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कर समानता से एमएफ उद्योग को मिलेगी मदद

म्युचुअल फंड (एमएफ) उद्योग ने लंबे समय से विभिन्न निवेश योजनाओं के कराधान में समानता लाने की मांग की है। ताजा बजट प्रस्ताव में, इस उद्योग ने इस मुद्दे को फिर से उठाने पर जोर दिया है। ऐक्सिस ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी चंद्रेश निगम ने अभिषेक कुमार के साथ बातचीत में कहा कि एक समान कराधान निवेशक और एमएफ उद्योग दोनों के लिए लाभदायक होगा। इससे भारत में बचत को बढ़ावा मिलेगा। पेश हैं उनसे हुई बातचीत के मुख्य अंश:

एक साल से ज्यादा समय तक सीमित दायरे में रहने के बाद बाजार नई ऊंचाइयों को छू रहा है। बाजार को किन कारकों से मदद मिल रही है?

भारतीय बाजार काफी महंगे बने हुए हैं। मूल्यांकन दीर्घावधि औसत के मुकाबले महंगे हैं। इससे संकेत मिलता है कि बाजार मौजूदा आर्थिक सुधार, कई अन्य अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले मजबूत आर्थिक वृद्धि को देखते हुए भारत के अल्पावधि और मध्यावधि परिदृश्य को लेकर काफी आशान्वित है। कॉरपोरेट आय के ताजा दौर से भी बाजार को ताकत मिली है।

मौजूदा बाजार परिवेश में आप किस तरह के इक्विटी फंडों में खरीदारी का सुझाव देना चाहेंगे?

इक्विटी फंड चयन व्यक्ति के जोखिम प्रोफाइल पर निर्भर करता है। लेकिन यदि मुझे किसी फंड का चयन करना हो तो यह फ्लेक्सीकैप होगा। इस फंड का ढांचा फंड प्रबंधकों को कमाई करने के लक्ष्य हासिल करने में मददगार है। ये पेशकशें इक्विटी बाजारों में भागीदारी की संभावना तलाश रहे किसी निवेशक के लिए एक प्रमुख समाधान भी प्रदान करती हैं।

2023-24 के बजट से आपको क्या उम्मीदें हैं? क्या आप मान रहे हैं कि सरकार एमएफ उद्योग के लिए कोई खास प्रस्ताव पेश करेगी?

एम्फी ने एमएफ उद्योग की ओर से कई सुझाव दिए हैं। एक महत्वपूर्ण सुझाव है पूरी निवेश प्रणाली में कराधान को समान बनाना। इससे कराधान सरल बनाकर और एमएफ उद्योग के लिए एक समान राह तैयार कर उन्हें लाभ हासिल होगा और भारत में बचत की प्रवृत्ति को बढ़ावा मिलेगा।

आप निवेशकों को कौन से सेक्टर या थीम का सुझाव देना चाहेंगे?

इक्विटी निवेशकों को अल्पावधि उतार-चढ़ाव और रुझानों को लेकर सतर्क बने रहना चाहिए। निवेशकों को फ्लेक्सीकैप जैसे फंडों पर ध्यान देना चाहिए, जिनमें फंड प्रबंधक सही क्षेत्रों और थीमों की पहचान पर जोर देते हैं।

क्या प्रबंधन अधीन परिसंपत्तियों (एयूएम) और नए निवेशक जोड़ने के संदर्भ में म्युचुअल फंडों की रफ्तार इस साल 2021 के मुकाबले नरम रही?

एमएफ व्यवसाय क्या आपको भी निवेश करना चाहिए? पांच साल में तेजी से बढ़ा है। एयूएम करीब तीन गुना बढ़ी, क्योंकि निवेशक एमएफ में निवेश के तरीकों से अवगत हुए हैं। बाजार के मजबूत प्रदर्शन ने भी म्युचुअल फंडों के आकर्षण को बढ़ाया है। 2022 में आधार प्रभाव की वजह से वृद्धि कुछ हद तक प्रभावित हुई है। कई वैश्विक समस्याओं की वजह से भी इस साल बाजार की रफ्तार कुछ कमजोर पड़ी है।

ऐक्सिस एमएफ ने टीएमएफ की नई फंड पेशकशों के लिए आवेदन किए हैं। क्या आपको पैसिव डेट फंडों के लिए मजबूत मांग दिख रही है?

टीएमएफ लोकप्रिय निर्धारित आय वाली पेशकश हैं। इस सेगमेंट में मौजूदा अवसरों ने इन योजनाओं को प्रतिफल और कर किफायत, दोनों के लिहाज से आकर्षक बना दिया है। इन योजनाओं में सरलता से निवेश और पारदर्शिता ने भी इनकी लोकप्रियता बढ़ाई है।

चूंकि प्रतिफल बढ़ा है, इसलिए क्या निवेशकों को दीर्घावधि डेट फंडों पर ध्यान देना चाहिए? या उन्हें अभी दर वृद्धि चक्र समाप्त होने का इंतजार करना चाहिए?

हालांकि हमें दर वृद्धि चक्र अभी समाप्त होने की उम्मीद नहीं है, इसलिए बाजार प्रतिफल अब ज्यादा बढ़ने का अनुमान नहीं है। बाजार में दरों का असर दिखा है। हमारा मानना है कि मध्यावधि निवेश अवधि वाले निवेशकों के लिए यह समय बॉन्ड पोर्टफोलियो के लिए समयावधि बढ़ाने का है।

Mutual Funds में निवेश करने का सही तरीका क्या है? उदाहरण के साथ सीखें

नई दिल्ली: म्यूचुअल फंड निवेश बाजार जोखिम के अधीन है। हालांकि, अगर कोई लंबे समय तक इसमें निवेश करता है तो जोखिम कारक कम हो जाता है जबकि म्यूचुअल फंड रिटर्न अधिकतम हो जाता है। अब इसमें निवेश कैसे करें? पहले तो आपको यह जानना चाहिए कि म्यूचुअल फंड काम कैसे करता है। बता दें कि म्यूचुअल फंड का मुख्य कार्य स्टॉक, बॉन्ड और अन्य प्रतिभूतियों में निवेश प्रदान करना है। अच्छे रिटर्न के लिए इन निवेशों को एक साथ लाया जाता है।

अब निवेश कैसे करें? इसपर ध्यान देते हैं। मान लीजिए आपकी उम्र 36 साल क्या आपको भी निवेश करना चाहिए? है और एसआईपी में नए हो और आप प्रति माह 10,000 रुपये निवेश करने की योजना बना रहा है तो आपको कैसे निवेश करना चाहिए?

चूंकि आप म्यूचुअल फंड में निवेश की मूल बातें नहीं जानते हैं, इसलिए आपको म्यूचुअल फंड सलाहकार की मदद लेनी चाहिए। आप संदर्भ के लिए अपने मित्रों और सहकर्मियों से पूछ सकते हैं। नए निवेशकों को मार्गदर्शन और स्पष्टीकरण की आवश्यकता है। केवल आपके निकट एक म्यूचुअल फंड सलाहकार ही आपको सही दिशा दिखाने में सक्षम होगा।

हम हमेशा निवेशकों से लक्ष्य-आधारित दृष्टिकोण अपनाने के लिए कहते हैं। यह आपको दैनिक बाजार की गतिविधियों के बारे में चिंता करने के बजाय अपने लक्ष्यों पर केंद्रित रहने में मदद करता है। हमेशा ऐसे म्युचुअल फंड चुनें जो आपके निवेश उद्देश्यों और जोखिम प्रोफाइल से मेल खाते हों। अगर आप लंबी अवधि में संपत्ति बढ़ाना चाहते हैं, तो आप लार्ज कैप म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं। अगर आप थोड़ा और जोखिम लेने को तैयार हैं तो फ्लेक्सी कैप स्कीमों में निवेश कर सकते हैं।

अनावश्यक जोखिम न लें और रिटर्न के पीछे न भागें। अपने लक्ष्यों पर ध्यान दें और जोखिम लेने से पहले कुछ अनुभव और ज्ञान हासिल करें।

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Public Provident Fund: पीपीएफ अकाउंट एक्‍सटेंशन कितनी बार किया जा सकता है, क्‍या हैं इसके नियम?

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Zee Business हिंदी 1 क्या आपको भी निवेश करना चाहिए? दिन पहले ज़ीबिज़ वेब टीम

PPF Account Extension Rules: जब भी लंबे समय के निवेश की बात आती है तो पीपीएफ (Public Provident Fund) का नाम जरूर आता है. इस स्‍कीम को बैंक या पोस्‍ट ऑफिस कहीं भी खुलवाया जा सकता है. ये स्‍कीम 15 साल बाद मैच्‍योर होती है. इसमें कंपाउंडिंग का फायदा मिलने के कारण काफी बेनिफिट होता है. साथ ही टैक्‍स बेनिफिट भी मिलता है. गारंटीड रिटर्न चाहने वाले निवेशकों के बीच ये स्‍कीम काफी पॉपुलर है. अगर आपने भी पीपीएफ स्‍कीम में निवेश किया है और 15 साल के बाद भी इसको कंट्रीब्‍यूशन के साथ जारी रखना चाहते हैं, तो आपको इसके खाता विस्‍तार के नियम जरूर जान लेने चाहिए.

5-5 साल के ब्लॉक में एक्‍सटेंड होता है खाता

पीपीएफ अकाउंट एक्‍सटेंशन 5-5 साल के ब्लॉक में कराया जाता है यानी अगर आप इसे 15 साल बाद भी जारी रखना चाहते हैं, तो इसका खाता विस्‍तार कम से कम अगले 5 साल के लिए होगा. आप अपनी मर्जी के हिसाब से 5-5 साल के ब्लॉक में कितनी बार भी अकाउंट एक्‍सटेंशन करवा सकते हैं. खाता विस्‍तार के मामले में क्या आपको भी निवेश करना चाहिए? दो विकल्प रहते हैं- पहला, कॉन्ट्रीब्यूशन के साथ 5-5 साल के ब्लॉक में अकाउंट एक्सटेंड किया जाना और दूसरा, बिना पैसा डाले क्या आपको भी निवेश करना चाहिए? अकाउंट एक्सटेंड करना.

कॉन्ट्रीब्यूशन के साथ अकाउंट एक्‍सटेंशन

15 साल की मैच्‍योरिटी के बाद भी आप पीपीएफ खाते को कॉन्‍ट्रीब्‍यूशन के साथ जारी रखना चाहते हैं तो आपको आपको बैंक या पोस्‍ट ऑफिस, जहां भी खाता है, वहां एक एप्‍लीकेशन देनी होगी. ये एप्‍लीकेशन आपको मैच्‍योरिटी की तारीख से 1 साल पूरा होने के पहले देनी होगी और एक्‍सटेंशन के लिए एक फॉर्म भरना होगा. फॉर्म उसी पोस्ट ऑफिस/बैंक क्या आपको भी निवेश करना चाहिए? ब्रांच में जमा होगा, जहां PPF अकाउंट खोला गया है. अगर आप समय रहते इस फॉर्म को जमा नहीं कर पाते हैं, तो आप अकाउंट में अपना योगदान नहीं दे पाएंगे.

बिना कॉन्‍ट्रीब्‍यूशन के अकाउंट एक्‍सटेंशन

अगर आप 15 साल बाद खाते के मैच्‍योर होने के बाद भी रकम नहीं निकालते हैं और न ही फॉर्म भरकर कॉन्‍ट्रीब्‍यूशन जारी रखते हैं, तो आपका अकाउंट का एक्‍सटेंशन अपने आप ही हो जाता है. इसका फायदा ये है कि आपके PPF अकाउंट में, जितनी भी रकम जमा है, उस पर पीपीएफ की गणना के हिसाब से ब्‍याज मिलता रहता है और टैक्स छूट भी लागू रहती है. इसके अलावा आप इस अकाउंट से कभी भी और क्या आपको भी निवेश करना चाहिए? कितना भी पैसा निकाल सकते हैं. चाहें तो पूरा पैसा भी निकाल सकते हैं.

जल्द रिटायर हो रहे हैं, तो एन्युटी प्लान खरीदना है जरूरी, जानिए सही समय क्या है?, क्या हैं फायदे

एन्युटी प्लान (योजनाएं) आपकी वित्तीय ज़रूरत को पूरा करने में मदद करने के लिए ही डिज़ाइन किए गए हैं। भारत में कई ऐसे एन्युटी प्लान हैं, जो व्यक्ति को आजाीवन आय प्रदान करते हैं।

annuity plan meaning savings and investments right time to retirement what is right time benefits | जल्द रिटायर हो रहे हैं, तो एन्युटी प्लान खरीदना है जरूरी, जानिए सही समय क्या है?, क्या हैं फायदे

आप 45 या 50 की उम्र में भी एन्युटी प्लान खरीद सकते हैं।

Highlights निवेशित पूंजी को लंबे समय तक सुरक्षित रखती हैं और आपको नियमित आय प्रदान करती हैं। कुछ लोग 60 वर्ष के पश्चात सेवानिवृत होने की योजना बनाते है को कुछ 40 वर्ष की आयु में ही सेवानिवृत हो जाते है। आप 45 या 50 की उम्र में भी एन्युटी प्लान खरीद सकते हैं।

जब आप अपनी सभी पेशेवर जिम्मेदारियों से मुक्त हो जाते हैं तो आप स्वयं के लिए भी कुछ वित्तीय लक्ष्य निर्धारित करते है। हालांकि, सबसे महत्वपूर्ण लक्ष्य होता है सेवानिवृति के बाद अपने लिए एक निश्चित आय का स्त्रोत तैयार करना।

भले ही आप अपनी सेवानिवृत्ति की आयु के करीब आ रहे हों या नहीं, आय के एक स्थिर स्रोत को सुरक्षित करना बहुत अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। ऐसा करने पर आप चिंतामुक्त होकर पूर्ण वित्तीय स्वतंत्रता के साथ अपनी वर्तमान जीवन शैली का आनंद ले पाएंगे। एन्युटी प्लान (योजनाएं) आपकी वित्तीय ज़रूरत को पूरा करने में मदद करने के लिए ही डिज़ाइन किए गए हैं।

इनकी सहायता से आप सेवानिवृति की राशि के खत्म होने की चिंता करे बिना एक अच्छा जीवनयापन कर पाएंगे। अब प्रश्न यह उठता है कि एन्युटी प्लान क्या हैं और इनमे निवेश करने का सही समय क्या होता है? इन सभी सवालों के जवाब जानने के लिए पढ़िए पूरा लेख।

एन्युटी प्लान क्या हैं?

एन्युटी का आशय होता है नियमित भुगतान, उदाहरण के लिए हर वर्ष एक लाख रुपए प्राप्त करना। हालांकि एन्युटी का शाब्दिक अर्थ वाषिर्क भगुतान होता है लेकिन पेंशन क्या आपको भी निवेश करना चाहिए? क्या आपको भी निवेश करना चाहिए? के संदर्भ में इसका मतलब नियमित भुगतान का कोई तरीका होता है। इस प्रकार, एक एन्युटी सेवानिवृत्ति के बाद आपके लिए आय का एक निश्चित स्त्रोत बनती है एवं नकदी की आवश्यकताओं को भी पूर्ण करने में सहायक होता है।

भारत में कई ऐसे एन्युटी प्लान हैं, जो व्यक्ति को आजाीवन आय प्रदान करते हैं। ये दीर्घकालिक सुरक्षित निवेश योजनाएं हैं जो आपकी निवेशित पूंजी को लंबे समय तक सुरक्षित रखती हैं और आपको नियमित आय प्रदान करती हैं।कई आजीवन एन्यूटी प्लान आपकी मृत्यु पर खरीद मूल्य की वापसी के विकल्प के साथ आपकी विरासत अगली पीढ़ी को प्रदान करने में भी सहायता करते हैं।

एन्युटी प्लान शुरू करने का सही समय

सेवानिवृति की कोई निश्चित आयु नहीं होती है, कुछ लोग 60 वर्ष के पश्चात सेवानिवृत होने की योजना बनाते है को कुछ 40 वर्ष की आयु में ही सेवानिवृत हो जाते है। आदर्श रूप से एक व्यक्ति को एन्युटी की योजना इस प्रकार बनानी चाहिए कि एक नियमित राशि आपकी पूर्व-सेवानिवृत्ति आय के एक बड़े हिस्से की जगह ले लें।

आप इसे निम्नलिखित दो तरीकों से सुनिश्चित कर सकते हैं:

विलंबित (डिफर्ड) एन्युटी प्लान में एक बड़ी धनराशि निवेश करेंः ज्यादा प्रतिफल देने वाले निवेश का उपयोग करके अपने कोष का निर्माण करें और फिर तत्काल(इमिडियेट) एन्युटी योजनाओं का उपयोग करें। अधिकांश एन्युटी प्लान आपको 40 वर्ष की आयु में निवेश शुरू करने की अनुमति देते हैं।

इस प्रकार, यदि आप सीधे एन्युटी प्लान में निवेश करना चाहते हैं तो 40 वर्ष वह न्यूनतम आयु है जब आप निवेश प्रारंभ कर सकते है। एन्युटी प्लान को अब तक के सबसे सुरक्षित निवेशों में से एक माना जाता हैं। यद्यपि इसमे प्रतिफल की दर कम होती है।

इसलिए, यदि आप अपनी आय में वृद्धि के बारे में विचार कर रहे है तो एन्युटी योजनाओँ में सीधे निवेश करना सबसे अच्छा निवेश निर्णय नहीं हो सकता है। फिर भी, आप अपने अप्रत्याशित लाभ को विलंबित( डिफर्ड) एन्युटी प्लान में निवेश कर सकते हैं और यदि आपको इसकी आवश्यकता नहीं है तो एन्युटी आय का पुनर्निवेश भी कर सकते हैं।

इस तरह आप अपनी पूंजी को सुरक्षित रख सकते हैं।अगर आप एन्युटी से तुरंत आय प्राप्त करने की इच्छा रखते है तो इसके लिए आप तुरंत (इमिडियेट) एन्युटी प्लान का विकल्प चुन सकते है। अगर आप एक निश्चित अवधि के बाद या अपनी सेवानिवृिति के बाद लगातार पेंशन प्राप्त करना चाहते हैं, आप एन्युटी के अन्य विकल्पों में से 'विलंबित (डिफर्ड) एन्युटी प्लान' का चयन कर सकते है। आप 45 या 50 की उम्र में भी एन्युटी प्लान खरीद सकते हैं।

इन बातों का रखें विशेष ध्यान

आप एन्युटी में कितना निवेश करना चाहते है यह आपकी आर्थिक स्थिति पर निर्भर करता है। आप एन्युटी में कितना निवेश कर सकते है इसकी कोई सीमा निर्धारित नहीं होती है। आप अपनी इच्छानुसार राशि का चयन कर सकते है। विलंबित (डिफर्ड) एवं तुरंत (इमीडियट) एन्युटी दोनों में से किसी का भी चयन करते निम्नलिखित बातों पर विशेष ध्यान देना चाहिए -

आपकी वास्तविक आर्थिक आवश्यकताएं क्या है?

आपके दीर्घकालीन आर्थिक लक्ष्य क्या है ?

आपकी वर्तमान बचत कितनी है एवं निवेश सूची में आपकी प्राथमिकताएं क्या-क्या है ?

महंगाई का प्रभाव क्या होगा ?

इस एक उदाहरण माध्यम से भी समझा जा सकता है, यदि 60 साल की उम्र में, 30,000 रूपएं आपके महीने भर के खर्चों के लिए पर्याप्त है, तो जब तक आप 80 वर्ष के होंगे तो आपको औसत महंगाई की दर 7 प्रतिशत को ध्यान में रखते हुए जीवन जीने के लिए प्रति माह कम से कम 1,16,090 रूपएं की आवश्यकता होगी। इसलिए एन्युटी योजनाओँ में निवेश करते समय इन सभी बिंदुओँ पर विचार अवश्य करें।

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