डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट, तीन पैसे की कमजोरी के साथ 74.42 प्रति डॉलर पर बंद
छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.14 प्रतिशत घटकर 96.41 रह गया।
Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: November 23, 2021 19:55 IST
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डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट
Highlights
- आज रुपया डॉलर के मुकाबले दिन के उच्चतम स्तर 74.38 के स्तर तक पहुंचा
- कारोबार के दौरान रुपये 19 पैसे के दायरे में रहा
नई दिल्ली। कच्चे तेली की कीमतों में गिरावट और घरेलू शेयर बाजार में तेजी के रुख के बीच विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में मंगलवार को रुपये की शुरुआती गिरावट काफी कम हो गयी और अंत में डॉलर के मुकाबले रुपया तीन पैसे की गिरावट के साथ 74.42 प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 74.48 के स्तर पर खुला और कारोबार के दौरान यह दिन के उच्चतम स्तर 74.38 रुपये और निम्नतम स्तर 74.57 रुपये को छूने के बाद अंत में डॉलर के मुकाबले तीन पैसे की गिरावट के साथ 74.42 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। सोमवार को यह 74.39 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक, दिलीप परमार ने कहा, ‘‘भारतीय रुपया शुरुआती नुकसान के बाद काफी सुधर गया। घरेलू शेयरों में सौदों की कमी को पूरा करने के लिए हुई लिवाली (शॉर्ट-कवरिंग) से रुपया लगभग अपरिवर्तित रुख के साथ बंद हुआ। एशियाई मुद्राओं में मजबूती, कच्चे तेल की कम कीमत और स्थिर डॉलर इंडेक्स ने रुपये का समर्थन किया।’’
रुपये पर असर डालने वाले अन्य संकेतों में बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स कारोबार के अंत में 198.44 अंक की तेजी के साथ 58,664.33 अंक पर बंद हुआ। छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.14 प्रतिशत घटकर 96.41 रह गया। इस बीच, वैश्विक तेल मानक ब्रेंट कच्चा तेल वायदा 0.97 प्रतिशत घटकर 78.93 डॉलर प्रति बैरल रह गया। छह प्रमुख वैश्विक मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की घट बढ़ को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.14 प्रतिशत की गिरावट के साथ 96.41 रह गया। कच्चे तेल की घटती कीमतों से भी रुपये को समर्थन मिला।
देश का विदेशी मुद्रा भंडार रेकॉर्ड ऊंचाई पर, 1.013 अरब डॉलर बढ़कर 610.012 अरब डॉलर पहुंचा
रिजर्व बैंक के साप्ताहिक आंकड़े के मुताबिक समीक्षाधीन सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि की वजह विदेशी मुद्रा संपत्तियों (एफसीए) में हुई बढ़ोतरी है जो समग्र भंडार का प्रमुख घटक है।
विदेशी मुद्रा में सुधार से देश की अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी। (फोटो- इंडियन एक्सप्रेस)
देश का विदेशी मुद्रा भंडार 2 जुलाई, 2021 को समाप्त सप्ताह में 1.013 अरब डॉलर बढ़कर 610.012 अरब डॉलर की रेकॉर्ड शुरुआती के लिए विदेशी मुद्रा पाठ्यक्रम ऊंचाई पर पहुंच गया। भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़े के मुताबिक 25 जून को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 5.066 अरब डॉलर बढ़कर 608.999 अरब डॉलर हो गया था।
रिजर्व बैंक के साप्ताहिक आंकड़े के मुताबिक समीक्षाधीन सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि की वजह विदेशी मुद्रा संपत्तियों (एफसीए) में हुई बढ़ोतरी है जो समग्र भंडार का प्रमुख घटक है। इस दौरान एफसीए 74.8 करोड़ डॉलर की वृद्धि के साथ 566.988 अरब डॉलर हो गया। डॉलर में बताई जाने वाली विदेशी मुद्रा संपत्तियों में विदेशी मुद्रा भंडार में रखी यूरो, पाउंड और येन जैसी दूसरी विदेशी शुरुआती के लिए विदेशी मुद्रा पाठ्यक्रम मुद्राओं के मूल्य में वृद्धि या कमी का प्रभाव भी शामिल होता है।
आंकड़े के मुताबिक इस दौरान सोने का भंडार 7.6 करोड़ डॉलर की वृद्धि के साथ 36.372 अरब डॉलर हो गया। वहीं, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के पास मौजूद विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 4.9 करोड़ डॉलर बढ़कर 1.548 अरब डॉलर हो गया। रिजर्व बैंक ने बताया कि आलोच्य सप्ताह के दौरान आइएमएफ के पास मौजूद भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 13.9 करोड़ डॉलर बढ़कर 5.105 अरब डॉलर हो गया।
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सरकारी स्वर्ण बांड योजना शुरुआती के लिए विदेशी मुद्रा पाठ्यक्रम 2021-22 के लिएनिर्गम मूल्य 4,807 रुपए प्रति ग्राम रखा गया है। यह खरीद के लिए 12 जुलाई से खुलेगा। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) ने शुक्रवार को यह कहा। सरकारी स्वर्ण बांड (एसजीबी) योजना 2021-22 की चौथी शृंखला 12 जुलाई से 16 जुलाई, 2021 तक खरीद के लिए खुलेगी।
स्वर्ण बांड चौथी शृंखला : निर्गम मूल्य 4,807 रुपए प्रति ग्राम तय
आरबीआइ के अनुसार स्वर्ण बांड का मूल्य 4,807 रुपए प्रति ग्राम तय किया गया है। भारत सरकार के परामर्श से रिजर्व बैंक आनलाइन आवेदन और डिजिटल तरीके से भुगतान करने वाले निवशकों को 50 रुपए प्रति ग्राम की छूट देगा। ऐसे निवेशकों के लिए निर्गम मूल्य 4,757 रुपए प्रति ग्राम होगा। तीसरी शृंखला के स्वर्ण बांड का निर्गम मूल्य 4,889 रुपए प्रति ग्राम था। यह खरीद को लेकर 31 मई से चार जून, 2021 तक खुला था।
इससे पहले सरकार ने घोषणा की थी कि वह मई 2021 से सितंबर 2021 तक छह चरणों में सरकारी स्वर्ण बांड जारी करेगी। आरबीआइ भारत सरकार की ओर से बांड जारी करेगा। बांड, बैंकों (छोटे वित्त बैंकों और भुगतान बैंकों को छोड़कर), स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन आॅफ इंडिया लिमिटेड (एसएचसीआइएल), मनोनीत डाकघरों और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज आॅफ इंडिया लिमिटेड और बीएसई जैसे मान्यता प्राप्त शेयर बाजारों के माध्यम से बेचे जाएंगे। 2015 में शुरू स्वर्ण बांड एसजीबी योजना से मार्च 2021 के अंत तक कुल 25,702 करोड़ रुपए जुटाए गए हैं। रिजर्व बैंक ने 2020-21 के दौरान 16,049 करोड़ रुपए (32.35 टन) की कुल राशि के एसजीबी की 12 शृंखला जारी की थी।
Forex ट्रेडिंग क्या है? | What is Forex in Hindi
दोस्तों आप में से बहुत से लोग ट्रेडिंग करते होंगे और ट्रेडिंग कई तरह की होती है उन्ही में से एक फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग होती है, लेकिन क्या आपको पता है कि फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग क्या होती है और ये कितने तरह की होती है अगर नही, तो आइये आज इस आर्टिकल में हम आपको फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग से रिलेटेड पूरी इनफार्मेशन देते हैं.
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Table of Contents
Forex ट्रेडिंग क्या है (What is Forex in Hindi)
फॉरेक्स का अर्थ होता है विदेशी मुद्रा का विनिमय विदेशी मुद्रा की खरीदारी करना और ट्रेडिंग का अर्थ होता है किसी भी चीज़ का बिज़नेस करना.
फॉरेक्स ट्रेनिंग एक ऐसी ट्रेडिंग होती है जिसमे हम किसी भी दूसरे देश की करेंसी का एक जोड़ा खरीदते हैं बस जोड़े में दो करेंसी होती है इन करेंसीज का मार्केट में मूल्य घटता और बढ़ता रहता है तो ऐसे में फॉरेस्ट ट्रेडिंग करने वाला व्यक्ति टेक्निकल एनालिसिस करके अंदाजा लगाता है की आज कनसी किस रेट में नीचे जाने वाला है और किस रेट में ये ऊपर आने वाला है फॉरेक्स ट्रेडिंग में हम अच्छा पैसा लगाकर इनकम भी कमा सकते हैं फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग दुनिया की सबसे बड़ी मार्केट है जहाँ दुनिया की सभी करेंसी की ट्रेडिंग होती है। जहाँ तक बात भारत फॉरेक्स ट्रेडिंग की है तो यहाँ निवेशकों के मन में फॉरेक्स ट्रेडिंग की वैधता (लीगल) को को लेकर जरूर संदेह है.
भारत में फॉरेक्स ट्रेडिंग करना पूरी तरह से कानूनी काम है लेकिन यह केवल भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और भारतीय सिक्योरिटी विनिमय बोर्ड द्वारा तय पूर्व निर्धारित सीमाओं के तहत कि यूज किया जाता है.
ऐसे में अगर यदि कोई व्यक्ति भारत में फॉरेक्स ट्रेडिंग शुरू करना चाहता है तो उसे इसके बारे में अच्छी जानकारी भी होनी चाहिए.
फॉरेक्स ट्रेडिंग कैसे काम करता है
जिस तरह से इक्विटी ट्रेडिंग में हमारे प्रॉफिट और लॉस के लिए हमारे द्वारा लिए गए किसी भी शेयर के मूल्य बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण होते हैं ठीक उसी प्रकार से फॉरेक्स ट्रेडिंग भी हमारे देश के शेयर मार्केट में होने वाले इक्विटी ट्रेडिंग के जैसा ही होता है
फोरेक्स ट्रेडिंग में हमारे फायदे और नुकसान के लिए किसी भी विदेशी करेंसी का एक्सचेंज रेट या अंतर्राष्ट्रीय बाजार में उसके घटते बढ़ते हुए मोहल्ले इसका बहुत मायने रखते हैं उदाहरण मन कोई व्यक्ति हैं जो फॉरेक्स ट्रेडिंग करता है और वह डॉलर के बढ़ते हुए मूल्य में अच्छा प्रॉफिट लेना चाहते हैं तो मान लीजिये की उसने 70 शुरुआती के लिए विदेशी मुद्रा पाठ्यक्रम के हिसाब से 1000 यूएस डॉलर खरीद लिये जिनकी वैल्यू 7000 रूपये होती है और ये मान लीजिए कि कल उनमें 300 की वृद्धि हो शुरुआती के लिए विदेशी मुद्रा पाठ्यक्रम रही है और जब वो उन $1000 का बेचता है तब उसे 73000 रूपये मिलते हैं फॉरेक्स ट्रेडिंग में अच्छा प्रॉफिट कमाने के लिए उसे अच्छी तरह से एक्सचेंज रेट का टेक्निकल लाइन से करना होगा.
फॉरेक्स ट्रेडिंग के लिए बेस्ट करेंसी कौन सी है
फॉरेक्स ट्रेडिंग करने के लिए सभी देशों की मुद्राएं में से सबसे अच्छी करेंसी है
इन देशों की करंसी मैं अगर आप फॉरेक्स ट्रेडिंग करते हैं तो यह आपके लिए काफी बेनिफिट वाला हो सकता है.
हमारे देश भारत में फॉरेक्स ट्रेडिंग कैसे करें?
हमारे देश में बहुत से लोग शेयर मार्केट में इन्वेस्टमेंट करते हैं लेकिन शुरुआती के लिए विदेशी मुद्रा पाठ्यक्रम उन्हें फॉरेक्स ट्रेडिंग के बारे में बहुत ज्यादा जानकारी न होने के कारण वह फॉरेक्स ट्रेडिंग नहीं कर पाते हैं हमारे भारत देश में बहुत सारी बड़ी बड़ी कंपनियां हैं और बड़े बड़े बैंक हैं जो फॉरेक्स ट्रेडिंग करते है और अच्छा प्रॉफिट भी कमाते हैं फॉरेक्स ट्रेडिंग में इन्वेस्टमेंट शुरुआती के लिए विदेशी मुद्रा पाठ्यक्रम कर कोई भी अच्छी इनकम कमा सकता है जैसे कि आप शेयर मार्केट में करते हुए इसमें बहुत ही कम रिस्क होता है पर ये आपको अच्छा प्रॉफिट भी देता है जिसके लिए आपको ब्रोकर आपको अच्छा मार्जिन भी देते हैं जिस कारण से अब कम इन्वेस्टमेंट करते हैं अधिक से अधिक फॉरेक्स ट्रेडिंग कर सकते हैं
फॉरेक्स ट्रेडिंग की सावधानियां क्या-क्या है?
फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग करने के लिए आपको ये सावधानियां रखना जरूरी है-
- फॉरेक्स ट्रेडिंग करने के लिए आपको इसके बारे में अच्छी जानकारी होनी चाहिए
- फॉरेक्स ट्रेडिंग करने के लिए आप पहले से ही मार्केट में एक इन्वेस्टर ग्रुप में काम कर रहे हो तो आप इसमें अच्छा प्रॉफिट कमा सकते हैं
- आज के टाइम में तो फर्स्ट थिंग करने के लिए बहुत से कोर्स भी आते हैं आप उन कोशिशों कर सकते हैं
- अगर आप फॉरेस्ट ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो उसके लिए आपको टेक्निकल एनालिसिस का अच्छा ज्ञान होना चाहिए और आप को मार्केट का पूर्वानुमान लगाना भी आना चाहिए
- फॉरेक्स ट्रेडिंग शुरू करने के लिए आपके पास एक अच्छा बैंक बैलेंस भी होना चाहिए जिससे अगर आपको कभी ट्रेडिंग करने में कोई घाटा हो तो आप उसे कवर कर सकते हैं.
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आज आपने क्या सीखा?
हमे उम्मीद है कि हमारा ये (forex kya hai) आर्टिकल आपको काफी पसन्द आया होगा और आपके लिए काफी यूजफुल भी होगा क्युकी इसमे हमने फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग से रिलेटेड पूरी जानकारी दी है.
हमारी ये (forex kya hai) जानकारी कैसी लगी कमेंट करके जरुर बताइयेगा और ज्यादा से ज्यादा लोगो के साथ भी जरुर शेयर कीजियेगा.
चीन-यूक्रेन से लौटे मेडिकल विद्यार्थियों के लिए समाधान खोजें
नई दिल्ली, एजेंसी। उच्चतम न्यायालय ने यूक्रेन और चीन से लौटे मेडिकल के.
उच्चतम न्यायालय ने यूक्रेन और चीन से लौटे मेडिकल के स्नातक विद्यार्थियों की पढ़ाई को लेकर शुक्रवार को केंद्र सरकार और राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) को समाधान ढूंढ़ने का निर्देश दिया। न्यायालय ने कहा कि यदि इस स्तर पर कोई समाधान नहीं निकाला गया तो उनका करिअर अधर शुरुआती के लिए विदेशी मुद्रा पाठ्यक्रम में लटक जाएगा।
न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति विक्रमनाथ की पीठ ने कहा, यदि जरूरत हो तो केंद्र सरकार विद्यार्थियों की समस्याओं का समाधान ढूंढ़ने के लिए विशेषज्ञों की एक समिति गठित कर सकती है। शीर्ष अदालत ने उम्मीद जताई कि केंद्र उसकी सलाह को उचित महत्व देगी और उन विद्यार्थियों का करिअर बचाने के लिए समाधान ढूंढ़ेगी जो देश की संपत्ति हैं। न्यायालय ने कहा, यदि कोई समाधान नहीं मिला तो न केवल विद्यार्थियों का पूरा करिअर अधर में लटक जाएगा, बल्कि परिवारों को भी जूझना होगा। अधिकतर विद्यार्थी अपना पाठ्यक्रम पूरा कर चुके हैं, लेकिन क्लीनिकल प्रशिक्षण लेने में समर्थ शुरुआती के लिए विदेशी मुद्रा पाठ्यक्रम नहीं हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए घटाया वृद्धि दर का अनुमान, रेपो रेट बढ़कर 6.25 फीसदी हुआ
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है और वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुस्ती के बीच इसे उम्मीद की किरण के रूप में देखा जा रहा है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए घटाया वृद्धि दर का अनुमान, रेपो रेट बढ़कर 6.25 फीसदी हुआ
Highlights रिजर्व बैंक ने सितंबर में भी वृद्धि दर का अनुमान घटाया था। विश्व बैंक ने मंगलवार को चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की वृद्धि दर के अनुमान को 6.5 से बढ़ाकर 6.9 प्रतिशत कर दिया। रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास ने आगे कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था जुझारू बनी हुई है।
नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष (2022-23) के लिए देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर का अनुमान घटाकर 6.8 फीसदी कर दिया है। इससे पहले रिजर्व बैंक ने वृद्धि दर सात फीसदी रहने का अनुमान लगाया था। आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति ने नीतिगत दर रेपो में 0.35 फीसदी की और वृद्धि की. इसके साथ ही रेपो दर बढ़कर 6.25 फीसदी हुई.
वहीं, रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत शुरुआती के लिए विदेशी मुद्रा पाठ्यक्रम दास ने बुधवार को कहा कि वैश्विक स्तर पर अनिश्चितताओं के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है और देश निवेश के लिए आकर्षक गंतव्य बना हुआ है. उन्होंने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता, खाद्य सामग्री की कमी और ईंधन की ऊंची कीमतों से गरीब सबसे ज्यादा प्रभावित है. रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से वैश्विक स्तर पर मुद्रास्फीति ऊंची बनी हुई है.
मौद्रिक नीति समिति का नीतिगत दर के मामले में उदार रुख वापस लेने का रुख बरकरार है. दास ने आगे कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था जुझारू बनी हुई है. वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुस्ती के बीच भारत एक उम्मीद की किरण है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा कि रेपो दर में 0.35 फीसदी वृद्धि का निर्णय बाजार उम्मीदों के अनुरूप है.
साथ ही, मुख्य मुद्रास्फीति ऊंची बनी हुई है और मौद्रिक कदम उठाने की जरूरत है. उन्होंने ये भी कहा कि बैंकिंग प्रणाली में नकदी की स्थिति अधिशेष है. दास ने ये भी कहा कि कृषि क्षेत्र मजबूत है. रबी की बुवाई सामान्य से 6.8 फीसदी अधिक है. चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-नवंबर की अवधि में गैर-खाद्य ऋण बढ़कर 10.6 लाख करोड़ रुपये हुआ. पिछले साल की समान अवधि में यह 1.9 लाख करोड़ रुपये था.
दास ने कहा कि आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष के लिए आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को सात फीसदी से घटाकर 6.8 फीसदी किया. रिजर्व बैंक आंकड़ों पर गौर करने के बाद उसी के आधार पर नीतिगत कदम उठाएगा. आगामी महीनों में नकदी की स्थिति सुधरेगी. आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष के लिए मुद्रास्फीति 6.7 फीसदी रहने का अनुमान जताया, तीसरी तिमाही में इसके 6.6 फीसदी और चौथी तिमाही में 5.9 फीसदी रहने की संभावना है.
आरबीआई गवर्नर ने ये भी कहा कि विदेशी मुद्रा भंडार संतोषजनक. दो दिसंबर को यह बढ़कर 551.2 अरब डॉलर हुआ. 21 अक्टूबर को यह 524 अरब डॉलर पर था. रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए कहा कि वृद्धि दर के अनुमान में कमी के बावूजद भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा।
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