बीमा, पर्यटन, बैंकिंग, खुदरा, शिक्षा, और सामाजिक सेवाएं आदि जैसे सेवा क्षेत्र में अर्थव्यवस्था के नरम (सॉफ्ट) हिस्से होते हैं। नरम -क्षेत्र (सॉफ्ट सेक्टर) के रोजगार में लोग उत्पादकता, प्रभावशीलता, प्रदर्शन में सुधार क्षमता और स्थिरता बनाने के लिए अपने समय का प्रयोग संपति बनाने, संपति एकत्र करने तथा प्रकिया विनीयोजन के लिए करते हैं। सेवा उद्योग में कारोबार के लिए सेवाओं के प्रावधान के साथ- साथ अंतिम उपभोक्ता भी शामिल रहते हैं। सेवाओं को उत्पादक से एक ग्राहक तक पहुंचने में परिवहन, वितरण और माल की बिक्री शामिल हो सकती है जो एक थोक और खुदरा व्यापार के रूप में भी हो सकती/सकता है, अथवा पेस्ट कंट्रोल या मनोरंजन के रूप में भी एक सेवा का प्रावधान शामिल हो सकता है। थोक और खुदरा बिक्री में सेवा, एक उपभोक्ता के लिए निर्माता से परिवहन, वितरण और माल की बिक्री में शामिल हो सकती है। माल को एक सेवा प्रदान करने की प्रक्रिया में तब्दील किया जा सकता है, जैसे- रेस्तरां उद्योग में या उपकरणों की मरम्मत में होता है। हालांकि, भौतिक वस्तुओं को बदलने की बजाय मुख्य लक्ष्य, लोगों का एक दूसरे के साथ बातचीत करना तथा ग्राहक की सेवा करना होता है।
भारतीय सेवा क्षेत्र: एक परिचय
अर्थव्यवस्था का वह क्षेत्र जो सेवा से सम्बंधित कार्यो में लगा हुआ है सेवा क्षेत्र कहलाता है सेवा क्षेत्र में मुख्य रूप से शामिल होने वाली सेवाएं इस प्रकार हैं:- परिवहन, कूरियर, सूचना क्षेत्र की सेवाएं, प्रतिभूतियां, रियल एस्टेट,होटल एवं रेस्टोरेंट, वैज्ञानिक और तकनीकी सेवाएं, अपशिष्ट प्रबंधन, स्वास्थ्य कल्याण और सामाजिक सहायता; तथा कला, और मनोरंजन सेवाएं इत्यादि आतीं है।
अर्थव्यवस्था का वह क्षेत्र जो सेवा से सम्बंधित कार्यो तेजी की प्रवृत्ति तेज होने पर UNI में लगा हुआ है सेवा क्षेत्र कहलाता है| सेवा क्षेत्र में मुख्य रूप से शामिल होने वाली सेवाएं इस प्रकार हैं:- परिवहन, कूरियर, सूचना क्षेत्र की सेवाएं, प्रतिभूतियां, रियल एस्टेट,होटल एवं रेस्टोरेंट, वैज्ञानिक और तकनीकी सेवाएं, अपशिष्ट प्रबंधन, स्वास्थ्य कल्याण और सामाजिक सहायता; तथा कला, और मनोरंजन सेवाएं इत्यादि आतीं है। यह क्षेत्र भारतीय सकल घरेलू उत्पाद में करीब 60 फीसदी का योगदान देता है। इसे अर्थव्यवस्था के तीसरे क्षेत्र (Tertiary sector) के रूप में भी जाना जाता है।
तेजी की प्रवृत्ति तेज होने पर UNI
Year: Jan, 2018
Volume: 14 / Issue: 2
Pages: 1901 - 1907 (7)
Publisher: Ignited Minds Journals
Source:
E-ISSN: 2230-7540
DOI:
Published URL: http://ignited.in/I/a/293182
Published On: Jan, 2018
भारतीय परिवार में परिवार प्रणाली परिवर्तन और कारण | Original Article
Mamta Kumari*, in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education | Multidisciplinary Academic Research
अगर आपका भी लोगों से मिलने का अचानक से करने लगा है मन तो हो जाएं सतर्क
जब किसी इंसान की तबियत खराब होती है तो वो घर पर ही आराम करना चाहता तेजी की प्रवृत्ति तेज होने पर UNI है लेकिन कोरोना सहित अन्य जानलेवा संक्रमण का सबब बनने वाले वायरस मानव मस्तिष्क पर कब्जा कर संक्रमित का बर्ताव बदल सकते हैं। चिंता की बात तो यह है कि कोरोनावायरस लक्षण उभरने से पहले ही लोगों के बर्ताव में बदलाव लाने लगता है। इससे संक्रमण के तेजी से फैलने का जोखिम बढ़ जाता है।
स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ न्यूयॉर्क के हालिया अध्ययन में कुछ नई बातें पता चली हैं। शोधकर्ताओं के मुताबिक सार्स-कोव-2 वायरस ‘एंटीरियर सिंगुलेट कॉर्टेक्स (एसीसी)’ को अपने इशारों पर नचाता है। ‘एसीसी’मानव मस्तिष्क का वह हिस्सा है, जो भावनाओं के नियंत्रण और सामाजिक प्रवृत्ति के निर्धारण में अहम भूमिका निभाता है। इससे संक्रमित सोशल डिस्टेंसिंग को नजरअंदाज करने और दोस्तों-रिश्तेदारों से ज्यादा घुलने-मिलने के लिए प्रेरित होते हैं।
पर्यावरण: चरम मौसमी घटनाओं में तेज़ी के मद्देनज़र विशेषज्ञों ने दी खतरे की चेतावनी
निमली (राजस्थान): चरम मौसम की घटनाओं ने समूचे देश भर में लोगों की जानें ली हैं और कई लोगों, मुख्य रूप से गरीबों की आजीविका को प्रभावित करना शुरू कर दिया है। विशेषज्ञों के द्वारा इस बात का खुलासा किया गया है कि जलवायु परिवर्तन के कारण आने वाले दिनों में चरम मौसमी घटनाओं में और भी अधिक वृद्धि की संभावना है।
भारत मौसम विभाग (आईएमडी) के मौसम विज्ञान महानिदेशक, मृत्युंजय महापात्रा ने कहा है कि 2021 में, चरम मौसम की घटनाओं के चलते महाराष्ट्र, ओडिशा और मध्यप्रदेश जैसे राज्यों में सबसे अधिक संख्या में मौतें हुई हैं; जबकि मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और उत्तरप्रदेश में सबसे अधिक जिले इससे प्रभावित हुए हैं।
गेट्स इंस्टीट्यूट ने दुनिया भर में 170 शहरों में यौन और प्रजनन स्वास्थ्य हस्तक्षेप को बढ़ाने के लिए $ 71.3 मिलियन के दो अनुदानों से सम्मानित किया
जॉन्स हॉपकिंस ब्लूमबर्ग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ में जनसंख्या और प्रजनन स्वास्थ्य के लिए बिल एंड मेलिंडा गेट्स संस्थान को कुल $७१,३००,०००-एक बायर एजी से और एक बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन से दो अनुदान से सम्मानित किया गया तेजी की प्रवृत्ति तेज होने पर UNI है-की पहुंच का विस्तार करने के लिए The Challenge Initiative (TCI), एक वैश्विक मंच है कि महिलाओं और अफ्रीका और एशिया में गरीब शहरी समुदायों में रहने वाली लड़कियों की यौन और प्रजनन स्वास्थ्य की जरूरत का समर्थन करता है ।
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