अरुण जेटली दिल्ली एवं ज़िला क्रिकेट संघ डीडीसीए के अध्यक्ष भी रहे थे.
भारत के बेहतरीन फाइनेंस मिनिस्टर Arun Jaitley को कितना जानते हैं आप ?
Arun Jaitley Biography in Hindi: वर्तमान के समय में जब भी किसी से अब तक के सबसे बेहतरीन फाइनेंस मिनिस्टर कौन रहे हैं तो लोगों की जुबान पर एक बार जरूर अरुण जेटली का नाम जरूर आएगा। इस समय अरुण जेटली दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान यानी AIIMS में वेंटिलेटर रखे गए हैं और उनकी हालत काफी नाजुक है। इनसे मिलने तमाम नेता अस्पताल पहुंच रहे हैं,हालांकि अरुण जेटली की हालत कभी स्थिर तो कभी गंभीर हो जा रही है। ईश्वर से यही दुआ है कि उनकी स्थिति सही हो जाए, और ईश्वर उन्हें लंबी उम्र पदान करें। चलिए आपको हम उनके जीवन के कुछ खास पहलुओं के बारे में बताते हैं।
28 दिसंबर, 1952 को अरुण जेटली का जन्म दिल्ली में हुआ था। अरुण संकेतक आपको क्या बताता है इनके पिता महाराज किशन पेशे से वकील थे जो दिल्ली के नारायण विहार में परिवार के साथ रहते थे और अरुण जेटली की मां रतन प्रभा एक समाज सेविका थीं। अरुण जी की शुरुआती पढाई सेंट जेवियर्स स्कूल से हुई, अपने स्कूल के ये सबसे होनहार विद्यार्थी हुआ थे जिसका मन शुरु से पढ़ाई में ही लगता था। पढाई के अलावा इन्हें डिबेट करना और क्रिकेट खेलना पसंद था। इन्होंने आगे की पढ़ाई श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से की जहां इन्होने एक बेहतरीन डिबेटर के तौर पर अपनी पहचान बनाई।
अरुण जेटली का राजनीतिक सफर [ Arun Jaitley Political Career]
अरुण जेटली का राजनीतिक सफर साल 1974 से शुरु हुआ, जब वे पहली बार अपने कॉलेज से छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गए। इनकी ये सफलता साधारण नहीं रही है क्योंकि ये वो दौर था जब कांग्रेस देश की सबसे शक्तिशाली राजनीतिक पार्टी मानी जाती थी और उसके छात्र संगठन नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया का देशभर में महाविद्यालय और विश्वविद्यालयों में खास प्रभाव रहा है। ऐसे समय में अरुण जेटली ने अपने कॉलेज में भारतीय जनता पार्टी के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषण के बैनर तले चुनाव लड़ा और जीत भी हासिल की।
अभी अरुण जी राजनीति के तौर-तरीके सीख रहे थे कि साल 1975 में 22 महीने के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री ने आपातकाल लगा दिया था। जेटली ने इसका कड़ा विरोध किया और वे उन नेताओं में रहे जिन्हें इस विरोध के कारण 19 महीने दिल्ली की तिहाड़ जेल में गुजारना पड़ा था। इस घटना को वे अपने जीवन का टर्निंग प्वाइंट कहते हैं क्योंकि अपनी जेल यात्रा के दौरान उन्हें ढेरों तरीके से लोगों को देखने, समझने और मिलने का मौका मिला था।
व्यक्तिगत जीवन [Arun Jaitley personal life]
अरुण जेटली ने साल 1982 में गिरधारी लाला डोगरा और शकुंतला डोगरा की बेटी संगीता के अरुण संकेतक आपको क्या बताता है साथ शादी की। इनसे इन्हें एक बेटा रोहन जेटली और एक बेटी सोनाली जेटली हैं। उनकी संताने अपने दादाजी और पिता की परंपरा को आगे बढ़ाया और वे दोनों वकालत की पढ़ाई कर रहे हैं। इसके अलावा कहा अरुण संकेतक आपको क्या बताता है जाता है कि अरुण जेटली और इंडिया टीवी न्यूज के चेयरमैन रजत शर्मा बचपन के दोस्त हैं और दोनो ने एक ही स्कूल और कॉलेज में अरुण संकेतक आपको क्या बताता है पढाई की है।
साल 2014 में मोदी सरकार के सत्ता आने पर अरुण जेटली ने फाइनेंस मिनिस्ट के पद पर 5 साल बहुत अच्छा काम किया। पीएम नरेंद्र मोदी के जेटली काफी करीब हैं। पार्टी को जितवाने के लिए अरुण जी ने भी कम प्रचार नहीं किया। इसके पहले वे अटल बिहारी बावजपेयी के साथ भी बहुत लड़ाई लड़े हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबकि साल 2016 में हुए नोटबंदी के समय पीएम मोदी ने जेटली से काफी राय ली थी और जेटली ने उन्हें हर तरह का फायदा नुकसान बताया था। साल 2017 में जेटली ने जीएसटी लागू होने की पुष्टि मीडिया से की और लोगों को बताया कि ये देश के लिए कितना फायदा है। अरुण जेटली ने अपने कार्यकाल में हमेशा अगवाई की है लेकिन इस बार स्वर्गीय सुषमा स्वराज की तरह इन्होंने भी स्वास्थ्य ठीक ना होने के कारण अपना वित्त मंत्री का पद त्याग दिया।
जेटली ने कहा, भविष्य में किसानों को दे सकते हैं ज्यादा पैसा
- मोदी सरकार ने छोटे किसानों को सालाना 6 हजार रुपये देने की घोषणा की है
- कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा, प्रतिदिन 17 रुपये देना किसानों का अपमान है
- जेटली ने पलटवार करते हुए कहा, विपक्ष के नेता को 'परिपक्व होना चाहिए'
जेटली ने कहा कि सरकार के संसाधन बढ़ेंगे जिससे भविष्य में किसानों को दी जाने वाली सालाना राशि को बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि राज्य इस राशि के ऊपर अपनी ओर से आय समर्थन योजनाओं की घोषणा कर सकते हैं। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा इस योजना की आलोचना के लिए उन पर हमला बोला।
पूर्व वित्तमंत्री अरुण जेटली का निधन
लंबे समय से बीमार चल रहे पूर्व वित्तमंत्री अरुण जेटली बीते 9 अगस्त से दिल्ली स्थित एम्स में भर्ती थे. उनका शनिवार दोपहर 12:07 बजे निधन हो गया. The post पूर्व वित्तमंत्री अरुण जेटली का निधन appeared first on The Wire - Hindi.
लंबे समय से बीमार चल रहे पूर्व वित्तमंत्री अरुण जेटली बीते 9 अगस्त से दिल्ली स्थित एम्स में भर्ती थे. उनका शनिवार दोपहर 12:07 बजे निधन हो गया.
पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली. (फोटो: पीटीआई)
नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता अरुण जेटली का शनिवार को 12:07 बजे निधन हो गया. 66 वर्षीय जेटली को पिछले हफ्ते घबराहट और बेचैनी की शिकायत के कारण दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया था. उन्हें अस्पताल के कॉर्डियो-न्यूरो सेंटर में निगरानी में रखा गया था.
कितनी गंभीर बीमारी है Myasthenia Gravis? जिसकी वजह से हुई एक्टर अरुण बाली की मौत
लोगों की तेजी से बदलती लाइफस्टाइल में तरह-तरह की बीमारियां भी सामने आ रही हैं. इनमें से ऐसी कई बीमारिया हैं, जिसके बारे आपने भी पहले कभी नहीं सुना होगा. इन्हीं बीमारी में से एक है- मायस्थेनिया ग्रेविस. आप भी चौंक गए ना, इस बीमारी का नाम सुनकर. इसी बीमारी की चपेट में आने से टीवी और फिल्म जगत के जाने-माने एक्टर अरुण बाली का निधन हुआ है. रिपोर्ट्स के अनुसार अरुण बाली इसी बीमारी से पीड़ित थे. ये बीमारी न्यूरोमस्कुलर डिसऑर्डर पैदा करती है. आज हम आपको इसी बीमारी के बारे में बताएंगे कि ये हमारे शरीर को कैसे प्रभावित अरुण संकेतक आपको क्या बताता है करती है.
क्या है मायस्थेनिया ग्रेविस
द लेसेंट की 2020 की एक रिपोर्ट की मानें तो, दुनियाभर में हर साल लगभग 7 लाख लोग मायस्थेनिया ग्रेविस से ही प्रभावित होते हैं. बता दें कि ये काफी दुर्लभ बीमारी हैं. इस बीमारी से हमारे शरीर की मांसपेशियां बुरी तरह से प्रभावित होती हैं. मायस्थेनिया ग्रेविस हमारे नर्वस सिस्टम की कोशिकाओं और शरीर की मांसपेशियों के बीच के संचार को खत्म कर देता है. इसको लेकरएक्सपर्ट्स का कहना है कि यह बीमारी शरीर के लिए उपयोगी कुछ रासायनों की कमी की वजह से होता है. इसकी जद में आने वाला इंसान थका हुआ महसूस करता है.
- डबल विजन
- आंखों की पुतली नीचे आ जाना
- हाथ-पैर, शरीर में कमजोरी आना
- चबाने- निगलने में परेशानी
- गर्दन में दर्द
- आवाज में बदलाव
- सांस अरुण संकेतक आपको क्या बताता है लेने में दिक्कत
किसको होता है ज्यादा खतरा?
जानकारी के अनुसार, इस बीमारी का ज्यादाखतरा युवा वयस्क महिलाओं जिनकी उम्र 40 साल से कम और 60 साल से अधिक वाले वृद्ध पुरुषों को होता है, लेकिन यह बचपन सहित किसी भी उम्र में हो सकता है. आपको बता दें कि मायस्थेनिया ग्रेविस होने पर मरीज को फिजिकल एक्टीविटी बंद कर देनी चाहिए.
विशेषज्ञों का कहना है कि मायस्थेनिया ग्रेविस का कोई इलाज नहीं है. हालांकि, इसे सही इलाज से इसके संकेतों और लक्षणों को कंट्रोल किया जा सकता है. ऐसी स्थिती में जितना ज्यादा हो, आराम करना चाहिए.
( इस लेख में दी गई जानकारियां सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. TV9 Hindi इनकी पुष्टि नहीं करता है. किसी विशेषज्ञ से सलाह लेने के बाद ही इस पर अमल करें.)
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