Written by: Kishori Mishra Updated at: Dec 09, 2021 18:11 IST

Health Tips: सीने के दर्द को नज़रंदाज़ करना पड़ सकता है बेहद भारी, जानें लक्षण और बचाव

सीने में दर्द उठना जितना आम है उतना ही गंभीर भी. इसके प्रति लापरवाही बरतना बेहद ही खतरनाक साबित हो सकता है. चेस्ट पेन के प्रकार उसकी तीव्रता, गंभीरता, अवधि, लोकेशन पर निर्भर करते हैं. इसीलिए आज हम आपके लिए लाए हैं सीने में दर्द के पीछे के कारण, इसके लक्षण और इससे बचाव की विस्तार में जानकारी.

By: एबीपी न्यूज़ | Updated at : 06 Nov 2020 07:54 PM (IST)

Health Tips: सीने में दर्द के कई कारण होते हैं, जैसे कि- मांसपेशियों में दर्द, हड्डी में दर्द, एसिड-रिफ्लक्स, एनजाइना, दिल का दौरा आदि. इनमें से कुछ समस्याएं मामूली हैं तो कुछ गंभीर. लेकिन गौर करने वाली बात ये है कि ज़्यादातर मरीजों को सीने में उठने वाले सिर और कंधों के बनने का क्या कारण है? दर्द का कारण पता ही नहीं चलता. कुछ दर्द ऐसे होते हैं जो सीने में सुई की तरह चुभते हैं तो कुछ मंद-मंद होते हैं. ऐसे में इन्हें नज़रंदाज़ करना गलत है. इसीलिए आज हम आपको इस समस्या के बारे में विस्तार से बताते हुए, आपके साथ इसके लक्षणों और इससे बचाव की जानकारी साझा करेंगे.

किस तरह के दर्द की अनदेखी न करें जब कभी आपको सीने के बीच में यानि सेंटर में दर्द हो या भारीपन महसूस हो तो समझ जाइए कि ये दर्द गंभीर है. इसके आलावा कंधे, हाथ, जबड़े या पीठ में झनझनाहट होना, पसीना आना, थकावट से होने वाले दर्द आदि पर ध्यान दिया जाना भी ज़रूरी है. इन लक्षणों को नज़रंदाज़ करने से आपको गंभीर समस्या का सामना करना पड़ सकता है.

दर्द से राहत पाने के उपाय अगर घरेलू उपचारों की बात करें तो हल्का खाना खाना ज़्यादा फायदेमंद होता है. इसके अलावा यदि कारण मस्कुलोस्केलेटल है, तो आस-पास किसी मेडिकल स्टोर से पेनकिलर ले सकते हैं. इससे आपके दर्द में आराम मिल जाएगा. वहीं अगर एसिड-रिफ्लक्स आपके दर्द का कारण है, तो एंटासिड आपके काम आ सकती है. ध्यान दें कि, अगर ये दर्द कार्डियक है, तो जीभ के नीचे नाइट्रेट जैसी दवा रखें, इसकी मदद से सीने में दर्द से राहत मिलेगी.

दर्द का कारण बता दें कि, सीने में दर्द के कई कारण होते हैं. यह मस्कुलोस्केलेटल हो सकता है, जो त्वचा, मांसपेशियों, हड्डी या जोड़ों से पैदा होता है. इसके अलावा, ये एसिड-रिफ्लक्स हो सकता है जो फूड-पाइप या पेट में बनने वाले एसिड से पैदा होता है. सीने में दर्द फेफड़े से भी उत्पन्न हो सकता है. दर्द का एक कारण धमनियां भी हैं. मतलब सीने में दर्द हृदय की धमनियों में रुकावट आने से भी हो सकता है, जिससे हृदय की मांसपेशियों में रक्त और ऑक्सीजन की आपूर्ति कम हो जाती है.

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सीने में दर्द के लक्षण - पसीना आना - सांस लेने में तकलीफ - धड़कन कम होना - सिर में मंद दर्द होना - डकार लेना - उल्टी होना

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Published at : 06 Nov 2020 07:54 PM (IST) Tags: chest pain causes symptoms of chest pain chest pain Health Tips हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Lifestyle News in Hindi

शरीर की इन जगहों पर हो दर्द तो भूलकर भी न करें इग्नोर

शरीर में अलग-अलग तरह के दर्द होते हैं, जिनके अनेक कारण होते हैं। किसी दर्द का कारण बिल्कुल सामान्य होता है, तो कुछ के कारण गंभीर भी हो सकते हैं। आप किसी भी दर्द को नजरअंदाज न करें, बता रही हैं निधि.

शरीर की इन जगहों पर हो दर्द तो भूलकर भी न करें इग्नोर

शरीर में अलग-अलग तरह के दर्द होते हैं, जिनके अनेक कारण होते हैं। किसी दर्द का कारण बिल्कुल सामान्य होता है, तो कुछ के कारण गंभीर भी हो सकते हैं। आप किसी भी दर्द को नजरअंदाज न करें, बता रही हैं निधि गोयल

हार्ट अटैक व अन्य कारणों से होने वाले दर्द में फर्क
जब हम अपने बाएं हाथ में दर्द महसूस करते हैं, तो हमें और दूसरी चीजें भी देखनी चाहिए। जैसे पसीने का आना, अचानक ब्लडप्रेशर का कम होना और टहलने पर दर्द का बढ़ जाना। यदि ये सारे लक्षण एक साथ महसूस हो रहे हैं, तो यह हार्ट अटैक हो सकता है। अगर मरीज को डायबिटीज है या उसका कोलेस्ट्रॉल स्तर ठीक नहीं है और तब बाएं हाथ में दर्द महसूस हो, तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, यह हार्ट अटैक से संबंधित हो सकता है।

आप गौर करें, तो देखेंगे कि हमारे शरीर में होने वाले कुछ संकेतों की हम अनदेखी कर देते हैं, जिसका कई बार हमें बड़ा नुकसान उठाना पड़ता है। ऐसा ही एक संकेत है शरीर में दर्द। आपके शरीर के किसी भी हिस्से में दर्द हो रहा है और वह पेन किलर और किसी भी अन्य उपाय से जा नहीं रहा है, तो उसे मामूली समझकर उसकी अनदेखी न करें।

अगर पीठ, कमर या पैरों में लगातार तेज दर्द रहता हो, तो यह सायटिका जैसी गंभीर बीमारी का भी संकेत हो सकता है। अकसर महिलाएं अपनी पीठ, कमर या पैरों के दर्द को थकान की वजह से होने वाली मामूली तकलीफ समझकर उसे नजरअंदाज कर देती हैं, पर ऐसा करना ठीक नहीं। यह सायटिका जैसी गंभीर बीमारी का लक्षण हो सकता है। सायटिका पीठ में दर्द की एक ऐसी स्थिति को कहते हैं, जो सियाटिक नर्व के दब जाने से पैदा होती है। यह नर्व पीठ के निचले हिस्से से शुरू होकर पैरों के अंगूठे तक पहुंचती है। यह नस हमारी मांसपेशियों को शक्ति देने का काम करती है और इसी की वजह से हमें संवेदना महसूस होती है। अगर किसी वजह से यह नर्व दब जाती है, तो यह दूसरी नसों को भी दबाने लगती है। इससे व्यक्ति को कमर, पीठ और पैरों में दर्द होता है।

पेट दर्द
पेट दर्द को हम कई बार मामूली समस्या समझ बैठते हैं। कई बार खाने-पीने या गैस की वजह से पेट में दर्द होना सामान्य हो सकता है, लेकिन अगर बिना वजह आपके पेट के किसी विशेष हिस्से में दर्द हो रहा है, तो यह किसी गंभीर बीमारी की तरफ इशारा हो सकता है।

बायीं ओर : अगर पेट में बायीं तरफ दर्द महसूस हो रहा है और यह कभी-कभार नहीं, बल्कि अकसर होता है, तो सतर्क हो जाएं। यह किडनी संबंधी परेशानी या फिर किडनी में पथरी बनने के कारण भी हो सकता है। इस स्थिति में पानी ज्यादा से ज्यादा पिएं।

दाहिनी ओर : पेट में दाहिनी ओर होने वाला दर्द सेहत से जुड़ी अनेक सिर और कंधों के बनने का क्या कारण है? समस्याओं की ओर इशारा करता है। यह अपेंडिसाइटिस के कारण भी हो सकता है। इसके अलावा महिलाओं में नीचे की ओर यह दर्द गर्भाशय की समस्या के कारण भी हो सकता है।

बीच में : पेट के बीचोबीच होने वाला दर्द पेट में अल्सर होने की तरफ इशारा कर सकता है। यह गैस व अम्लीयता के कारण भी होता है। ऐसा होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं और सलाह लें।

नीचे की ओर : पेट में नीचे की तरफ उठने वाला दर्द मूत्राशय से जुड़ी समस्या की ओर इशारा करता है। यह मूत्रनली में संक्रमण के कारण भी हो सकता है।

सिरदर्द
सिरदर्द वैसे तो आम बीमारी है, लेकिन इसकी लगातार अनदेखी करने से यह खतरनाक भी हो सकती है। कई बार सिरदर्द ब्रेन ट्यूमर, दिमागी बुखार, स्ट्रोक यानी लकवा, ब्रेन हैमरेज और माइग्रेन का भी संकेत हो सकता है। इसलिए सिरदर्द को नजरअंदाज न करें, बल्कि न्यूरोलॉजिस्ट व न्यूरोफिजिशयन की सलाह अवश्य लें।
ऐसे में डॉक्टरी सलाह है जरूरी
अचानक बहुत तेज सिरदर्द होना।
सिरदर्द के साथ बुखार, देखने में परेशानी, व्यवहार में बदलाव, मिर्गी, दौरा व बेहोश होना।
सुबह-सुबह सिरदर्द होना, सिरदर्द के साथ उल्टी आना।
सिरदर्द के साथ हाथ-पैर या शरीर के किसी भाग में कमजोरी होना।
रात में सोते समय अचानक तेज सिरदर्द होना।
बार-बार लंबे समय तक तेज दर्द होना माइग्रेन भी हो सकता है।

बाएं हाथ में दर्द
बाएं हाथ के कंधों में आथ्र्राइटिस या सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस की वजह से भी दर्द हो सकता है। जो लोग कंप्यूटर पर अपना सारा काम बाएं हाथ से करते हैं, उन्हें अकसर सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस की समस्या होती है, जिसकी वजह से बाएं हाथ में दर्द होने लगता है।
(फिजिशियन डॉ. डी. के. चौहान से की गई बातचीत पर आधारित)

गैस का दर्द कहां-कहां हो सकता है? डॉक्टर से जानें गैस के कारण शरीर के हिस्सों में होने वाले दर्द के बारे में

Kishori Mishra

Written by: Kishori Mishra Updated at: Dec 09, 2021 18:11 IST

गैस का दर्द कहां-कहां हो सकता है? डॉक्टर से जानें गैस के कारण शरीर के हिस्सों में होने वाले दर्द के बारे में

गैस पाचन तंत्र में पाचन प्रक्रिया का एक सामान्य हिस्सा है। शरीर में मौजूद अतिरिक्त गैस डकार या फ्लैटस (flatus) के माध्यम से बाहर निकल जाता है। यह एक सामान्य प्रक्रिया है, लेकिन गैस का दर्द तब होता है जब गैस आपके शरीर के किसी हिस्से में फंस जाता है। यह समस्या तब उत्पन्न होती है, जब आपका पाचन तंत्र सही तरीके से कार्य नहीं करता है। गैस तब शरीर में अधिक बनती है, जब व्यक्ति कब्ज या दस्त से ग्रसित होता है। मनीपाल हॉस्पिटल के गैस्ट्रोएन्टेरोलॉजी डॉक्टर कुणाल दास बताते हैं कि गैस होने से शरीर के कुछ हिस्सों जैसे- पेट और सीने में दर्द होता है। प्रतिदिन कम से कम 8 से 10 बार गैस पास होना स्वस्थ शरीर के लिए जरूरी होता है। अगर गैस पास होना बंद हो जाए, तो गैस के दर्द का कारण बन सकता है। आज हम इस लेख में विस्तार से गैस का दर्द कहां - कहां होता है, इसके बारे में जानेंगे।

गैस का दर्द कहां-कहां सिर और कंधों के बनने का क्या कारण है? हो सिर और कंधों के बनने का क्या कारण है? सकता है? ( where does gas pain usually occur )

गैस की वजह से आपको पेट और सीने में दर्द हो सकता है। आइए डॉक्टर से विस्तर से जानते हैं इसके बारे में-

गैस के कारण पेट में दर्द (pain in stomach due to gas )

अक्सर कब्ज और दस्त की वजह से गैस की समस्या होती है। इस स्थिति में आपको पेट में दर्द, मरोड़ और ऐंठन भी हो सकती है। गैस होने पर पेट में दर्द होना एक सामान्य लक्षण है। इसलिए अगर आपको गैस की वजह से पेट में दर्द हो, तो गर्म पानी का सेवन करें। वहीं, अगर समस्या ज्यादा बढ़े, तो डॉक्टर से संपर्क करें।

गैस के कारण सीने में दर्द ( pain in chest due to gas )

अक्सर सीने में होने वाले दर्द को लोग हार्ट अटैक या दिल से जुड़ी बीमारी समझ बैठते हैं। लेकिन ऐसा नहीं है, गैस की वजह से आपके सीने में भी दर्द हो सकता है। डॉक्टर बताते हैं कि जब गैस शरीर से बाहर नहीं निकल पाता है, तो यह आपके शरीर के कई हिस्सों में घूमता है। अगर सीने में यह गैस चला जाए, तो आपकी छाती में जकड़न और बेचैनी हो सकती है। कुछ लोगों को गैस की वजह से सीने में दर्द के साथ-साथ जलन और चुभन भी महसूस हो सकता है। इसलिए अगर आपको सीने में दर्द हो, तो घबराएं नहीं। डॉक्टर से संपर्क करके अपनी समस्या की जांच कराएं।

गैस क्यों बनता है?

डॉक्टर कुणाल दास का कहना है कि गैस की वजह से अलग-अलग लोगों को अलग-अलग तरह की समस्या हो सकती है। कुछ लोगों का कहना है कि गैस की वजह से उनका पेट फूल जाता है, उन्हें पेट में दर्द, डकार ज्यादा होती है। गैस की यह समस्याएं डिस्पेसिया (Dyspraxia) का हिस्सा होता है। इसकी वजह से आपकी छाती में जलन, चक्कर आना, उल्टी, दस्त, मतली जैसी शिकायत हो सकती है। इन समस्याओं का कारण गर्ड ( Gastroesophageal reflux disease ) और सीबो ( Small intestinal bacterial overgrowth ) होता है। डॉक्टर का कहना है कि हमारे पेट में कुछ बैक्टीरिया हमेशा मौजूद होते हैं, लेकिन कुछ कारणवश: बैक्टीरिया ओवरग्रोथ करने लग जाते हैं। जिसकी वजह से शरीर में गैस बनने लगती है।

क्या गैस की वजह से होता है हड्डियों और मांसपेशियों में दर्द होता है ?

डॉक्टर का कहना है कि उनके पास कुछ ऐसे मामले आते हैं, जिसमें मरीजों का कहना होता है कि जब वे हाथ दबाते हैं, तो उन्हें दर्द होता ( pain in hand due to gas ) है और डकार आती है। उनका कहना है कि गैस हमारे शरीर के होलो ऑर्गन ( Hollow organ ) में होती है। मसल्स के अंदर इस तरह की गैस नहीं होती है। इस तरह के कई मरीज नर्वस और एंजायटी से ग्रसित होते हैं। दरअसल, इस तरह के मरीजों में फंक्शनल डिजीज से ग्रसित होते हैं, जिसकी वजह से उन्हें लगता है कि उनकी हड्डियों और मांसपेशियों में गैस की वजह से दर्द हो रहा है। गैस की वजह से मांसपेशियों और हड्डियों में दर्द बायोजिकल नहीं हो सकता है। इस तरह की समस्याएं एंजायटी के फलस्वरूप या फिर अन्य बीमारियों की वजह से सिर, पैर, हाथ, पीठ और कमर में दर्द हो सकता है।

क्या गैस की वजह से शरीर के अन्य हिस्सों में होता है दर्द?

डॉक्टर कुणाल दास बताते हैं कि मांसपेशियों या फिर हड्डियों में गैस की वजह से दर्द बहुत ही रेयर मामलों में देखा गया है। अगर लोगों को लगता है कि उनके पैरे में गैस की वजह से दर्द ( pain in Leg due to gas ) हो रहा है, तो यह एक एंजायटी हो सकती है। उनका कहना है कि गैस की वजह से कमर, पीठ, बाजू, कंधे में दर्द, सिर, पैरों जैसे हिस्सों में दर्द होने की संभावना काफी कम होती है। यह एक बहुत ही दुर्लभ समस्या है, जिसे पायरोमिया (pyromania) कहा जाता है। इस समस्या से ग्रसित मरीजों के मसल्स काले पड़ने लगते हैं। यह बहुत गी गंभीर स्थिति है। आम लोग कहते हैं कि उन्हें गैस की वजह से सिर में दर्द हो रहा है या पीठ में दर्द हो रहा है, तो यह संभव नहीं है। क्योंकि इस तरह के मरीजों का चलना और खड़ा होना तक मुश्किल हो जाता है।

उनका कहना है कि गैस मांसपेशियों में प्रवेश इतनी आसानी से नहीं कर सकता है। अगर किसी रेयर मामलों में शरीर के इन हिस्सों में गैस प्रवेश कर जाए, तो व्यक्ति की स्थिति इतनी गंभीर हो जाती है कि उसे तुरंत डॉक्टर की निगरानी की जरूरत पड़ सकती है। ऐसे में अगर पसलियों में दर्द ( pain in ribs due to gas ), सिर में दर्द ( pain in head due to gas ) या फिर अन्य हिस्सों में दर्द हो, तो इसे नजरअंदाज न करें। इस तरह का दर्द किसी अन्य कारणों से हो सकता है।

गैस होने पर क्या न करें ?

डॉक्टर का कहना है कि हमारी डाइट गैस की समस्या का कारण मुख्य कारण होती है। इसलिए जब भी आपको गैस की परेशानी हो, तो अपने डाइट में बदलाव करें। जैसे-

  • गैस होने पर दूध बिल्कुल भी न लें। हालांकि, अगर आप कैल्शियम लेना चाहते हैं तो दूध से तैयार अन्य चीजें जैसे- छाछ, दही, लस्सी जैसी चीजों का सेवन कर सकते हैं।
  • गैस होने पर सिट्रिक एसिड युक्त फल और सब्जिया जैसे- नींबू, आंवला, संतरा, मौसमी इत्यादि का सेवन न करें।
  • कुछ लोगों का कहना है कि गैस होने पर फाइबर नहीं लेना चाहिए। इस बारे में डॉक्टर बताते हैं कि आपको हाई फाइबर युक्त चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। हालांकि, आप लो फाइबर युक्त आहार ले सकते हैं।
  • खाली पेट कभी भी चाय का सेवन न करें। अगर आप चाहे, तो पूरे दिन में 1 कप चाय पी सकते हैं। लेकिन चाय के साथ कुछ खाने की चीजें जैसे- बिस्किट, नट्स लेना न भूलें।

गैस की वजह से आपके पेट और सीने में दर्द हो सकता है। सिर या फिर शरीर के अन्य हिस्सों में गैस की वजह से दर्द काफी रेयर मामलों में देखा गया है। हालांकि, अगर आपको इस तरह की परेशानी महसूस हो रही है, तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें। ताकि आपको डॉक्टर उचित राय दे सकें।

Migraine Neck Pain: गर्दन तक पहुंच सकता है माइग्रेन का दर्द, इन लक्षणों को ना करें नजरअंदाज

aajtak.in

माइग्रेन में सिर में एक तरफ तेज दर्द होता है जिसे बर्दाश्त करना बहुत मुश्किल होता है. माइग्रेन सिर्फ सिर दर्द तक ही सीमित नहीं रहता है. 4 से 72 घंटे के बीच ये दर्द शरीर के कुछ और हिस्सों में भी महसूस हो सकता है. इसकी वजह से कुछ लोगों को मिचली या उल्टी भी होने लगती है. कुछ लोगों को माइग्रेन का दर्द होने पर आवाज और तेज रौशनी से भी दिक्कत होती है.

माइग्रेन

पुरुषों की तुलना में महिलाओं को माइग्रेन की समस्या ज्यादा होती है. अमेरिका के एक सर्वे के मुताबिक माइग्रेन के 69 फीसद लोगों को सिर के साथ गर्दन में भी तेज दर्द होता है. एक रिसर्च में पाया गया है कि गर्दन का दर्द माइग्रेन का एक लक्षण हो सकता है.

माइग्रेन दर्द

माइग्रेन की वजह से गर्दन दर्द होने के कई कारण बताए जाते हैं. इनमें से एक वजह ये है कि माइग्रेन ट्राइजेमिनोसर्विकल कॉम्प्लेक्स पर असर डालता है. ये दिमाग का वो हिस्सा है जिसमें तंत्रिकाएं चेहरे और ऊपरी गर्दन से जुड़ी होती हैं.

माइग्रेन दर्द की वजह

कुछ अन्य शोधकर्ताओं का मानना है कि मस्कुलोस्केलेटल समस्याओं जैसे कि खराब तरीके से बैठने या फिर जोड़ों के रोग की वजह से भी ऊपरी गर्दन की नसों में खिंचाव होता है जिसकी वजह से माइग्रेन का दर्द बढ़ जाता है.

माइग्रेन में खानपान का रखें ध्यान

माइग्रेन के मरीजों को उन खानपान से बचना चाहिए जो दर्द को बढ़ाने का काम करते हैं जैसे कि खट्टे फल, शराब, प्रोसेस्ड फूड और नाइट्रेट्स वाली चीजें. डाइट में मैग्नीशियम वाली चीजें ज्यादा से ज्यादा शामिल करें. तेज सुंगध या रौशनी से भी माइग्रेन का दर्द बढ़ सकता है.

माइग्रेन और गर्दन दर्द

माइग्रेन और गर्दन दर्द के बीच के संबंध को लेकर कोई सटीक जानकारी नहीं है लेकिन गर्दन दर्द के इलाज से माइग्रेन को भी दूर किया जा सकता है.

दवाएं

दवाएं- माइग्रेन के दर्द को कभी बढ़ने नहीं देना चाहिए. अगर आपको माइग्रेन की समस्या रहती है तो डॉक्टर से संपर्क कर अपना इलाज कराएं. अपनी दवा हमेशा अपने साथ रखें और दर्द महसूस होते ही तुरंत ले लें.

घरेलू इलाज

घरेलू इलाज- कई घरेलू उपचार से भी माइग्रेन और गर्दन दर्द से राहत पाई जा सकती है. जैसे कि दर्द महसूस होने पर कनपटी पर लैवेंडर ऑयल लगाएं. लैवेंडर ऑयल को 15 मिनट तक सूंघने से भी आपको आराम मिलेगा. एक्यूप्रेशर, एक्यूपंक्चर, सोंठ की चाय, मसाज, योग और स्ट्रेचिंग से भी माइग्रेन और गर्दन दर्द कम होगा.

डॉक्टर को कब दिखाएं

डॉक्टर को कब दिखाएं- अगर आपको अक्सर तेज दर्द होता है तो इसे नजरअंदाज ना करें. सिर में चोट लगने, बोलने में दिक्कत महसूस होने, धुंधला दिखाई देने और गर्दन अकड़ जाने पर डॉक्टर से तुरंत सपंर्क करें.

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