RBI ने जारी की अवैध फॉरेक्‍स ट्रेडिंग ऐप की अलर्ट लिस्‍ट (फाइल फोटो)

क्रिप्टो मार्केट में तबाही, हजारों की गई नौकरी. साल 2022 ने बदल दिया टेक वर्ल्ड

Year End 2022: साल 2022 खत्म होने वाला है. इस साल ने टेक्नोलॉजी वर्ल्ड में काफी उथल पुथल मचाई है. बात चाहें मेटावर्स की करें या फिर क्रिप्टोकरेंसी की, लोगों को जिसकी उम्मीद नहीं थी इस साल वो सब देखने को मिला. ट्विटर को एलॉन मस्क ने खरीद लिया, जबकि मेटावर्स का भविष्य अंधेरे में दिख रहा है. आइए जानते हैं इस साल क्या क्या हुआ.

Year End 2022: साल 2022 में किस तरह से टेक वर्ल्ड में हुए बड़े बदलाव

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 12 दिसंबर 2022,
  • (अपडेटेड 12 दिसंबर 2022, 6:53 PM IST)

2022 अपने अंतिम पड़ाव की ओर बढ़ चुका है. साल का आखिरी महीना चल रहा है. जल्द ही ये साल हमें अलविदा कह चुका होगा. हर साल की तरह इस साल भी हमें बहुत कुछ देखने को मिला है. बता करें टेक्नोलॉजी की दुनिया की तो संभवतः ये साल कई दिग्गजों के लिए बुरा साबित हुआ है. साल 2022 में हमें बहुत से डाउन फॉल देखने को मिले हैं.

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स की दुनिया में हलचल रही, ट्विटर को एलॉन मस्क ने खरीद लिया, क्रिप्टोकरेंसी का बुलबुला हवा हो गया. ऐसी तमाम घटना इस साल हमें देखने को मिली हैं. फेसबुक को पहली बार इस साल घाटा हुआ और कंपनी ने 18 सालों में पहली दफा छंटनी की. आइए एक नजर डालते हैं ऐसी ही कुछ घटनाओं पर.

फेसबुक को घाटा और छंटनी

साल 2022 सोशल मीडिया दिक्कत प्लेटफॉर्म Meta के लिए बहुत अच्छा नहीं रहा. कंपनी को इस साल पहली बार घाटा हुआ. इसके लिए कंपनी ने ऐपल को जिम्मेदार बताया. हालांकि, इसका अंदाजा मेटा ने पहले ही लगा लिया था. साल 2004 में शुरू हुई इस कंपनी को पहली बार अपने प्लेटफॉर्म से लोगों की छंटनी करनी पड़ी.

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फेसबुक ने बतौर कंपनी अपना नाम बदलकर मेटा कर लिया है. मार्क जकरबर्ग अभी भी इस कंपनी के प्रमुख हैं. इस साल कंपनी ने 11 हजार लोगों को नौकरी से निकालने का फैसला किया, जो दिखाता है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के लिए ये साल कैसा रहा है. कंपनी को अपने कुछ प्रोजेक्ट बंद भी करने पड़े हैं.

क्रिप्टोकरेंसी का माया जाल टूटा

कोरोना वायरस महामारी में ट्रेडिंग का एक नया मार्केट सामने आया, जिसमें क्रिप्टोकरेंसी पर लोगों ने दांव लगाया. ऐसा नहीं ये मार्केट पहले से मौजूद नहीं था, बल्कि लॉकडाउन के दौरान पर इस पर चर्चा और लोगों को ध्यान काफी ज्यादा गया.

इस मार्केट में लोगों ने बहुत ज्यादा पैसे वर्ल्ड मार्केट्स ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म भी लगाएं और कुछ को काफी प्रॉफिट भी हुआ. शॉर्ट टर्म में अमीर बनने का सपना देखने वाले बहुत से लोग इस मार्केट में भाग कर आएं और ट्रेडिंग शुरू की.

मगर कामयाबी का कोई शॉर्टकट नहीं होता, ये साल 2022 ने हमें बताया. साल 2022 की शुरुआत में बिटकॉइन और दूसरी क्रिप्टोकरेंसी की कीमत काफी ऊपर पहुंच चुकी थी, लेकिन गर्मी के जाते-जाते इस मार्केट की रौनक भी चली गई.

मेटावर्स का भविष्य अधर में

Web 3.0 की चर्चा के साथ ही मेटावर्स को फ्यूचर बताया जा रहा था. हर तरफ NFT, मेटावर्स, ब्लॉकचेन और क्रिप्टोकरेंसी की चर्चा हो रही थी. फेसबुक भी मेटावर्स पर बड़ा दांव खेल रहा था. लॉकडाउन के दौरान वर्चुअल रियलिटी एक बड़ा मार्केट तैयार हो रहा था. लोग मेटावर्स में प्लॉट्स खरीद रहे थे और नई टेक्नोलॉजी को ट्राई कर रहे थे.

माना जा रहा था कि अब टेक वर्ल्ड का फ्यूचर मेटावर्स ही होगा, लेकिन मेटावर्क वहां तक नहीं पहुंचा, जिसकी उम्मीद की जा रही थी. लोगों ने मेटावर्स में घर, जमीन, दुकान जाने क्या क्या खरीदा. लॉकडाउन खत्म होती ही मेटावर्स अपनी चमक खोने लगा. ऐसा नहीं है कि इसकी संभावनाएं खत्म हो गई है, लेकिन अब पहले जैसी चर्चा नहीं रही है.

ट्विटर का बिकना

माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म Twitter को इस साल एलॉन मस्क ने खरीद लिया है. इस डील की शुरुआत साल 2022 के अप्रैल में हुई, जब मस्क ने ट्विटर में 9.2 परसेंट हिस्सेदारी खरीदी. लंबे ड्रामा के बाद मस्क ने इस प्लेटफॉर्म को अक्टूबर के अंत में खरीद लिया.

इस प्लेटफॉर्म के बिकते ही कई ऐसे बदलाव हुए, जिनकी किसी ने उम्मीद नहीं की थी. बैन अकाउंट्स को रिस्टोर किया गया. डील होते ही CEO, CFO और पॉलिसी हेड को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया.

टेक कंपनी से लोगों की नौकरी गई

आईटी सेक्टर कभी पैसों की बारिश के लिए जाना जाता था, लेकिन साल 2022 में एक सेक्टर में जाने कितने ही लोगों की नौकरी चली गई. लॉकडाउन के वक्त में कई कंपनियां तेजी से पॉपुलर हुईं और लोग उस ओर भागे, लेकिन लॉकडाउन के खुलते ही मार्केट में बड़ा उलटफेर हुआ. ऐमेजॉन, मेटा (पहले फेसबुक) और ना जाने कितनी ही वर्ल्ड मार्केट्स ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म टेक कंपनियों के हजारों कर्मचारियों की नौकरी इस साल चली गई.

RBI ने जारी की अवैध फॉरेक्‍स ट्रेडिंग ऐप की अलर्ट लिस्‍ट

अवैध ऐप्स की लंबी सूची में OctaFX शामिल है, जो इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) टीम दिल्ली कैपिटल्स का आधिकारिक ट्रेडिंग स्‍पॉन्‍सर है। आरबीआई ने इन ऐप को लेकर लोगों को चेताया है और उपयोग नहीं करने की सलाह दी है।

RBI ने जारी की अवैध फॉरेक्‍स ट्रेडिंग ऐप की अलर्ट लिस्‍ट

RBI ने जारी की अवैध फॉरेक्‍स ट्रेडिंग ऐप की अलर्ट लिस्‍ट (फाइल फोटो)

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इस सप्ताह अवैध इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर विदेशी मुद्रा लेनदेन में शामिल संस्थाओं की एक अलर्ट सूची जारी की। इसमें एक ऐप ऐसा भी है, जो IPL टीम दिल्‍ली कैपिटल को स्‍पॉन्‍सर करता है। यह अवैध संस्‍था या ऐप लोगों से हाई रिटर्न का वादा करके लुभाते हैं। आरबीआई ने कहा कि इन अवैध प्‍लेटफॉर्म के यूजर्स पर मुकदमा चलाया जा सकता है।

अवैध ऐप्स की लंबी सूची में OctaFX शामिल है, जो इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) टीम दिल्ली कैपिटल्स का आधिकारिक ट्रेडिंग स्‍पॉन्‍सर है। आरबीआई ने इन ऐप को लेकर लोगों को चेताया है और उपयोग नहीं करने की सलाह दी है, वरना यूजर्स पर कार्रवाई भी की जा सकती है। यहां अवैध फॉरेक्स ट्रेडिंग ऐप्स और वेबसाइटों की पूरी सूची है।

अवैध फॉरेक्‍स ट्रेडिंग ऐप

Alpari, AnyFX, Ava Trade, Binomo, e Toro, Exness, Expert Option, FBS, FinFxPro, Forex.com, Forex4money, Foxorex, FTMO, FVP Trade, FXPrimus, FXStreet, FXCm, FxNice, FXTM, HotFores, ibell Markets, IC Markets, iFOREX, IG Market, IQ Option, NTS Forex Trading, Octa FX, Olymp Trade, TD Ameritrade, TP Global FX, Trade Sight FX, Urban Forex, Xm और XTB है।

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आरबीआई ने यह भी कहा कि इस लिस्‍ट में नहीं आने वाले यूनिट को केंद्रीय बैंक की ओर से रजिस्‍टर्ड नहीं माना जाना चाहिए। भारतीय रिजर्व बैंक के मानदंडों के अनुसार, लोगों को (विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999) के अनुसार केवल रजिस्‍टर्ड संस्‍थाओं के साथ विदेशी मुद्रा लेनदेन करना चाहिए।

आरबीआई ने क्‍या कहा

आरबीआई के अनुसार, जबकि अनुमत विदेशी मुद्रा लेनदेन इलेक्ट्रॉनिक रूप से किए जा सकते हैं, उन्हें केवल आरबीआई या मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों जैसे नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड, बीएसई लिमिटेड और मेट्रोपॉलिटन स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड द्वारा इस उद्देश्य के लिए अधिकृत ईटीपी पर ही किया जाना चाहिए।

Olymp trade, Binomo जैसे बाइनरी ट्रेडिंग एप से रहिए सावधान, कमाने के बजाय डूब जाएगा पैसा

beware of binary trading, you will loose all your hard earned money in seconds

आजकल सोशल मीडिया वेबसाइट्स पर बाइनरी ट्रेडिंग कराने वाले एप का प्रचार जोर शोर से हो रहा है। यह मोबाइल एप लोगों को जल्द से जल्द पैसा कमाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं, लेकिन वास्तविकता में इनमें अगर आप निवेश करते हैं, तो फिर पैसा बढ़ने के बजाए डूबेगा।

करते हैं लाखों रुपये कमाने का वादा

कम निवेश में यह बाइनरी ट्रेडिंग एप लोगों को ज्यादा पैसा कमाने का वादा करते हैं। इन कंपनियों का कहना होता है कि लोग 10 डॉलर (700 रुपये) के छोटे से निवेश से एक माह बाद 10000 हजार डॉलर (7 लाख रुपये) तक कमा सकते हैं। हालांकि ऐसा हकीकत में कुछ भी नहीं होता है। यह एक तरह का छलावा है, जैसा हाल ही में क्लिक एंड लाइक, बाइक बोट, स्पीक एशिया ने लोगों के साथ किया था और लाखों लोगों के करोड़ों रुपये डूब गए थे।

क्यों है खतरनाक

बाइनरी ट्रेडिंग एप इसलिए भी खतरनाक हैं, क्योंकि इनको भारत में व्यापार करने के लिए किसी भी तरह की मान्यता सेबी, आरबीआई या सरकार से नहीं मिली है। वहीं अगर कोई व्यक्ति थोड़े बहुत पैसे भी इन बाइनरी एप से कमा लेता है, तो वो फेमा कानून के तहत फंस सकता है। दूसरी तरफ इन कंपनियों का रजिस्ट्रेशन टैक्स हैवेन देशों में हैं, जहां से आप किसी तरह की कोई मदद नहीं पा सकते हैं।

इन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म को अमेरिका और यूरोप के कई देशों ने भी अपने एक्सचेंज पर मान्यता नहीं दी हुई है। विदेश में इनका बिजनेस ठप सा पड़ गया है, इसलिए अब इन्होंने अपना रूख भारत की तरफ मोड़ लिया है। यह एक तरह का जुआ है, जिसमें 98 फीसदी लोग अपनी रकम को डूबा देते हैं। केवल दो फीसदी लोग ही कुछ पैसा कमा पाते हैं।

ऐसे काम होता है बाइनरी ट्रेडिंग में

बाइनरी ट्रेडिंग में विदेशी मुद्रा, क्रिप्टोकरेंसी और सोने-चांदी जैसी कमोडिटी में ट्रेडिंग करने का ऑप्शन दिया जाता है। यहां पर लोगों को अनुमान लगाना होता है कि फलां कमोडिटी कितना आगे या फिर नीचे जाएगी। मान लीजिए आपने डॉलर पर अनुमान लगाया कि वो अगले एक से पांच मिनट में नीचे जाएगा, और आपने 10 डॉलर के साथ स्ट्राइक लगाई। अब एक मिनट में जो डॉलर नीचे जा रहा था, वो एकदम से ऊपर चला जाएगा। इससे आपके वो 10 डॉलर भी डूब जाएंगे। आप जितना भी पैसा लगाएंगे वो डूबता ही चला जाएगा।

शुरुआत में यह कंपनियां रजिस्ट्रेशन करने के बाद 10 हजार डॉलर का वर्चुअल पैसा डालती हैं, जिससे लोग इसके बारे में पूरी तरह से ज्ञान ले लें। लोग वर्चुअल में जब खेलकर थोड़ा भी ज्ञान ले लेते हैं, तब इसमें पैसा निवेश करते हैं।

कम से कम 3000 डॉलर का निवेश

अगर आपने यहां से थोड़ा सा भी पैसा कमा लिया तो वो आप निकाल नहीं पाएंगे। इन ट्रेडिंग एप पर आपको कम से कम तीन हजार डॉलर (करीब 2,10,000 रुपये) का निवेश करना होगा, तभी वो व्यक्ति इन खातों से जीता हुआ पैसा निकाल सकेगा। अगर उसने इतना पैसा नहीं निवेश किया तो उसको खाते से पैसा निकालने के लिए अनुमति नहीं मिलेगी।

हालांकि लोगों को निवेश करने के लिए अपने डेबिट या फिर क्रेडिट कार्ड (वीजा या मास्टरकार्ड) से पैसा ट्रांसफर कर सकते हैं। एक बार जहां आपने अपने कार्ड की डिटेल्स दे दी, तो समझ लीजिए कि आपका खाता हैक होने में देर नहीं लगेगी।

केवल नाम और ईमेल आईडी से सेकंडों में बनेगा खाता

लोगों को इन ट्रेडिंग एप पर केवल अपना नाम और ईमेल आईडी देनी होती है, जिसके तुरंत बाद ही खाता बन जाता है। यह कंपनियां किसी भी तरह का पासवर्ड या एप को इंस्टॉल करने के बाद लॉगआउट का ऑप्शन भी नहीं देती हैं।

फिलहाल भारत में यह एप हो रहे हैं पॉपुलर

आजकल सोशल मीडिया वेबसाइट्स पर बाइनरी ट्रेडिंग कराने वाले एप का प्रचार जोर शोर से हो रहा है। यह मोबाइल एप लोगों को जल्द से जल्द पैसा कमाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं, लेकिन वास्तविकता में इनमें अगर आप निवेश करते हैं, तो फिर पैसा बढ़ने के बजाए डूबेगा।

करते हैं लाखों रुपये कमाने का वादा

कम निवेश में यह बाइनरी ट्रेडिंग एप लोगों को ज्यादा पैसा कमाने का वादा करते हैं। इन कंपनियों का कहना होता है कि लोग 10 डॉलर (700 रुपये) के छोटे से निवेश से एक माह बाद 10000 हजार डॉलर (7 लाख रुपये) तक कमा सकते हैं। हालांकि ऐसा हकीकत में कुछ भी नहीं होता है। यह एक तरह का छलावा है, जैसा हाल ही में क्लिक एंड लाइक, बाइक बोट, स्पीक एशिया ने लोगों के साथ किया था और लाखों लोगों के करोड़ों रुपये डूब गए थे।

क्यों है खतरनाक

बाइनरी ट्रेडिंग एप इसलिए भी खतरनाक हैं, क्योंकि इनको भारत में व्यापार करने के लिए किसी भी तरह की मान्यता सेबी, आरबीआई या सरकार से नहीं मिली है। वहीं अगर कोई व्यक्ति थोड़े बहुत पैसे भी इन बाइनरी एप से कमा लेता है, तो वो फेमा कानून के तहत फंस सकता है। दूसरी तरफ इन कंपनियों का रजिस्ट्रेशन टैक्स हैवेन देशों में हैं, जहां से आप किसी तरह की कोई मदद नहीं पा सकते हैं।

इन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म को अमेरिका और यूरोप के कई देशों ने भी अपने एक्सचेंज पर मान्यता नहीं दी हुई है। विदेश में इनका बिजनेस ठप सा पड़ गया है, इसलिए अब इन्होंने अपना रूख भारत की तरफ मोड़ लिया है। यह एक तरह का जुआ है, जिसमें 98 फीसदी लोग अपनी रकम को डूबा देते हैं। केवल दो फीसदी लोग ही कुछ पैसा कमा पाते हैं।

ऐसे काम होता है बाइनरी ट्रेडिंग में

बाइनरी ट्रेडिंग में विदेशी मुद्रा, क्रिप्टोकरेंसी और सोने-चांदी जैसी कमोडिटी में ट्रेडिंग करने का ऑप्शन दिया जाता है। यहां पर लोगों को अनुमान लगाना होता है कि फलां कमोडिटी कितना आगे या फिर नीचे जाएगी। मान लीजिए आपने डॉलर पर अनुमान लगाया कि वो अगले एक से पांच मिनट में नीचे जाएगा, और आपने 10 डॉलर के साथ स्ट्राइक लगाई। अब एक मिनट में जो डॉलर नीचे जा रहा था, वो एकदम से ऊपर चला जाएगा। इससे आपके वो 10 डॉलर भी डूब जाएंगे। आप जितना भी पैसा लगाएंगे वो डूबता ही चला जाएगा।

शुरुआत में यह कंपनियां रजिस्ट्रेशन करने के बाद 10 हजार डॉलर का वर्चुअल पैसा डालती हैं, जिससे लोग इसके बारे में पूरी तरह से ज्ञान ले लें। लोग वर्चुअल में जब खेलकर थोड़ा भी ज्ञान ले लेते हैं, तब इसमें पैसा निवेश करते हैं।

कम से कम 3000 डॉलर का निवेश

अगर आपने यहां से थोड़ा सा भी पैसा कमा लिया तो वो आप निकाल नहीं पाएंगे। इन ट्रेडिंग एप पर आपको कम से कम तीन हजार डॉलर (करीब 2,10,000 रुपये) का निवेश करना होगा, तभी वो व्यक्ति इन खातों से जीता हुआ पैसा निकाल सकेगा। अगर उसने इतना पैसा नहीं निवेश किया तो उसको खाते से पैसा निकालने के लिए अनुमति नहीं मिलेगी।

हालांकि लोगों को निवेश करने के लिए अपने डेबिट या फिर क्रेडिट कार्ड (वीजा या मास्टरकार्ड) से पैसा ट्रांसफर कर सकते हैं। एक बार जहां आपने अपने कार्ड की डिटेल्स दे दी, तो समझ लीजिए कि आपका खाता हैक होने में देर नहीं लगेगी।

केवल नाम और ईमेल आईडी से सेकंडों में बनेगा खाता

लोगों को इन ट्रेडिंग एप पर केवल अपना नाम और ईमेल आईडी देनी होती है, जिसके तुरंत बाद ही खाता बन जाता है। यह कंपनियां किसी वर्ल्ड मार्केट्स ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म भी तरह का पासवर्ड या एप को इंस्टॉल करने के बाद लॉगआउट का ऑप्शन भी नहीं देती हैं।

शेयर बाजार में क्या है कमोडिटी ट्रेडिंग, जानिए कैसे करते हैं खरीद-बेच, कितना फायदेमंद

commodity trading

जिस तरह से हम अपनी रोजमर्रा की जरुरतों के लिए कोई वस्तु यानी कमोडिटी (commodity) जैसे अनाज, मसाले, सोना खरीदते हैं वैस . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : May 06, 2021, 09:25 IST

मुंबई. जिस तरह से हम अपनी रोजमर्रा की जरुरतों के लिए कोई वस्तु यानी कमोडिटी (commodity) जैसे अनाज, मसाले, सोना खरीदते हैं वैसे ही शेयर बााजार (share market) में भी इन कमोडिटी की खरीद बेच होती है. शेयर बााजार के कमोडिटी सेक्शन में इनकी ही खरीद बेच को कमोडिटी ट्रेडिंग (commodity trading) कहते हैं. यह कंपनियों के शेयरों यानी इक्विटी मार्केट की ट्रेडिंग से थोड़ी अलग होती है. कमोडिटी की ट्रेडिंग ज्यादातर फ्यूचर मार्केट में होती है. भारत में 40 साल बाद 2003 में कमोडिटी ट्रेडिंग पर लगा प्रतिबंध हटा लिया गया था.

सामान्य तौर पर, कमोडिटी को चार प्रकारों में वर्गीकृत किया जाता है.

कीमती धातु - सोना, चांदी और प्लेटिनम

बेस मेटल - कॉपर, जिंक, निकल, लेड, टीन और एन्युमिनियम

एनर्जी - क्रूड ऑयल, नेचुरल गैस, एटीएफ, गैसोलाइन

मसाले - काली मिर्च, धनिया, इलायची, जीरा, हल्दी और लाल मिर्च.

अन्य - सोया बीज, मेंथा ऑयल, गेहूं, चना

कमोडिटी ट्रेडिंग में क्या अलग है
- कमोडिटी ट्रेडिंग और शेयर बाज़ार ट्रेडिंग करने में बुनियादी फर्क है. शेयर बाजार में आप शेयरों को एक बार खरीद कर कई साल बाद भी बेच सकते हैं लेकिन कमोडिटी मार्केट में दो-तीन नियर मंथ में ही कारोबार होता है. इसलिए सौदे खरीदते या बेचने में एक निश्चित अवधि का पालन करना जरूरी होता है. यह इक्विटी फ्यूचर ट्रेडिंग (equity future trading) की तरह होता है.

फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट क्या है -

दो पार्टियों के बीच यह खरीदने बेचने का ऐसा सौदा होता है जो आज के दाम पर फ्यूचर की डेट में एक्सचेंज होता है. कमोडिटी राष्ट्रीय स्तर ऑनलाइन मॉनिटरिंग और सर्विलांस मैकेनिज्म के साथ ट्रेड होता है. एमसीएक्स और एनसीडीएक्स में कमोडिटी फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट एक महीने, दो महीने और तीन महीने के लिए एक्सापाइरी सायकल के आधार पर खरीदे जाते हैं.

पोर्टफोलियो में विविधता के लिए कमोडिटी में निवेश फायदेमंद -
विशेषज्ञों के मुताबिक पोर्टफोलियों में विविधता के लिए निवेशक को इक्विटी के साथ साथ कमोडिटी में भी निवेश करना चाहिए. इससे कीमतों में उतार-चढ़ाव का फायदा लिया जा सकता है. हालांकि, रिटेल और छोटे निवेशकों को कमोडिटी में निवेश में विशेष सावधान होना चाहिए. बाजार की अस्थिरता और कम जानकारी पूरा पैसा डूबा सकती है. निवेशकों को इसमें डिमांड सायकल और कौन से कारक कमोडिटी बाजार को प्रभावित करते हैं यह जानना जरूरी होता है.

कमोडिटी ट्रेडिंग से फायदा -
भारत में 25 लाख करोड़ रुपए सालाना का कमोडिटी मार्केट तेजी से बढ़ रहा है. यह मुख्यत लिवरेज मार्केट होता है. मतलब छोटे और मध्यम निवेशक भी छोटी सी राशि से मार्जिन मनी के जरिये कमोडिटी ट्रेडिंग कर सकते हैं.

हेजिंग -
किसानों, मैन्युफैक्चरर और वास्तविक उपयोगकर्ताओं के लिए कमोडिटी के दाम में उतार चढ़ाव का रिस्क कम हो जाता है.

पोर्टफोलियों में विविधता -
कमोडिटी एक नए एसेट क्लास के रुप में विकसित हो रही है. यह पोर्टपोलियों में प्रभावी विविधता लाती है.

ट्रेडिंग अपॉरच्यूनिटी -
कमोडिटी का डेली टर्नओवर लगभग 22,000 - 25,000 करोड़ रुपए है, जो एक बेहतर ट्रेडिंग अपॉर्च्यूनिटी उपलब्ध कराती है.

हाई लिवरेज -
इसमें बहुत कम पैसे में आप मार्जिन मनी के सहारे बड़े सौदे कर सकते हैं.

समझने में आसानी-
कमोडिटी के बेसिक नेचर और सिंपल इकोनॉमिक फंडामेंटल की वजह से इसे समझना भी आसान होता है

इंडियन कमोडिटी एक्सचेंज का क्या है रोल -

इंडियन कमोडिटी एक्सचेंज वह संस्था है जो कमोडिटी फ्यूचर में ट्रेडिंग के लिए प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराती है. जैसे स्टॉक मार्केट इक्विटी में ट्रेडिंग के लिए स्पेस उपलब्ध कराता है. वर्तमान में फ्यूचर ट्रेडिंग के लिए 95 कमोडिटी उपलब्ध है जो रेगुलेटर फॉर्वर्ड मार्केट कमिशन ( एफएमसी) द्वारा जारी गाइडलाइन और फ्रेमवर्क के अंदर हैं. भारत में 3 नेशनल और 22 क्षेत्रिय एक्सचेंज अभी काम कर रहे हैं.

एमसीएक्स (मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज) क्या है -

एमसीएक्स (मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज) द्वारा सुगम कमोडिटी मार्केट में कमोडिटी का कारोबार अक्सर एमसीएक्स ट्रेडिंग के रूप में जाना जाता है. जिस प्रकार बीएसई और एनएसई स्टॉक में कारोबार के लिए मंच प्रदान करते हैं, वैसे ही एमसीएक्स कमोडिटी में कारोबार के लिए एक मंच प्रदान करता है. इसमें कारोबार मेजर ट्रेडिंग मेटल और एनर्जी में होती है. इसमें रोजाना एक्सचेंज वैल्यूम 17,000-20,000 करोड़ है.

एनसीडीएक्स-
यह दिसंबर 2003 में अस्त्तिव मे आया. इसमें मुख्यत एग्री ट्रेडिंग होती है. रोजाना एक्सचेंज वैल्यूम लगभग 2000 - 3000 करोड़.

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