Intraday के लिए Stock कैसे चुने | intraday stock kaise select kare

Intraday के लिए Stock कैसे चुने– अच्छा कमाई करने के लिए सही शेयर का चुनना बहुत जरुरी हैं। आज हम जानेंगे अच्छा इंट्राडे में स्टॉप लॉस कैसे लगायें intraday stock kaise select kare कौन से ऐसे Criteria होना चाहिए जिसको फॉलो करने से आप ट्रेडिंग से अच्छा पैसा कमाई करने में आसानी हो।

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Intraday के लिए Stock कैसे चुने

Intraday Trading में आप बहुत ही कम समय के लिए काम करते हो। इसलिए आपका Stock Selection Perfect होना बहुत जरूरी हैं। आपको पहले दिन ही देखना चाहिए कौन से स्टॉक में आपको अगले दिन काम करना हैं। पहले से ही तैयारी करके रखना चाहिए। अगर मार्केट आपके हिसाब से काम करे तो आप अच्छा ट्रेड ले सको।

ज्यादा Liquidity स्टॉक चुने:- Intraday Trading में आपको सबसे पहले ज्यादा Liquidity वाले इंट्राडे में स्टॉप लॉस कैसे लगायें शेयर को ही चुनना चाहिए। Liquidity का मतलब जिस शेयर में Buyer और Seller ज्यादा होता हैं उसी को High Liquidity स्टॉक कहते हैं। अगर खरीदार और बेचनेवाले कम होंगे तब हो चकता है जिस वक्त आप शेयर को Sell करना चाहते हो उस वक्त आपको खरीदार ही ना मिले। इसलिए आपको Intraday के लिए ज्यादा Liquidity स्टॉक में ही ट्रेडिंग करना चाहिए।

ज्यादातर जो कंपनी बड़ी होती है उसमे उतना ही ज्यादा Buyer और Seller मजूद होता है। इसलिए आपको Large cap Stocks को सेलेक्ट करना चाहिए। इसमें आपको हर सेकंड पर खरीदार और बेचनेवाले मिल जायेंगे।

Top Gainers/ Top Loosers स्टॉक चुने:- आपको ट्रेडिंग करने के लिए पिछले दिन के ज्यादा बढ़नेवाले या गिरनेवाला शेयर को चुनना चाहिए। आपको आज ट्रेड करना है तो पिछले दिन के Gainers और Loosers स्टॉक के Chart को देखना चाहिए। अगर कोई स्टॉक ऊपर या नीचे जाने का पहला दिन हैं। तो आपको एसी स्टॉक को Intraday के लिए लेना चाहिए।

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सेक्टर के आधार पर:- मार्केट में पिछले दिन किन सेक्टर में ज्यादा ऊपर नीचे हुआ है। आपको उसमे नजर रखना चाहिए। ट्रेडिंग के दिन जिस भी सेक्टर में आपको ऊपर या नीचे जाते नजर आ रहा है। उस सेक्टर में ट्रेड लेना है ऊपर जा रहा है तो ऊपर का लेना है और नीचे जा रहा है तो नीचे का ट्रेड लेना हैं। आपको मार्केट के हिसाब से चलना चाहिए। जिस तरफ मार्केट जा रहा है उसी दिशा में आपको ट्रेडिंग करना हैं।

न्यूज़ पे असर वाले स्टॉक:- जब भी कोई न्यूज़ आता है उस स्टॉक के बारे में इसका असर शेयर प्राइस पर होते देखना चाहिए। अगर कोई अच्छी खबर आता है तो उसकी प्राइस बढ़ने चाहिए और बुरी खबर आता है तो गिरावट देखना चाहिए। ये होना इसलिए जरुरी है क्युकी कोई अच्छा न्यूज़ आता है उसकी प्राइस बड़ेगी और उसमे ट्रेडिंग करके अच्छा पैसा कमाई कर पाओगे।

Intraday Stocks में क्या नहीं होना चाहिए

Small cap Stock नहीं होना चाहिए:- Intraday में आपको बिल्कुल Small cap Stock पर ट्रेडिंग नहीं करना चाहिए। Mid cap भी अच्छा है लेकिन Large cap Stock सबसे अच्छा हैं Intraday Trading के लिए।

Upper circuit / Lower Circuit स्टॉक:- एसी स्टॉक में आपको बिल्कुल ट्रेडिंग नहीं करनी है जिसमे Upper circuit या Lower Circuit को जल्दी हित करे। अगर कोई भी Intraday Stocks में ये जल्दी लगेगा तो आपको शेयर Buy और Sell करने में प्रॉब्लम होगा। इसलिए आपको एसी स्टॉक से दूर रहना हैं।

मार्केट गिरेगा या बढ़ेगा कैसे पता करे

Intraday Trading में मार्केट गिरेगा या बढ़ेगा इसमें नजर रखना बहुत जरुरी हैं। आपको जानना बहुत जरुरी है मार्केट किस तरफ जाने की संभावना ज्यादा हैं। ऐसे में आपको Global मार्केट को देखना बहुत जरुरी हैं। ये देखना इसलिए जरुरी है क्युकी आम तौर पर ऐसा देखा गया है जब भी Global Market गिरता है Indian मार्केट भी गिरता हैं।

और ऐसा इसलिए भी होता है आज के जो मार्केट है एक दुसरे में लिंक हैं। बहुत सारे ऐसे कंपनी है जो भारत में भी लिस्टेड है और Global बाज़ार में भी लिस्टेड हैं। अगर उसमे प्राइस गिरता है तो इसमें भी इसका असर देखने को मिलता हैं। इसलिए आपको Intraday ट्रेडिंग से पहले Global Market को देखना चाहिए। जिससे उसके आधार पर आप एक अच्छा फैसला ले सके।

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Intraday Trading में नुकसान से बचने के लिए क्या करे

Stop Loss और Target जरुर लगाए:- Intraday Trading में Stop Loss और Target लगाना बहुत जरुरी हैं। अगर आप Stop loss नहीं लगायेंगे तो नुकसान होने की मात्रा बहुत ज्यादा बढ़ जाएगी। और Target नहीं लगाया तो हो चकता है एक बार में अच्छा प्रॉफिट हो लेकिन ज्यादातर आपको नुकसान का सामना करना पर चकता हैं। इसलिए दोनों ट्रेड एक साथ डालना बहुत जरुरी हैं।

लालश से दूर रहे:- ट्रेडिंग से पहले आपने जो भी टारगेट के लिए ट्रेड लिया है उसको हासिल होने के बाद आप प्रॉफिट बुक कर ले और ज्यादा लालश के चक्कर में ना पड़े। ज्यादा देर तक ट्रेडिंग करते रहोगे तो बाद में नुकसान होने की संभावना बढ़ जाता हैं।

मेरी राय:-

शेयर मार्केट में Intraday Trading में बहुत ही रिस्क होता हैं। इसमें जितना जल्दी आप मुनाफा कमा चकते हो उतना जल्दी आप पैसा गवा भी चकते हो। अगर आपको यदि करना ही है तो सबसे पहले कम पैसे से सुरवात करना चाहिए। उतना ही पैसा ट्रेडिंग में लगाए जितना नुकसान होने पर भी ज्यादा फर्क ना पड़े। अगर आप practice और साथ साथ सीखते रहोगे तो जरुर एक सफल ट्रेडर बन पाओगे।

आशा करता हु आपको Intraday के लिए Stock कैसे चुने intraday stock kaise select kare पोस्ट को पढ़के अच्छी तरह से समझ गए होंगे कैसे एक अच्छा शेयर को चुने जाते हैं। अगर आपके मन में इससे जुड़ी कोई भी सवाल या सुझाब है तो कमेंट में जरुर बताए। शेयर मार्केट इंट्राडे में स्टॉप लॉस कैसे लगायें से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी के साथ अपडेट रहने के लिए जरुर हमारे साथ बने रहना चाहिए।

इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए स्टॉप लॉस कैसे सेट करें? | Stop Loss Kaise Lagaye | How to set stop loss?

इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए स्टॉप लॉस कैसे सेट करें? | Stop Loss Kaise Lagaye | How to set stop loss?

How to set stop Loss: स्टॉप लॉस एक ऐसा मेथड है जो किसी भी स्टॉक से होने वाले नुकसान को कम करता है। इसका उपयोग इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए किया जाता है। लेकिन डे ट्रेडिंग के लिए स्टॉप लॉस कैसे सेट करें? (How to set stop loss?) आइये इस लेख में समझें।

How to set stop Loss For Intraday Trading: जब Day Trading होता है, तो किसी के फैसले के खिलाफ रुझान का एक महत्वपूर्ण मौका होता है, जिसके परिणामस्वरूप महत्वपूर्ण नुकसान होता है। घाटे के एक विशेष स्तर पर, एक डे ट्रेडर स्टॉप लॉस ऑर्डर का उपयोग कर सकता है। स्टॉप लॉस मेथड में नीचे का ट्रेंड जब लिमिट से टकराता है तो किसी भी अधिक नुकसान को रोकने के लिए ट्रांजैक्शन ऑटोमैटिक रूप से रद्द कर दिया जाता है। stop-Loss ट्रेडिंग की आवश्यकता नहीं है और यह एक व्यक्तिगत विकल्प है, लेकिन यह एक बड़े नुकसान के खतरे को कम करता है।

तो अगर आप भी डे ट्रेडिंग करना चाहते है और इससे होने वाले खतरे को कम करना चाहते है तो इस लेख में जानिए कि इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए स्टॉप लॉस कैसे सेट करें? (How to set stop loss?)

डे ट्रेडिंग के लिए स्टॉप लॉस ऑर्डर | Stop Loss Kaise Lagaye

Intraday Trading में स्टॉप-लॉस ऑर्डर मेथड का उपयोग करना एक व्यक्तिगत विकल्प है, और स्टॉप-लॉस ऑर्डर के लिए उचित मूल्य निर्धारित करना अधिक आवश्यक है। स्टॉप-लॉस ऑर्डर ट्रेंड में एक विशिष्ट स्तर से नीचे के नुकसान को रोकते हैं और व्यापार से बाहर निकलते हैं, लेकिन अगर स्टॉप-ऑर्डर सही तरीके से नहीं रखा गया है, तो यह घाटे को बढ़ाने के लिए एक खिड़की खोलता है, और दिन इंट्राडे में स्टॉप लॉस कैसे लगायें के बाद से अधिक सतर्क और खतरनाक है। व्यापारी बिना किसी लाभ के समाप्त हो सकता है।

इसके अलावा, जब कोई व्यापारी छुट्टी पर या यात्रा पर होता है, तो वह यह जानकर दिन के लिए व्यापार छोड़ सकता है कि स्टॉप-लॉस ऑर्डर के कारण कोई नुकसान नहीं होगा या सीमित नुकसान होगा।

स्टॉप-लॉस ऑर्डर कितने पर लगाया जाना चाहिए

Stop Loss Kaise Lagaye: ट्रेडिंग करते समय, स्टॉप-लॉस ऑर्डर में कितना स्थान देना है, इस मुद्दे का सामना करना सामान्य है। स्टॉप-लॉस ऑर्डर का मूल्य निर्धारित करने के लिए व्यापारियों द्वारा अक्सर परसेंटेज मेथड का उपयोग किया जाता है। Stop-Loss Order आमतौर पर उस व्यक्ति द्वारा खरीद मूल्य के 10% पर रखा जाता है जो नुकसान के बड़े जोखिम को रोकना चाहता है। उदाहरण के लिए अगर स्टॉक 100 रुपये में खरीदा जाता है और स्टॉप-लॉस ऑर्डर 10% पर रखा गया है, तो जैसे ही जैसे ही स्टॉक की कीमत 90 रुपए होगी तो आर्डर समाप्त हो जाएगा। यह गारंटी देता है कि स्टॉक का आदान-प्रदान या लेनदेन पूरा होने पर कोई महत्वपूर्ण नुकसान नहीं होता है।

समर्थन और प्रतिरोध | Support and Resistance

स्टॉप-लॉस ऑर्डर का उपयोग करने का मुख्य लाभ समर्थन और प्रतिरोध (Support and Resistance) है इंट्राडे ट्रेडर्स बड़े नुकसान से बचने के लिए लाभ उठा सकते हैं, खासकर जब स्टॉप-लॉस पर 10% नियम का उपयोग करके और नुकसान को रोकने के लिए। जब 10% स्टॉप लॉस का उपयोग किया जाता है। इसके अलावा, स्टॉप-लॉस पद्धति दिन के व्यापारियों को नुकसान को रोकने में मदद करती है जब वे एक बुरा निर्णय लेते हैं और बाजार के रुझान उनके खिलाफ होते हैं।

जब स्टॉक का ट्रेंड पसंद के खिलाफ जाता है तो एक निश्चित समय पर ट्रांजैक्शन को ऑटोमैटिक रूप से समाप्त करके अतिरिक्त नुकसान को रोकने के लिए स्टॉप-लॉस मेथड का उपयोग किया जाता है। यह एक शानदार समाधान है और डे ट्रेडर्स के व्यापारियों के लिए व्यक्तिगत प्राथमिकता है जो कीमतों में गिरावट के बाद पैसे खोने से रोकना चाहते हैं। स्टॉप-लॉस ऑर्डर अक्सर स्विंग लो और हाई ऑर्डर के साथ आगे के नुकसान को रोकने के लिए उपयोग किए जाते हैं, क्योंकि वे खतरनाक होते हैं और इसके परिणामस्वरूप सामान्य से अधिक नुकसान हो सकता है।

Stop Loss कैसे लगाये – Trading Account में शेयर पर स्टॉप लोस कैसे लगते है ?

शेयर मार्किट में ट्रेडिंग करते समय Stop Loss एक ढाल कि तरह काम करता है . क्योंकि stop loss शेयर पर ट्रेडिंग करते समय ट्रेडिंग में loss होने से आपको बचाता है .

आप चाहे इंट्राडे या डे ट्रेडिंग करे या फिर scalping Trading आपको Stop Loss हमेशा लगाना चाहिए. अगर आप stop loss के बारे में नहीं जानते कि stop loss क्या है तो चलिए जानते है .

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Stop Loss Kya Hai ?

Stop Loss एक ऐसा विकल्प होता है जिसका उपयोग करके आप ट्रेडिंग के समय होने वाले नुकसान को कम कर सकते है .

लेकिन stop loss का उपयोग लोग सिर्फ ट्रेडिंग में होने वाले नुकसान के लिए नहीं करते बल्कि लोग stop loss का उपयोग ट्रेडिंग में मुनाफा कमाने के लिए भी करते है .

तो stop loss के बारे में और भी विस्तार से जानने के लिए आप हमारी नीचे दी गई पोस्ट को पढ़े इसमें आपको stop loss क्या होता है उसकी पूरी जानकारी मिल जायगी .

स्टॉप लोस के बारे में जानने के बाद अब बरी आती है stop loss को लगाने कि, तो चलिए जानते है कि stop loss कैसे लगाये .

Stop Loss Kaise Lagaye?

स्टॉप लोस को लगाने से पहले आपको अपनी ट्रेडिंग कि एक योजना बनानी पड़ेगी ताकि आप आसानी से stop loss को कैलकुलेट कर सके.

चलिए एक उदाहरण से समझते है .

मान लेते है कि आप ने एक कम्पनी को चुना जिसके शेयर पर आप आज ट्रेडिंग करेंगे . आपने इंट्राडे में स्टॉप लॉस कैसे लगायें उस company के Share कि कीमत पर analysis किया और पाया कि रोज इस कंपनी के शेयर में 20 रूपए प्रति शेयर का उतार-चढ़ाब आता है .

तो अब अपने एक योजना बनाई कि में शेयर को कम दाम पर खरीदूंगा और उसके बाद शेयर कि कीमत पर 20 रूपए बढ़ जाने पर इसे बेच दुगा .

मान लेते है कि शेयर मार्किट के शुरू होते ही शेयर कि कीमत 175 रूपए प्रति शेयर है और अपने 175 रूपए प्रति शेयर कि कीमत पर शेयर खरीद लिए .

अब शेयर कि कीमत बढ़ना शुरू हुई और अब आपने शेयर को बेचने के लिए शेयर कि कीमत आपके target के हिसाब से 190 रूपए प्रति शेयर रख दी .

ताकि जैसे ही शेयर कि कीमत 190 रूपए प्रति शेयर तक पहुचे तो आपके शेयर अपने आप बिक जाये और 15 रूपए प्रति शेयर का मुनाफा आपके खाते में जामा हो जाये .

चुकी शेयर मार्किट में शेयर कि कीमत घटती और बढ़ती रहती है तो अब बरी आती है stop loss लगाने कि तो आपने अपने analysis के हिसाब से stop loss लगा दिया 167 रूपए प्रति शेयर का .

यानि अगर आपके ख़रीदे गए शेयर कि कीमत से शेयर कि कीमत 8 रूपए प्रति शेयर घटती है तो आपके शेयर अपने आप बिक जाये ताकि आपको ज्यादा नुकसान ना हो .

Share कि कीमत बढ़ने पर Stop Loss लगाना ?

अब मान लेते है कि आपके शेयर कि कीमत और बढ़ कर 189 रूपए प्रति शेयर हो गई और आपको लगता है कि शेयर कि कीमत 5 रूपए प्रति शेयर और बढ़ेगी .

तो ऐसी इस्थिती में आप अपने stop loss और target दोनों को बदल सकते है . अब ऐसी इस्थिती में आप अपने शेयर का टारगेट 200 रूपए प्रति शेयर रख सकते है .

वही अपना stop loss 195 रूपए प्रति शेयर . इससे अगर भविष्य में शेयर कि कीमत 200 रूपए प्रति शेयर से घटना शुरू हो इंट्राडे में स्टॉप लॉस कैसे लगायें गई तब भी आपको आपका बुक किया गया मुनाफा मिल जाये .

Trading Account Me Stop Loss Kaise Lagaye ?

ट्रेडिंग अकाउंट में हमेशा दो विकल्प होते है Buy और Sell या तो आप शेयर को खरीदेंगे या बेचेंगे. आप भी ट्रेडिंग में यही करते है .

तो Stop Loss हमेशा Sell पर लगाया जाता है ताकि आपके नुकसान को बचाया जा सके और टारगेट भी Sell पर लगाया जाता है ताकि मुनाफा कमाया जा सके .

लेकिन जब आपके पास शेयर होंगे ही नहीं तो आप बेचेंगे क्या ? तो ऐसी इस्थिती में आप Buy के विकल्प का उपयोग करते है ताकि आप अपनी मर्ज़ी कि कंपनी के शेयर खरीद सकते .

आप जब किसी ब्रोकर के पास ट्रेडिंग अकाउंट खोलते है तो वो आपको एक software देता है जिसकी मदद से आप स्टॉक एक्सचेंज में शेयर खरीद व् बेच सकते है . तो उसी software में आपको stop loss लगाने का विकल्प मिलता है जिसकी मदद से आप Stop Loss लगा सकते है .

अब आप जान गए है कि Stop Loss Kaise Lagaye अगर अभी भी इंट्राडे में स्टॉप लॉस कैसे लगायें इंट्राडे में स्टॉप लॉस कैसे लगायें आपके मान में स्टॉप लोस से जुढ़े सवाल है जो आप हम से पूछना चाहते है तो “सवाल पूछे” बटन को दबा कर पूछ सकते है .

अगर आपको हमारी यह पोस्ट स्टॉप लोस कैसे लगाए अच्छी लगी तो अपने दोस्तों और परिवार के लोगों के साथ शेयर करे ताकि जब भी वो कभी ट्रेडिंग करे तो stop loss का उपयोग कर सके .

शेयर बाज़ार में स्टॉप लॉस क्या है | Stop Loss Meaning in Hindi

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यदि आप शेयर बाजार में ट्रेडिंग करते हैं, तो आपने स्टॉप लॉस के बारे में जरूर सुना होगा और यदि आप शेयर बाजार में अभी नए-नए हैं, तो आप को स्टॉप लॉस के बारे में जानना काफी महत्वपूर्ण है. क्योंकि इसके मदद से आप शेयर बाजार में अपने होने वाले लॉस को बचा सकते हैं.

शेयर बाजार में Stock को दो प्रकार से एक्सेक्यूट (Execute) करा सकते हैं पहला मार्केट ऑर्डर (Market Order) और दूसरा लिमिट ऑर्डर (Limit Order).

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What is Stop Loss in Share Market in Hindi

Stop Loss का प्रयोग Stock Execute होने के बाद ही किया जाता है. स्टॉप लॉस के मदद से मार्केट में होने वाले नुकसान से आप बच सकते हैं.

स्टॉप लॉस का प्रयोग आप चाहे डे ट्रेडिंग (Day trading) या इंट्राडे (Intraday) या इंट्राडे में स्टॉप लॉस कैसे लगायें फिर स्कल्पिंग (Scalping) Trading के लिए कर सकते हैं.

शेयर बाजार में स्टॉक का प्राइस ऊपर–नीचे होता रहता हैं. इसका मतलब है कि मार्केट में स्टॉक का प्राइस अचानक ऊपर की ओर चला जायेगा. जिससे आपको प्रॉफिट भी हो सकता है, लेकिन प्राइस नीचे की ओर भी आ सकता है जिसे आपको नुकसान का सामना करना पड़ सकता है. इसलिए एक अच्छा ट्रेडर बनने के लिए आपको हमेशा स्टॉपलॉस का प्रयोग करना चाहिए.

Advantage of Stop Loss (स्टॉप लॉस लगाने के फायदे)

  • Stop Loss ऑप्शन के मदद से अपने risk को कम कर सकते हैं.
  • Stop Loss के मदद से एक trader अपने capital को भी बचा सकता हैं,
  • Stop Loss को trail करके अपने profit भी secure कर सकते हैं.
  • Stoploss के मदद से आप trading में काफ़ी समय तक टीक भी सकते हैं.
  • Stop Loss एक risk management का हिस्सा भी हैं.

Disadvantage of Stop Loss (स्टॉप लॉस लगाने के नुकसान)

  • Stop Loss के नियम जानें बिन यदि आप stop loss लगाते हैं, तो स्टॉप लॉस जल्दी-जल्दी hit होगा.
  • स्टॉप लॉस सिर्फ intraday के लिए ही सही है, होल्डिंग स्टॉक के लिए नहीं.
  • शेयर बाजार में यदि ज्यादा volatility (उतार-चढ़ाव) हैं, तो stop loss hit होने का संभावना काफी ज्यादा रहता हैं.

स्टॉप लॉस कैसे लगाएं

चलिए हम एक उदाहरण से जानते हैं कि स्टॉप लॉस का प्रयोग कैसे करते हैं.

उदाहरण के लिए, मान लीजिए की अनिल प्रति शेयर ₹500 इंट्राडे में स्टॉप लॉस कैसे लगायें की दर से ABC कंपनी में 100 शेयर खरीदता है. अचानक शेयर की कीमत प्रति शेयर के हिसाब से ₹10 गिर जाता है. शेयर की कीमत ₹490 हो जाता हैं. अनिल अपने नुकसान को सीमित करना चाहता है, तो वह ₹450 रुपए पर एक स्टॉप लॉस ऑर्डर लगा देता है, अगर कीमत ₹450 रुपए से नीचे भी गिर जाता है, तो अनिल का स्टॉपलॉस हिट कर जाएगा और इंट्राडे में स्टॉप लॉस कैसे लगायें उसे एक सीमित नुकसान होगा. यानी अनिल का जो Broker होगा. वह ₹450 की कीमत पर शेयर को बेच देगा और आगे होने वाले नुकसान को रोक लेगा.

दूसरी ओर यदि शेयर की कीमत बढ़ जाती है ₹550 रुपए प्रति शेयर हो जाता. तो अनिल अपने शेयर को बेच कर मुनाफा कमा सकता है या फिर stop-loss को ट्रेल कर अपने प्रॉफिट को secure कर सकता है.

शेयर मार्केट में ट्रिगर प्राइस क्या हैं (What is Trigger Price)

शेयर मार्केट में दो प्रकार से आर्डर को एग्जीक्यूट किए जाते हैं. पहला Buy और दूसरा Sell. ट्रिगर प्राइस का प्रयोग मार्केट में buy इंट्राडे में स्टॉप लॉस कैसे लगायें ओर sell के आर्डर को एक्टिवेट करने के लिए उपयोग करते हैं।

ट्रिगर प्राइस को आप buy करने के लिए या फिर sell करने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। जब किसी शेयर पर स्टॉप लॉस लगाते हैं, तो वहां पर ट्रिगर प्राइस का इस्तेमाल किया जाता है.

यदि आप कोई शेयर buy या sell करना चाहते हैं तो उसमें स्टॉप लॉस लगाते समय आप ट्रिगर प्राइस भी लगा सकते हैं।

Trigger price meaning in Hindi

जब आप शेयर पर स्टॉप लॉस लगाने जाएंगे, तो वहां पर आपको तो ऑप्शन मिलेगा. पहला ट्रिगर प्राइस (Trigger Price) दूसरा लिमिट प्राइस (Limit Price). अब ट्रिगर प्राइस ऑप्शन में आपको एक प्राइस दर्ज करना है. जोकि लिमिट प्राइस से अधिक और मार्केट प्राइस से कम यानी कि दोनों वैल्यू के बीच का कोई एक प्राइस दर्ज करना है. जैसे ही शेयर का प्राइस आपके द्वारा दर्ज किए गए ट्रिगर प्राइस तक पहुंचता है. आपका stop-loss ऑर्डर सिस्टम के द्वारा एक्टिवेट कर दिया जाएगा. और जब भी मार्केट प्राइस आपके द्वारा दर्ज किए गए लिमिट प्राइस तक पहुंचता है आपका stop-loss आर्डर एग्जीक्यूट हो जाएगा ।

इसमें एक बात और भी ध्यान रखिएगा. की जब तक स्टॉक का प्राइस दर्ज किए गए ट्रिगर प्राइस तक नहीं पहुंचता तब तक ऑर्डर आपके स्टॉक ब्रोकर तक ही रहेगा। इस ऑर्डर को एक्सचेंज तक नहीं भेजा जायेगा।

FAQ’s

Q1. शेयर खरीदते समय स्टॉप लॉस कैसे लगाएं ?

Ans. शेयर खरीदते समय आपको अपने risk और reward पॉइंट्स जैसे 1:2 को तय कर लेना चाहिए. उसके अनुसार स्टॉपलॉस लगाए।

Q2. ट्रिगर प्राइस क्या होता है ?

Ans. ट्रिगर प्राइस का प्रयोग मार्केट में buy ओर sell के आर्डर को एक्टिवेट करने के लिए उपयोग करते हैं।

Q3. ट्रिगर प्राइस और लिमिट प्राइस में क्या अंतर है ?

Ans. ट्रिगर प्राइस स्टॉप लॉस को एक्टिवेट करता है और लिमिट प्राइस स्टॉक को Execute करता है|

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Intraday Trading: शॉर्ट टर्म के निवेशकों में इंट्राडे ट्रेडिंग का भी चलन है, जहां वे एक ही दिन में शेयर की खरीद और बिक्री से मोटा मुनाफा कमाना चाहते हैं. बाजार में एक ही ट्रेडिंग डे पर शेयर खरीदने और बेचने को इंट्रा डे ट्रेडिंग कहते हैं. यहां शेयर में पैसा इस उद्दश्य से लगाया जाता है कि उसी दिन उसमें होने वाली बढ़त से मुनाफा कमाया जा सके. वैसे अगर सही ​स्टॉक की पहचान हो जाए तो बाजार से कुछ घंटों में ही बड़ा मुनाफा कमाया जा सकता है. लेकिन यहां ध्यान रखने वाली बात यह है कि इंट्राडे ट्रेडिंग में रिस्क होता है. इसलिए इंट्राडे ट्रेडर्स को कुछ खास बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है, जिससे वे नुकसान से बच सकें और कम समय में अच्छी कमाई कर सकें. इंट्रा डे में आप किसी शेयर में कितनी भी रकम लगा सकते हैं. हमने यहां अलग अलग ब्रोकरेज हाउस के हवाले से ऐसी कुछ टिप्स दी हैं. (image: pixabay)

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