बीते 23 सितंबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में आई गिरावट का मुख्य कारण फॉरेन करेंसी असेट का घटना है। यह कुल मुद्रा भंडार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। आरबीआई के शुक्रवार को जारी किये गये भारत के विदेशी मुद्रा भंडार का उच्चतम स्तर साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार समीक्षाधीन सप्ताह में विदेशी मुद्रा अस्तियां 7.688 अरब डॉलर घटकर 477.212 अरब डॉलर रह गया। डॉलर में अभिव्यक्त विदेशी मुद्रा भंडार में रखे जाने वाली विदेशी मुद्रा आस्तियों में यूरो, पौंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं में मूल्यवृद्धि अथवा मूल्यह्रास के प्रभावों को शामिल किया जाता है।

देश का विदेशी मुद्रा भंडार रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा, 534.57 अरब डॉलर हुआ आंकड़ा

देश का विदेशी मुद्रा भंडार रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा, 534.57 अरब डॉलर हुआ आंकड़ा

विदेशी मुद्रा भंडार 31 जुलाई को खत्म हुए हफ्ते के दौरान 534.57 अरब डॉलर के रिकॉर्ड सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया है.

विदेशी मुद्रा भंडार 31 जुलाई को खत्म हुए हफ्ते के दौरान 11.94 अरब डॉलर की जोरदार वृद्धि के साथ 534.57 अरब डॉलर के रिकॉर्ड सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया है. भारतीय रिजर्व बैंक के ताजा आंकड़ों में शुक्रवार को यह जानकारी दी गई. गुरुवार विदेशी मुद्रा भंडार का उच्चतम स्तर को मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि 534.6 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार 13.4 महीने के आयात खर्च के बराबर है. उन्होंने कहा था कि वित्तवर्ष 2020-21 में अभी तक (31 जुलाई तक) मुद्रा भंडार में 56.8 अरब डॉलर की वृद्धि हुई है.

स्वर्ण भंडार में भी बढ़ोतरी

रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक, समीक्षाधीन हफ्ते में विदेशी मुद्रा आस्तियां 10.35 अरब डॉलर बढ़कर 490.83 अरब डॉलर हो गईं. रिजर्व बैंक के मुताबिक, समीक्षाधीन सप्ताह में स्वर्ण आरक्षित भंडार 1.53 अरब विदेशी मुद्रा भंडार का उच्चतम स्तर डॉलर बढ़कर 37.63 अरब डॉलर हो गया. रिजर्व बैंक के आंकड़े दर्शाते हैं कि समीक्षाधीन हफ्ते में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष में विशेष आहरण अधिकार 1.2 करोड़ डॉलर बढ़कर 1.48 अरब डॉलर हो गया, जबकि आईएमएफ में देश का आरक्षित मुद्रा भंडार 5.4 करोड़ डॉलर बढ़कर 4.64 अरब डॉलर हो गया.

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भारत से लेकर चेक ​गणराज्य तक के घट रहे विदेशी मुद्रा भंडार, वैश्विक स्तर पर रिकॉर्ड 1 लाख करोड़ डॉलर की कमी

भारत से लेकर चेक ​गणराज्य तक के घट रहे विदेशी मुद्रा भंडार, वैश्विक स्तर पर रिकॉर्ड 1 लाख करोड़ डॉलर की कमी

दुनिया भर में विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign-Currency Reserves) में काफी तेजी से गिरावट आ रही है. इसकी वजह है कि भारत से लेकर चेक ​गणराज्य तक, कई देशों के केंद्रीय बैंकों ने अपनी-अपनी मुद्रा को समर्थन देने के लिए हस्तक्षेप किया है. ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल वैश्विक मुद्रा भंडार लगभग 1 लाख करोड़ डॉलर या 7.8 प्रतिशत घटकर 12 लाख करोड़ डॉलर रह गया है. ब्लूमबर्ग ने इस डाटा को कंपाइल करना साल 2003 से शुरू किया था. विदेशी मुद्रा भंडार में यह तब से लेकर अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है.

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 96 अरब डॉलर घटा

उदाहरण के लिए, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार इस साल 96 अरब डॉलर घटकर 538 अरब डॉलर रह गया है. देश के केंद्रीय बैंक आरबीआई का कहना है अप्रैल से अब तक के वित्तीय वर्ष के दौरान भंडार में आई गिरावट में 67 प्रतिशत का योगदान एसेट वैल्युएशन बदलाव का है. इसका अर्थ है कि शेष गिरावट, भारतीय मुद्रा को आगे बढ़ाने के लिए केंद्रीय बैंक के हस्तक्षेप की वजह से है. रुपये में इस साल डॉलर के मुकाबले करीब 9 प्रतिशत की गिरावट आई है और पिछले महीने यह रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया.

जापान ने 1998 के बाद पहली बार मुद्रा को समर्थन देने के लिए सितंबर में येन की गिरावट को धीमा करने के लिए लगभग 20 अरब डॉलर खर्च किए. इसका, इस साल जापान के विदेशी मुद्रा भंडार के नुकसान में लगभग 19% हिस्सा होगा. चेक गणराज्य में मुद्रा हस्तक्षेप ने फरवरी से भंडार को 19% कम किया है. हालांकि गिरावट की भयावहता असाधारण है, लेकिन मुद्राओं की रक्षा के लिए विदेशी मुद्रा भंडार का उपयोग करने की प्रथा कोई नई बात नहीं है. जब विदेशी पूंजी की बाढ़ आती है तो केंद्रीय बैंक डॉलर खरीदते हैं और मुद्रा की वृद्धि को धीमा करने के लिए अपने भंडार का निर्माण करते हैं. बुरे समय में वे इससे पूंजी निकालते हैं.

भारत का भंडार 2017 के स्तर से अभी भी 49% अधिक

ब्लूमबर्ग के मुताबिक, अधिकांश केंद्रीय बैंकों के पास अभी भी हस्तक्षेप जारी रखने के लिए पर्याप्त शक्ति है. भारत में विदेशी मुद्रा भंडार अभी भी 2017 के स्तर से 49% अधिक है, और नौ महीने के आयात का भुगतान करने के लिए पर्याप्त है. हालांकि कुछ केंद्रीय बैंक ऐसे भी हैं, जहां यह भंडार तेजी से ​खत्म हो रहा है. इस साल 42% की गिरावट के बाद, पाकिस्तान का 14 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा विदेशी मुद्रा भंडार का उच्चतम स्तर भंडार तीन महीने के आयात को कवर करने के लिए पर्याप्त नहीं है.

क्या विदेशी मुद्रा भंडार का उच्चतम स्तर 2030 तक दुनिया से गरीबी खत्म नहीं हो पाएगी? जानिए विश्व बैंक ने क्या कहा?

लगातार आठवें सप्ताह घटा देश का विदेशी मुद्रा भंडार

 foreign exchange reserves

देश के फॉरेन करेंसी असेट में एक बार फिर कमी हुई है। यह लगातार 8वां सप्ताह है जब इसमें गिरावट दर्ज हुई है। इसका असर देश के विदेशी मुद्रा भंडार पर दिखा है। तभी तो 23 सितंबर 2022 को समाप्त सप्ताह के दौरान भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 8.134 अरब डॉलर की कमी हुई। यह अगस्त 2020 के बाद का न्यूनतम स्तर है। इससे पहले 16 सितंबर 2022 को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान भी विदेशी मुद्रा भंडार में 5.22 अरब डॉलर की कमी हुई थी और यह घट कर 545 अरब डॉलर रह गया था।

एनबीटी की रिपोर्ट के मुताबिक़ भारतीय रिजर्व बैंक से मिली जानकारी के अनुसार 23 सितंबर 2022 को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान देश का विदेशी मुद्रा भंडार 8.134 अरब डॉलर घटकर 537.518 अरब डॉलर रह गया। इससे पहले बीते 16 सितंबर को भी यह 5.22 अरब डॉलर घट कर 545 अरब डॉलर रह गया था। पिछले महीने पांच अगस्त को समाप्त सप्ताह से यह लगातार घट रहा है। हालांकि, बीते 29 जुलाई को समाप्त सप्ताह के दौरान अपना विदेशी मुद्रा भंडार 2.4 अरब डॉलर बढ़ कर 573.875 अरब डॉलर पर पहुंच गया था। उससे पहले देश के विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार चार सप्ताह तक गिरावट हुई थी।

भारत को लगा झटका, सोने में गिरावट का यहां भी दिखा असर, विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट

सोने में आई गिरावट के चलते भारत के विदेशी मुद्रा भंडार को नुकसान हुआ है. 18 जून को समाप्त सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार उच्चतम स्तर से गिरकर 603.933 अरब डॉलर पर पहुंच गया है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कोरोना काल के चलते भारतीय अर्थव्यवस्था को हुए नुकसान की अभी भरपाई भी नहीं हो पाई है कि भारत को विदेशी मुद्रा भंडार के मोर्चे पर एक और झटका लगा है. दरअसल सोने में आई गिरावट के चलते 18 जून को समाप्त सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार अपने उच्चतम स्तर से गिरकर 4.148 अरब डॉलर घटकर 603.933 अरब डॉलर पर पहुंच गया है. इस बात का खुलासा आरबीआई के ताजा आंकड़ों से हुआ. रिपोर्ट के मुताबिक विदेशी मुद्रा संपत्ति (FCA), समग्र भंडार का एक प्रमुख घटक, रिपोर्टिंग सप्ताह के लिए $ 1.918 बिलियन से घटकर 561.540 बिलियन डॉलर हो गया है.

विदेशी मुद्रा भंडार 590 अरब डॉलर के पार

मुंबई — देश का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार छठे सप्ताह बढ़ता हुआ 590 अरब डॉलर के पार पहुंच गया है। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, 14 मई को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा का देश का भंडार 56.3 करोड़ डॉलर बढ़कर 590.03 अरब डॉलर पर पहुंच गया जो 15 सप्ताह का उच्चतम स्तर है। इससे पहले सात मई को समाप्त विदेशी मुद्रा भंडार का उच्चतम स्तर सप्ताह में यह 1.44 अरब डॉलर बढ़कर 589.47 अरब डॉलर पर रहा था।

केंद्रीय बैंक ने बताया कि 14 मई को समाप्त सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार का सबसे बड़ा घटक विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति 37.7 करोड़ डॉलर बढ़कर 546.87 अरब डॉलर पर रही। इस दौरान स्वर्ण भंडार भी 17.4 करोड़ विदेशी मुद्रा भंडार का उच्चतम स्तर डॉलर की बढ़त के साथ 36.65 अरब डॉलर पर पहुंच गया। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के पास आरक्षित निधि एक करोड़ डॉलर बढ़कर पांच अरब डॉलर और विशेष आहरण अधिकार 20 लाख डॉलर की वृद्धि के साथ 1.51 अरब डॉलर हो गया।

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