शेयर मार्केट में Option Trading क्या है, Call और Put क्या है
शेयर मार्केट में बहुत सारे लोगों को नहीं पता Option Trading क्या है, Call और Put क्या है। शेयर बाज़ार में ट्रेडिंग करने के लिए बहुत सारे माय्धाम है उनमे से एक है Option Trading। बहुत सारे लोग शेयर मार्केट में Call & Put खरीद करके ट्रेडिंग करते हैं। आज हम सरल भाषा में जानेंगे Option Trading कैसे करे, क्या हैं-
Option Trading क्या हैं:-
आपको नाम से ही पता लग गया होगा Option का मतलब विकल्प। उदाहरण के लिए- मान लीजिये आप एक कंपनी का 1000 शेयर 5000 रुपये प्रीमियम देकर 1 महीने बाद का 100 रुपये में खरीदने का Option लेते हो। ऐसे में उस कंपनी का शेयर 1 महीने बाद 70 हो गया तब आपके पास विकल्प (Option) रहेगा उस शेयर को नुकसान में ना खरीदने का।
ऐसे में आपका प्रीमियम का पैसा डूब जायेगा। आप्शन ट्रेडिंग में नुकसान आपका उतना ही है जितना पैसा आपने प्रीमियम लेते समय दिया था। तो ऐसे में नुकसान कम से कम करने के लिए Option का प्रयोग होता हैं।
Call और Put क्या है:-
Option Trading दो तरह का होता है एक है Call और दूसरा Put। ऑप्शन ट्रेडिंग में आप दोनों तरफ पैसा लगा सकते हैं। आप यदि Call खरीद रहे हो तो तेजी की तरफ पैसा लगा रहे हो ठीक उसी तरह Put खरीदते हो तो मंदी की तरफ पैसा लगा रहे हो। आप जिस प्राइस के ऊपर Call खरीदा उसके ऊपर का प्राइस जाने के बाद ही आपको फ़ायदा होगा। ठीक उसी तरह Put खरीदा तो जिस प्राइस के ऊपर खरीदा उसके नीचे गया तो ही आपको फ़ायदा होगा।
Option Trading का Expiry कब होता है:-
Option Trading में दो तरह का Expiry होता है एक होता है सप्ताह और दूसरा होता है महीना में। सप्ताह (Weekly Expiry) में हर गुरूवार को ही NIFTY 50 और BANK NIFTY का expiry होता हैं। महीना में शेयर का अंतिम गुरूवार expiry होता है, जो शेयर Option Trading में लिस्टेड हैं।
कब ज्यादा नुकसान हो सकता है:-
जो लोग Call या Put Option को खरीदते है उनको Premium का ही ज्यादा से ज्यादा नुकसान हो सकता है। लेकिन जो लोग Call और Put को बेच देते है उनका नुकसान असीमित हैं। बहुत बड़े बड़े ट्रेडर ही Call या Put को बेचते हैं उसके पास नॉलेज के साथ पैसा भी बहुत होता हैं।
Option Trading कैसे करे:-
ऑप्शन ट्रेडिंग करने के लिए आप एक कंपनी का 1 शेयर नहीं खरीद सकते आपको LOT में खरीदना पड़ेगा. Nifty50 का एक Lot 75 का होता है लेकिन शेयर में ज्यादा होता हैं। किसी भी शेयर और Nifty50, Bank NIfty का Option खरीदने के लिए आपको जाना होगा आपके Demat Account में। उसके बाद जो भी खरीदना है उसमे आपको देखने को मिलेगा Option Chain आप उस पर से आपको Call या Put जो भी खरीदना है खरीद सकते हैं।
क्या आपको Option Trading करना चाहिए हमारी राय:-
दोस्तों आप यदि नए हो शेयर मार्केट में तो आपको इतना जोखिम नहीं लेना है। आपको लंबे समय के लिए शेयर में इन्वेस्ट करना चाहिए। Option Trading बहुत ज्यादा रिस्क भी है और रिवॉर्ड भी। आप यदि सही तरीके से पैसा लगाएंगे तो आपको बहुत अच्छा मुनाफा होगा। किसी के दिए हुए नुस्के से आप बिल्कुल मत इन्वेस्ट करो आप पहले सीखिए उसके बाद इन्वेस्ट करे।
आशा करता हु आप हमारे पोस्ट शेयर मार्केट में Option Trading क्या है, Call और Put क्या है पढ़के आपको सिखने को मिला। और भी शेयर मार्केट के बारे में जानने के लिए आप हमारे और भी पोस्ट को पढ़ सकते हैं।
OPTION TRADING
what is option trading
आज हम आपको बात करे गे ऑप्शन ट्रेडिंग के बारे में |
ऑप्शन ट्रेडिंग एक ऐसा ट्रेडिंग है जो आपको 100% आपको मुनाफा करता है हा में जुठ नहीं बोलता हु यकींन मानिए जो आप लोग इसमें ट्रेडिंग करे गे तो आपको मुनाफा ज्यादा हो सकता हे परन्तु जो आपलोग को इसमें कोई भी जोखिम नहीं है और इसमें कोई जोखिम के चान्स बहुत ही कम रहते है | यानि कोई भी कंपनी में ट्रेडिंग द्वारा इसमें बहुत से विकल्प दिए जाते है | इसी लिए कहवात के अनुसार जहा सारे विकल्प हो तो आपका पैसे डूबेंगे नहीं बाद आपको जानकारी जरुरी है |
सुरक्षा खरीदने के अधिकार को ‘कॉल’ के रूप में जाना जाता है, जबकि बेचने के अधिकार को ‘पुट’ कहा जाता है।और किसी भी ऑप्शन द्वारा सुरक्षा के द्वारा भी मिलता है ऑप्शन ट्रेडिंग से आप इन्वेस्ट के दौरान आपकी ट्रेडिंग जल्दसे ही बढ़ ने लगती है |
हालांकि यह स्टॉक ट्रेडिंग की तुलना में थोड़ा अधिक जटिल है, यदि सुरक्षा की कीमत बढ़ जाती है, तो विकल्प आपको अपेक्षाकृत बड़ा मुनाफा कमाने में मदद कर सकते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि आपको विकल्प अनुबंध में सुरक्षा के लिए पूरी कीमत नहीं चुकानी पड़ती है। उसी तरह, विकल्प ट्रेडिंग आपके नुकसान को सीमित कर सकती है यदि सुरक्षा की कीमत नीचे जाती है, जिसे हेजिंग के रूप में जाना जाता है।
खरीदार के पास बहुत सरे विकल्प होते हे पर वो विकल्प को बेच नहीं सकता है | परन्तु खरीदार अग्रिम भुक्तने बदले में सहमत तिथि या बनके पहले विकल्प को चुनता है | तो वे अपनी तो उसको सहमत सम्पति को बेचना चाहिए |
विकल्प अनुबंध में प्रवेश करते समय दस्तावेजों का कोई भौतिक आदान-प्रदान नहीं होता है। लेन-देन केवल स्टॉक एक्सचेंज में दर्ज किए जाते हैं जिसके माध्यम से उन्हें रूट किया जाता है। इसी को ऑप्शन ट्रेडिंग कहते है ||
जब आप डेरिवेटिव सेगमेंट में ट्रेडिंग कर रहे होते हैं, तो आपके सामने कई ऐसे शब्द आएंगे जो विदेशी लग सकते हैं। यहां कुछ विकल्प-संबंधित शब्दजाल हैं जिनके बारे में आपको पता होना चाहिए।|
benefit of option trading
विकल्प ट्रेडिंग निश्चित रूप से उम्र का हो गया है, कम से कम भारत में इक्विटी बाजारों में। विकल्प न केवल तरल होते हैं बल्कि वे दैनिक मात्रा के मामले में नकद बाजार और वायदा बाजार से कई गुना बड़े होते हैं। यहां हम ऑप्शन ट्रेडिंग के फायदे और ऑप्शन खरीदारों और ऑप्शन सेलर्स के लिए ऑप्शन ट्रेडिंग के लाभों को देखते हैं। यहां विकल्प ट्रेडिंग के लाभों की त्वरित समीक्षा की गई है।|
विकल्प ट्रेडिंग जोखिम की हेजिंग की अनुमति देता है। उदाहरण के लिए, यदि आप किसी स्टॉक पर लंबे समय से हैं और आपने कम पुट विकल्प खरीदा है, तो आपका जोखिम सीमित है। उदाहरण के लिए, यदि आप 810 रुपये के स्टॉक में लंबे समय से हैं और आप 5 रुपये के प्रीमियम पर 800 रुपये का पुट ऑप्शन खरीदते हैं, तो आपका अधिकतम नुकसान 15 रुपये है। यह विकल्पों की शक्ति है क्योंकि कीमत कितनी भी कम हो, इससे आपका नुकसान होता है।
इसी लिए आप जब जियादा इन्वेस्ट करोगे तो आपका स्टॉक लम्बे समय तक आपको मुनाफा मिलता रहता है इसे आपको ज्यादा नुकसान नहीं होगा इसी लिए आप कम इन्वेस्ट न करे इसके बाद जोभी नुकसान होगा वो बहुत मेहगा पड़ेगा इसी लिए आप 250 रुपये के शेयर पे आप खाली 10 रुपये के प्रीमियम पे 240 का पूत ऑप्शन खरीद ते है तो आपको 30 रुपये का होगा इसी लिए प्रीमियम ज्यादा कर के आपको मुनाफा बहुत होगा |
विकल्प आपको स्टॉक रखने की लागत को कम करने में मदद करते हैं। उदाहरण के लिए, यदि आपके पास स्टॉक है और कीमत अभी नहीं बढ़ रही है तो आप उच्च कॉल विकल्प बेच सकते हैं और प्रीमियम कमा सकते हैं और उस संपत्ति को रखने की अपनी लागत को कम कर सकते हैं।
विकल्प कारोबार में शामिल जोखिम
मोटे तौर पर, विकल्पों में व्यापार करने के लिए पांच जोखिम हैं और ये सामान्य हैं, भले ही आप विकल्पों के खरीदार या विक्रेता हों।
संभावित नुकसान बहुत बड़ा हो सकता है, खासकर जब नग्न विकल्प बेचे जाते हैं। इसलिए सावधानी जरूरी है। इसके अलावा, भले ही आप विकल्प खरीद रहे हों और कई मौकों पर आपके विकल्पों की समय सीमा समाप्त हो जाती है, यह आपकी ट्रेडिंग क्षमता को खराब कर सकता है।
विकल्पों बेचे जाते है इससे कोई सावधानी जरुरी है इसी लिए आपको खरीदी पे आपको समय की सिमा की समाप्ति होनेसे ट्रेडिंग के बराबर दोबारा वही मिस्टेक न हो इसे आपको कोई जोखिम भी रहता नहीं है इसे ऑप्शन ट्रेडिंग कहते है |
OPTION TRADING
what is option trading
आज हम आपको बात करे गे ऑप्शन ट्रेडिंग के बारे में |
ऑप्शन ट्रेडिंग एक ऐसा ट्रेडिंग है जो आपको 100% आपको मुनाफा करता है हा में जुठ नहीं बोलता हु यकींन मानिए जो आप लोग इसमें ट्रेडिंग करे गे तो आपको मुनाफा ज्यादा हो सकता हे परन्तु जो आपलोग को इसमें कोई भी जोखिम नहीं है और इसमें कोई जोखिम के चान्स बहुत ही कम रहते है | यानि कोई भी कंपनी में ट्रेडिंग द्वारा इसमें बहुत से विकल्प दिए जाते है | इसी लिए कहवात के अनुसार जहा सारे विकल्प हो तो आपका पैसे डूबेंगे नहीं बाद आपको जानकारी जरुरी है |
सुरक्षा खरीदने के अधिकार को ‘कॉल’ के रूप में जाना जाता है, जबकि बेचने के अधिकार को ‘पुट’ कहा जाता है।और किसी भी ऑप्शन द्वारा सुरक्षा के द्वारा भी मिलता है ऑप्शन ट्रेडिंग से आप इन्वेस्ट के दौरान आपकी ट्रेडिंग जल्दसे ही बढ़ ने लगती है |
हालांकि यह स्टॉक ट्रेडिंग की तुलना में थोड़ा अधिक जटिल है, यदि सुरक्षा की कीमत बढ़ जाती है, तो विकल्प आपको अपेक्षाकृत बड़ा मुनाफा कमाने में मदद कर सकते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि आपको विकल्प अनुबंध में सुरक्षा के लिए पूरी कीमत नहीं चुकानी पड़ती है। उसी तरह, विकल्प ट्रेडिंग आपके नुकसान को सीमित कर सकती है यदि सुरक्षा की कीमत नीचे जाती है, जिसे हेजिंग के रूप में जाना जाता है।
खरीदार के पास बहुत सरे विकल्प होते हे पर वो विकल्प को बेच नहीं सकता है | परन्तु खरीदार अग्रिम भुक्तने बदले में सहमत तिथि या बनके पहले विकल्प को चुनता है | तो वे अपनी तो उसको सहमत सम्पति को बेचना चाहिए |
विकल्प अनुबंध में प्रवेश करते समय दस्तावेजों का कोई भौतिक आदान-प्रदान नहीं होता है। लेन-देन केवल स्टॉक एक्सचेंज में दर्ज किए जाते हैं जिसके माध्यम से उन्हें रूट किया जाता है। इसी को ऑप्शन ट्रेडिंग कहते है ||
जब आप डेरिवेटिव सेगमेंट में ट्रेडिंग कर रहे होते हैं, तो आपके सामने कई ऐसे शब्द आएंगे जो विदेशी लग सकते हैं। यहां कुछ विकल्प-संबंधित शब्दजाल हैं जिनके बारे में आपको पता होना चाहिए।|
benefit of option trading
विकल्प ट्रेडिंग निश्चित रूप से उम्र का विकल्प ट्रेडिंग क्या हैं हो गया है, कम से कम भारत में इक्विटी बाजारों में। विकल्प न केवल तरल होते हैं बल्कि वे दैनिक मात्रा के मामले में नकद बाजार और वायदा बाजार से कई गुना बड़े होते हैं। यहां हम ऑप्शन ट्रेडिंग के फायदे और ऑप्शन खरीदारों और ऑप्शन सेलर्स के लिए ऑप्शन ट्रेडिंग के लाभों को देखते हैं। यहां विकल्प ट्रेडिंग के लाभों की त्वरित समीक्षा की गई है।|
विकल्प ट्रेडिंग जोखिम की हेजिंग की अनुमति देता है। उदाहरण के लिए, यदि आप किसी स्टॉक पर लंबे समय से हैं और आपने कम पुट विकल्प खरीदा है, तो आपका जोखिम सीमित है। उदाहरण के लिए, यदि आप 810 रुपये के स्टॉक में लंबे समय से हैं और आप 5 रुपये के प्रीमियम पर 800 रुपये का पुट ऑप्शन खरीदते हैं, तो आपका अधिकतम नुकसान 15 रुपये है। यह विकल्पों की शक्ति है क्योंकि कीमत कितनी भी कम हो, इससे आपका नुकसान होता है।
इसी लिए आप जब जियादा इन्वेस्ट करोगे तो आपका स्टॉक लम्बे समय तक आपको मुनाफा मिलता रहता है इसे आपको ज्यादा नुकसान नहीं होगा इसी लिए आप कम इन्वेस्ट न करे इसके बाद जोभी नुकसान होगा वो बहुत मेहगा पड़ेगा इसी लिए आप 250 रुपये के शेयर पे आप खाली 10 रुपये के प्रीमियम पे 240 का पूत ऑप्शन खरीद ते है तो आपको 30 रुपये का होगा इसी लिए प्रीमियम ज्यादा कर के आपको मुनाफा बहुत होगा |
विकल्प आपको स्टॉक रखने की लागत को कम करने में मदद करते हैं। उदाहरण के लिए, यदि आपके पास स्टॉक है और कीमत अभी नहीं बढ़ रही है तो आप उच्च कॉल विकल्प बेच सकते हैं और प्रीमियम कमा सकते हैं और उस संपत्ति को रखने की अपनी लागत को कम कर सकते हैं।
विकल्प कारोबार में शामिल जोखिम
मोटे तौर पर, विकल्पों में व्यापार करने के लिए पांच जोखिम हैं और ये सामान्य हैं, भले ही आप विकल्पों के खरीदार या विक्रेता हों।
संभावित नुकसान बहुत बड़ा हो सकता है, खासकर जब नग्न विकल्प बेचे जाते हैं। इसलिए सावधानी जरूरी है। इसके अलावा, भले ही आप विकल्प खरीद रहे हों और कई मौकों पर आपके विकल्पों की समय सीमा समाप्त हो जाती है, यह आपकी ट्रेडिंग क्षमता को खराब कर सकता है।
विकल्पों बेचे जाते है इससे कोई सावधानी जरुरी है इसी लिए आपको खरीदी पे आपको समय की सिमा की समाप्ति होनेसे ट्रेडिंग के बराबर दोबारा वही मिस्टेक न हो इसे आपको कोई जोखिम भी रहता नहीं है इसे ऑप्शन ट्रेडिंग कहते है |
5 मिनट में जानिये कमोडिटी मार्केट में कैसे करें ऑप्शन ट्रेडिंग
ऑप्शन ट्रेडिंग है क्या? क्या हैं इसके फायदें? कौन कर सकता है ऑप्शन ट्रेडिंग? क्या हैं इसकी जरूरी शर्तें? इन सवालों के सभी जबाव 5 मिनट में .
इसे एक उदाहरण से समझा जा सकता है. वायदा कारोबार में आप 30 हजार के भाव पर गोल्ड की एक लॉट खरीदते हैं. लेकिन सोने का भाव 1000 रुपये टूट जाता है और 29 हजार तक आ जाता है तो एक लॉट पर आपको एक लाख रुपये का नुकसान उठाना पड़ता है. वहीं, ऑप्शन ट्रेडिंग में अगर आपने कॉल ऑप्शन खरीदा है तो 50 रुपये प्रति दस ग्राम प्रीमियम चुकाकर यह नुकसान घटकर सिर्फ 5000 रुपये रह जाता है.
फ्यूचर ट्रेडिंग से कैसे अलग है ऑप्शन ट्रेडिंग
फ्यूचर बाज़ार में हेजिंग का टूल नहीं है यानी इसमें सौदे को ओपन (खुला) छोड़ते हैं या फिर स्टॉपलॉस लगाते हैं . अगर स्टॉपलॉस लगाने पर उस स्तर पर सौदा खुद ही कट जाता है लेकिन नुकसान जरूर होता है. स्टॉपलॉस न लगाया तो नुकसान ज्यादा होता है. जबकि पुट ऑप्शन में खरीदे हुए सौदे को हेज कर सकते हैं. इसी तरह बिके हुए सौदे को कॉल ऑप्शन के जरिये नुकसान की सीमा को बांध सकते हैं.
क्या है कॉल ऑप्शन और पुट ऑप्शन
कॉल ऑप्शन तब इस्तेमाल होता है जब आपको लगता है कि किसी कमोडिटी में आप तेजी पर दांव लगाते हैं. काल ऑप्शन में आपको प्रीमियम भरना होता वहीं आपका अधिकतम नुकसान होता है. दूसरी ओर पुट ऑप्शन का इस्तेमाल तब होता है जब आपको लगता है कि बाज़ार में आगे मंदी के आसार है.
कमोडिटी फ्यूचर्स मार्केट में ऑप्शंस कैसे चलेगा?
एंजेल कमोडिटी के डिप्टी वाइस प्रेसीडेंट अनुज गुप्ता का कहना है कि जो ऑप्शंस एक्सपायरी पर आउट ऑफ द मनी रह जाएंगे वे लॉस में कटेंगे. जिन ऑप्शन होल्डर्स के ऑप्शंस इन द मनी रहेंगे उनको अपनी पोजिशन प्रॉफिट में काटने या फिर उनको फ्यूचर्स पोजिशन में कनवर्ट करने की सहूलियत होगी.
सेबी ने यूरोपियन स्टाइल के ऑप्शंस लॉन्च को मंजूरी दी है
इक्विटी मार्केट के उलट कमोडिटी मार्केट में ऑप्शंस एक्सपायरी पर फ्यूचर्स प्राइस पर सेटल होंगे और ऑप्शन होल्डर को अपनी पोजिशन फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट्स में कनवर्ट करने का ऑप्शन होगा. इक्विटी मार्केट में एक्सपायरी पर ऑप्शन का सेटलमेंट स्टॉक या इंडेक्स के कैश यानी स्पॉट मार्केट रेट पर होता है. इक्विटी मार्केट में सेबी कैश मार्केट को रेगुलेट करता है जबकि एग्री कमोडिटी में सेबी कैश नहीं सिर्फ फ्यूचर्स को रेगुलेट करता है. यहां का कैश वाला कमोडिटी मार्केट राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है.
ट्रेडिंग अकाउंट होना है जरूरी
कमोडिटी मार्केट में ऑप्शन ट्रेडिंग शुरू करने के लिए सबसे पहले आपके पास ट्रेडिंग अकाउंट होना जरूरी है. अगर आपका पहले से फ्यूचर बाजार में खाता है तो अपने ब्रोकर को ऑप्शन ट्रेडिंग के लिए सहमति पत्र देना होगा. इस अकाउंट के जरिये ही आप कमोडिटी एक्सचेंज में फ्यूचर या ऑप्शन में किसी सौदे की ख़रीद या बिक्री कर सकते हैं. अगर आप नया खाता खुलवा रहे हैं तो फ्यूचर की तरह ऑप्शन में कारोबार के लिए अलग से फार्म भरना पड़ेगा.
यह ट्रेडिंग खुलवाते समय जिस ब्रोकर के यहां ट्रेडिंग अकाउंट खोल रहे है वह मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) और नेशनल डेरेवेटिव्स एक्सचेंज (एनसीडीईक्स) का सदस्य जरूर हो. साथ ही बाज़ार में इस ब्रोकर की ठीक-ठीक पहचान हो. इसके लिए आप इन दोनों एक्सचेंज की बेवसाइट पर जाकर इन ब्रोकर्स के बारे जानकारी जुटा सकते हैं.
ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लिए ये हैं जरूरी कागजात
ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लिए आपके पास पैन कार्ड, एड्रेस प्रूफ और बैंक खाता होना जरूरी है. जब आप किसी ब्रोकर के यहां ट्रेडिंग अकाउंट ओपन कराते हैं तो यह ब्रोकर आपको एक अकउंट की आईडी मुहैया कराता. इस आईडी के जरिये आप खुद भी ट्रेड कर सकते हैं. इसके लिए आपके मोबाइल, पीसी, टेबलेट में इंटरनेट की सुविधा होनी जरूरी है. इस अकाउंट के जरिये ब्रोकर को निश्चित शुल्क चुकाना होता है. अगर आप खुद से सौदे नहीं करना चाहते तो आप अपने ब्रोकर को फोन के जरिये सौदे की खरीद या बिक्री कर सकते हैं.
ऑप्शन ट्रेडिंग के 5 बड़े फायदे
1-वायदा के मुकाबले कम रिस्क, रिटर्न ज्यादा
2- प्रीमियम पर टैक्स लगेगा इसलिए वायदा के मुकाबले टैक्स कम
3-हेजिंग का टूल विकल्प ट्रेडिंग क्या हैं होने से निवेशकों की भागीदारी बढ़ेगी
4-कमोडिटी में छोटे निवेशकों की भागीदारी बढ़ेगी, कमोडिटी बाज़ार को बूस्टर मिलेगा
घर बैठे फ्री ऑनलाइन ट्रेडिंग टूर्नामेंट अब है मुमकिन! जानें कैसे?
अगर आप भी ऑनलाइन ट्रेडिंग करने की सोच रहे हैं या एडिशनल कमाई का जरिया ढूंढ रहे हैं, तो इसके बारे में पूरी जानकारी लेना बहुत जरुरी है. ट्रेडिंग के लिए एक ऐसे प्लेटफॉर्म को चुनना जरुरी है जो न केवल आपको सुरक्षा का भरोसा दे, बल्कि आपको ट्रेड करने के लिए सही जानकारी और टूल देने के साथ-साथ प्रैक्टिस भी करवाए.
aajtak.in
- 16 मार्च 2021,
- (अपडेटेड 17 मार्च 2021, 3:07 PM IST)
लाइफ में अच्छी नौकरी और बैंक बैलेंस हर कोई चाहता है इसलिए अपनी लाइफ सिक्योर करने के लिए लोग सेविंग्स भी करते हैं. बैंक बाजार एस्पिरेशन इंडेक्स 2019 के मुताबिक 24 से 27 साल के बीच के ज्यादातर फीसदी नौजवान अपनी इनकम का 40 फीसदी विकल्प ट्रेडिंग क्या हैं बचा लेते हैं. लेकिन क्या बचत करना ही काफी है? हम में से कई लोग इस बात को नहीं समझ पाते कि सिर्फ बचत करना ही काफी नहीं है. बल्कि बचत को सही तरह से निवेश करना भी जरूरी है.
निवेश करना क्यों है जरुरी?
बचत की रकम को बढ़ाने के लिए निवेश करना जरूरी है. फंड का अपनी सूझबूझ से सही जगह निवेश करना कई बार फायदेमंद भी हो सकता है, लेकिन ये फायदे बाज़ार जोखिमों के आधीन होते है. साथ ही फिजूल खर्च से बचने के लिए अपनी सूझबूझ से सही जगह निवेश युवाओं के लिए एक बेहतर विकल्प है जो एडिशनल इनकम का नया जरिया बन चुका है.
निवेश करने के तरीके
‘सेविंग अकाउंट’ या ‘फिक्स्ड डिपॉज़िट’: बैंक के ‘सेविंग अकाउंट’ या ‘फिक्स्ड डिपॉज़िट’ कम समय के लिए अच्छा निवेश माना जाता है. इनमें आपको कम समय में ही आपके पैसे के साथ ब्याज भी मिल जाता है. इसमें निवेश करने के दौरान आपको बैंक के द्वारा 100 % सुरक्षा दी जाती है.
रियल एस्टेट में निवेश: मार्केट में निवेश के कई सारे विकल्प मौजूद हैं लेकिन रियल एस्टेट यानी प्रॉपर्टी में निवेश करना लोगों की पहली पसंद होती है. आमतौर पर लोग घर और निवेश के लिए ली गयी प्रॉपर्टी में अंतर नहीं कर पाते. हालाँकि दोनों की जरूरतें और प्राथमिकताएं अलग- अलग होती है. इसलिए प्रॉपर्टी में निवेश करने से पहले इन चीज़ों पर ध्यान देना बहुत जरुरी है.
गोल्ड में निवेश: गोल्ड को भारतीय संस्कृति का हिस्सा माना जाता है साथ ही निवेश करने का एक सुरक्षित माध्यम भी. गोल्ड में निवेश करने वालों के लिए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स और गोल्ड ईटीएफ जैसे माध्यम भी हैं, जो अतिरिक्त आय और सुरक्षित धन के रूप में काम आता हैं. यही कारण है कि फिजिकल गोल्ड के साथ लोग अब लिक्विड गोल्ड में भी निवेश करने लगे हैं.
ऑनलाइन ट्रेडिंग में निवेश
ट्रेडिंग किसी भी सामान या सेवाओं को खरीदने और बेचने की प्रक्रिया है, साथ ही किसी विशेष परिसंपत्तियों की कीमत पर पूर्वानुमान लगाने के लिए उसके ग्राफ का विश्लेषण करना भी ट्रेडिंग का एक हिस्सा है. ये मुख्य रूप से अतिरिक्त आय और लाभ कमाने की आशा से की जाती है. लेकिन क्या आपकी कंपनी को अच्छा करेगी, शेयर के दाम ऊपर जाएंगे और क्या आपको फायदा होगा? इन सभी बातों को ध्यान में रखना भी बहुत जरूरी है. अगर अपनी समझदारी और सतर्कता से निवेश न किया जाये तो ये घाटे का सौदा भी हो सकता है.
अगर आप भी ऑनलाइन ट्रेडिंग करने की सोच रहे हैं या एडिशनल कमाई का जरिया ढूंढ रहे हैं तो इसके बारे में पूरी जानकारी लेना बहुत जरुरी है. ट्रेडिंग के लिए एक ऐसे प्लेटफॉर्म को चुनना जरुरी है, जो न केवल आपको सुरक्षा का भरोसा दे बल्कि आपको ट्रेड करने के लिए सही जानकारी, टूल और प्रैक्टिस भी करवाए. ऐसे में Binomo आपके लिए एक अलग और बेहतर प्लेटफॉर्म साबित हो सकता है. जो कुछ परिसंपत्तियों पर डील्स खोलने और इसकी कीमत पर एक पूर्वानुमान लगाने का अवसर देता है, चाहे वह ऊपर या नीचे जाए.
घर बैठे ट्रेडिंग अब है सुविधाजनक
अगर आप अपनी सूझभूझ से काम लें तो Binomo ट्रेडिंग के लिए एक सुविधाजनक और यूज़र फ्रेंडली प्लेटफॉर्म साबित हो सकता है. लेकिन ऑनलाइन ट्रेडिंग करना कोई बच्चों का खेल नहीं है यहाँ बड़े- बड़े अनुभवी ट्रेडर्स भी मात खा जाते हैं. इसलिए ट्रेडिंग की शुरुआत करने से पहले इसकी हर बारीकी को समझना बहुत जरूरी है ताकि आने वाले जोखिमों से कुछ हद तक बचा जा सके. ऐसे में Binomo ऑनलाइन ट्रेडिंग के क्षेत्र में यूजर्स को ट्रेनिंग देने पर फोकस करता है और दूसरी तरफ ऑनलाइन ट्रेडिंग में अनुभवी ट्रेडर्स को इस क्षेत्र मेंविशेषज्ञ बनने में मदद करता है.
इसके अलावा डेमो अकाउंट में Binomo ट्रेडिंग ऐप आपको $1000 के साथ शुरू करने का अवसर देता है. डेमो अकाउंट पर $1000 वर्चुअल होता है, जो निकालना मुमकिन नहीं है. लेकिन ट्रेड्स में नुकसान होने पर ये वर्चुअल अमाउंट वापस हो जाता है. ये केवल प्रैक्टिस के उद्देश्य के लिए है, जिसकी मदद से आप अपनी ट्रेडिंग स्किल्स को बेहतर और तेज कर सकते हैं.
सिर्फ कुछ स्टेप्स में घर से शुरू करें ट्रेडिंग
Binomo.com की वेबसाइट पर जाकर ग्राहकों को रजिस्टर करने के बाद रियल अकाउंट पर ट्रेडिंग करने के लिए डिपॉजिट करने की जरूरत होगी. फंड विथड्रॉ करने की स्थिति में वेरिफिकेशन की जरुरत पड़ती है. 350 रुपये की न्यूनतम रकम के साथ आप अपने अकाउंट को शुरू भी कर सकते हैं, जिसमें ट्रेड की न्यूनतम कीमत 70 रुपये होगी. जबकि ट्रेड्स के नंबर पर कोई पाबंदी नहीं है.
हालाँकि निवेश करना अच्छी बात है लेकिन ट्रेडिंग में निवेश करने से पहले उससे जुड़े जोखिमों को जानना और समझना बहुत जरुरी है. इसके साथ ही घर की सभी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए ही फंड का निवेश करना चाहिए. ट्रेडिंग किसी भी प्लेटफॉर्म पर की जाए इस क्षेत्र में अनुभव और जानकारी होना बहुत जरूरी है. अपनी सूझबूझ से किया गया निवेश आपको समय आने पर फायदा भी दिला सकता है.
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