औद्योगिक निवेश के मामले में झारखंड से भी पीछे है।

बहरहाल आंध्र प्रदेश का लोहा सबको मानना ही होगा, क्योंकि यह रिपोर्ट किसी प्राइवेट एजेंसी या संस्थान की नहीं बल्कि केंद्र सरकार के मंत्रालय की है। जहां तक मध्यप्रदेश का सवाल है, वह तो झारखंड से भी पीछे है। हिंदी भाषी राज्यों के पीछे रहने पर आश्चर्य इसलिए भी होता है क्योंकि इन्वेस्टमेंट समिट करके निवेश का सबसे ज्यादा हल्ला यही राज्य करते रहे हैं और आज भी करते फिरते हैं।

MoU होते हैं, लेकिन उनके इम्प्लीमेन्टेशन पर कोई ध्यान नहीं देता। दबाव में आकर उद्योगपति वादे कर जाते हैं और फिर अगली समिट तक इस तरफ पैर करके भी नहीं सोते। यह तस्वीर बदलनी चाहिए।

म्यूचुअल फंड में निवेश कैसे करें?

बस कुछ ही मिनटों में म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट करें

बजाज फाइनेंस ने एक ऑनलाइन इन्वेस्टमेंट प्लेटफॉर्म लॉन्च किया है - बजाज फिनसर्व ऐप, जहां आप कुछ ही क्लिक के साथ डायरेक्ट म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट कर सकते हैं.

Android यूज़र ऐप डाउनलोड कर सकते हैं और नीचे दिए गए चरणों का पालन करके अपना म्यूचुअल फंड इन्वेस्टमेंट शुरू कर सकते हैं:

  1. 1 'ऐप प्राप्त करें' पर क्लिक करें’
  2. 2 अपने मोबाइल नंबर का उपयोग करके लॉग-इन करें
  3. 3 'इन्वेस्टमेंट बाजार' विजेट से 'म्यूचुअल फंड' आइकन पर क्लिक करें
  4. 4 अपना मूल विवरण जैसे पैन नंबर, बैंक अकाउंट का विवरण आदि दर्ज करें और मात्र 5 मिनट में इन्वेस्टमेंट के लिए तैयार हो जाएं
  5. 5 वे फंड चुनें जिनमें आप इन्वेस्ट करना चाहते हैं और नेट बैंकिंग या यूपीआई के माध्यम से भुगतान करके अपना पहला इन्वेस्टमेंट करें

आपको बजाज फाइनेंस के माध्यम से म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट क्यों करना चाहिए

बजाज फाइनेंस के साथ म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट करने के कुछ कारण इस प्रकार हैं.

    निवेश या Investment क्यों किया जाता है?
  • आप एक ही प्लेटफॉर्म पर सभी एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (एएमसी) के म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट कर सकते हैं
  • हम एक पेपरलेस और तेज़ ऑनलाइन अकाउंट खोलने की प्रक्रिया प्रदान करते हैं
  • 0% एजेंट/डिस्ट्रीब्यूटर कमीशन के चलते आप ज़्यादा रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं
  • अकाउंट खोलने पर कोई शुल्क नहीं लिया जाता
  • आप हमारी मोबाइल ऐप के साथ आसानी से इन्वेस्टमेंट कर सकते हैं और अपने पोर्टफोलियो को ट्रैक कर सकते हैं
  • अपने सभी म्यूचुअल फंड इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो को एक ही जगह पर देखें और ट्रैक करें

एमएफ संबंधी सामान्य प्रश्न

डिस्क्लेमर

म्यूचुअल फंड निवेश बाज़ार जोखिमों के अधीन हैं; स्कीम से संबंधित सभी डॉक्यूमेंट ध्यान से पढ़ें.

बजाज फाइनेंस लिमिटेड ('बीएफएल') आरबीआई के साथ डिपॉजिट स्वीकार करने वाले नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल संस्थान के रूप में रजिस्टर्ड है, और एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया ("एएमएफआई") के साथ थर्ड पार्टी म्यूचुअल फंड (जिसे संक्षेप में 'म्यूचुअल फंड' कहा जाता है) के डिस्ट्रीब्यूटर के रूप में रजिस्टर्ड है.

डायरेक्ट म्यूचुअल फंड में इन्वेस्टमेंट करने में रुचि रखने वाले कस्टमर बजाज फिनसर्व डायरेक्ट लिमिटेड ("बीएफडीएल") के माध्यम से अपना इन्वेस्टमेंट करने पर विचार कर सकते हैं, जो बजाज फिनसर्व लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है और यह रजिस्ट्रेशन नंबर आईएनए000016083 के साथ इन्वेस्टमेंट एडवाइज़र के रूप में सेबी के साथ रजिस्टर्ड है. बीएफडीएल प्लेटफॉर्म पर म्यूचुअल फंड केवल निवासी भारतीयों के लिए उपलब्ध हैं और ये भारत के क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र के बाहर रहने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए उपलब्ध नहीं हैं. यहां पर यह भी ध्यान दिया जाना चाहिए कि बीएफएल केवल संभावित कस्टमर को रेफर कर रहा है जो बीएफडीएल की डायरेक्ट म्यूचुअल फंड स्कीम में इन्वेस्ट करने में रुचि ले सकते हैं, इस मामले में बीएफएल स्वयं को सभी जोखिम और जिम्मेदारियों से मुक्त रखता है.

बीएफएल किसी भी तरीके से या किसी भी रूप में इन्वेस्टमेंट सलाहकार सर्विसेज़ प्रदान नहीं करता है. बीएफएल इन्वेस्टर की जोखिम प्रोफाइलिंग नहीं करता है और किसी भी म्यूचुअल फंड स्कीम या अन्य इन्वेस्टमेंट के लिए स्वतंत्र रिसर्च या विश्लेषण नहीं करता है. बीएफएल द्वारा कोई कस्टमाइज़्ड/पर्सनलाइज्ड उपयुक्तता मूल्यांकन नहीं किया जाता है. इसके अलावा, बीएफएल इन्वेस्टमेंट पर रिटर्न की कोई गारंटी नहीं देता है. इसलिए, इन्वेस्टमेंट पर अंतिम निर्णय पूरी तरह से और हर समय केवल इन्वेस्टर का ही होगा और बीएफएल इसके किसी भी परिणाम के लिए उत्तरदायी नहीं होगा न ही उत्तरदायी ठहराया जा सकेगा.

रेटिंग: 4.19
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 867