नरगिस फाखरी बोलीं-'लोग इस बात की परवाह क्यों करते हैं मैं किस को डेट रही हूं'

एक्ट्रेस नरगिस फाखरी इन दिनों फिल्मों से दूर हैं। अभिनेत्री सेलिब्रेटीज की जिंदगी को आम किए जाने से काफी खफा हैं। उन्होंने उन तमाम चीजों को लेकर अपनी भड़ास निकाली हैं जो एक स्टार्स को पब्लिक फीगर होने के चलते झेलनी पड़ती है। फाखरी ने कहा कि सेलिब्रिटीज भी एक आम इंसान की तरह कुछ मुझे शेयर बाजार की परवाह क्यों करनी चाहिए? चीजें प्राइवेट रखना चाहते हैं। हर चीज को छिपाना बस की बात नहीं होती।

काम की बजाय निजी जिदंगी में देते हैं दखल

नरगिस फाखरी का कहना है कि मुझे मेरी निजी जिंदगी के बारे में बात करने में मुझे शेयर बाजार की परवाह क्यों करनी चाहिए? कोई परहेज नहीं है। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि लोग उनके काम की बजाय उनकी निजी जिंदगी में ज्यादा झांकते हैं। जबकि मुझे अपनी निजी जिंदगी की बजाय अपने काम को हाइलाइट करना पसंद है।

इंटरनेट ने कर दी स्टार्स की प्राइवेसी भंग

फाखरी ने कहा कि कई स्टार अपनी निजी जिंदगी के बारे में कोई बात नहीं करना चाहते हैं। लेकिन मेरा सोचना यह है कि हर इंसान की निजता का ध्यानरखना चाहिए। अब अदाकारी एक बहुत ही अजीब काम बन चुका है। क्योंकि अब इंटरनेट के चलते स्टार्स की प्राइवेसी भंग हो चुकी है। रॉकस्टार फेम एक्ट्रेस नरगिस फाखरी ने कहा कि सोशल मीडिया जानता है कि हम क्या-क्या देखते हैं और क्या-क्या देखना चाहते हैं?

एक्ट्रेस ने कहा कि कई बार उन्हें इसी वजह से लगता है कि हम पूरी तरह से न्यूड हो चुके हैं। मैं कई बार सोचती हूं कि लोग इस बात को ज्यादा तवज्जों क्यों देते हैं कि मैं किस को डेट कर रही हूं। लेकिन बावजूद मैंने हमेशा अपनी पर्सनल लाइफ को तरीके से हैंडल किया है।

Russia-Ukraine War 2022: तीसरे विश्व युद्ध की आहट! नाटो ने किया यूक्रेन को सैन्य मदद देने का ऐलान

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अंजना ओम कश्यप

अंजना ओम कश्यप

  • नई दिल्ली,
  • 24 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 8:59 PM IST

Russia-Ukraine War 2022: जिसके कयास लगाए जा रहे थे वही हुआ. रूस ने यूक्रेन पर हमला किया और सरेंडर करने की धमकी दी. यूक्रेन ने भी साफ कर दिया कि झुकने का सवाल ही नहीं. इस मुझे शेयर बाजार की परवाह क्यों करनी चाहिए? बीच दुनिया के दूसरे देशों में हड़कंप है. कुछ रूस की निंदा कर रहे हैं तो कुछ ने चुप्पी साध ली है. तो क्या ये तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत है? देखें

NATO envoys met in emergency session Thursday after Russian President Vladimir Putin ordered a large-scale attack on Ukraine as the 30-nation military organisation prepares to bolster its defenses in allies neighbouring both countries. Watch video to know more.

एलन मस्क ट्विटर पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता चाहते हैं, लेकिन 'भाषण के बाद की स्वतंत्रता' सरकारों पर निर्भर करेगी

निरंकुशतावादी मुस्कुरा रहे हैं, खुल कर और पूरे विश्वास से कुछ जमीन के ऊपर प्रत्यक्ष तौर से और कुछ अपनी कब्रों के भीतर आनंदित हो रहे हैं. जैसे कि एलन मस्क (Elon Musk) ('स्वतंत्र भाषण एक कार्यशील लोकतंत्र का आधार है') और युगांडा के तानाशाह इदी अमीन ('भाषण की स्वतंत्रता है, लेकिन मैं भाषण के बाद की स्वतंत्रता की गारंटी नहीं दे सकता'). खुद अपने मुंह से मुक्त अभिव्यक्ति की बात करने वाले एलन मस्क के पास नकदी का मुझे शेयर बाजार की परवाह क्यों करनी चाहिए? पहाड़ है और इसमें कोई संदेह नहीं है. 44 बिलियन डॉलर में उन्होंने ट्विटर (Twitter) को खरीद लिया है यह इतनी बड़ी राशि है जो उन्हें द्वीप राष्ट्र श्रीलंका (Sri Lanka) के कुल ऋण को चुकता कर पूरे देश को खरीदने की क्षमता रखती है.

अभिव्यक्ति की बिक्री हो रही है; स्वतंत्रता खतरे में नहीं है. अविश्वसनीय रूप से इनकी उपलब्धता असीमित है, बशर्ते आपके पास लागत वहन करने की क्षमता हो. सबसे पहले, लागत वाले हिस्से पर चर्चा. अगस्त 2018 में मस्क ने ट्वीट किया कि उनके पास इतना फंड मौजूद है कि 420 डॉलर प्रति शेयर के दर पर वे पब्लिक कंपनी टेस्ला को प्राइवेट कर दें. लेकिन अमेरिकी सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (एसईसी) ने जांच के बाद निष्कर्ष निकाला कि वास्तव में ट्वीट का कोई आधार मुझे शेयर बाजार की परवाह क्यों करनी चाहिए? नहीं है और इससे निवेशकों को चोट पहुंचा है. मस्क और टेस्ला पर अलग-अलग 20 मिलियन डॉलर का जुर्माना ठोंक दिया गया.

इस दंड ने "उन सभी लोगों के लिए चेतावनी का काम किया जो अपने शब्दों की सटीकता या प्रभाव की परवाह किए बगैर कोई सार्वजनिक घोषणा करते हैं (मस्क ने कहा कि यह मजाक मुझे शेयर बाजार की परवाह क्यों करनी चाहिए? इसी के योग्य था)." उस 2018 के समझौते के हिस्से में एक खंड यह भी शामिल था कि मस्क के पास कानूनी सलाहकार होंगे जो टेस्ला के बारे में अग्रिम रूप से उनकी हर ट्वीट्स को मंजूरी देंगे ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उनमें बाजार को प्रभावित करने वाली खबरें शामिल नहीं हों. आश्चर्यजनक मुझे शेयर बाजार की परवाह क्यों करनी चाहिए? रूप से मस्क ने उन शर्तों का पालन नहीं किया. 2020 में मस्क के एक ट्वीट से कि "टेस्ला स्टॉक की कीमत बहुत अधिक है", शेयर बाजार में टेस्ला की कीमत 14 बिलियन डॉलर घट गई.

मस्क के ट्विटर अकाउंट पर 84 मिलियन फॉलोअर्स हैं – जिनके साथ वह अपनी इलेक्ट्रिक वाहन कंपनी टेस्ला से संबंधित जानकारी और मीम साझा करते हैं और अधिकांश ट्विटर उपयोगकर्ताओं की तरह उनके अकाउंट में उनके जीवन पर एक छोटी सी टिप्पणी भी होती है. अपने ऑनलाइन गतिविधि के लिए उन्हें बड़ी प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ा है और कुछ मामलों में तो कानूनी कार्रवाई भी हुई है. "अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता एक कामकाजी लोकतंत्र का आधार है और ट्वीटर वह डिजिटल टाउन स्क्वायर है जहां मानवता के भविष्य को लेकर महत्वपूर्ण मामलों पर बहस मुझे शेयर बाजार की परवाह क्यों करनी चाहिए? होती है." ट्विटर के एक बयान में एलन मस्क ने कहा. "मैं नई सुविधाओं के साथ ट्विटर को पहले से भी बेहतर बनाना चाहता हूं. इसके एल्गोरिदम ऐसे होंगे जिससे लोगों का इसमें विश्वास बढ़ेगा. इसमें मैसेज छुपाने के लिए स्पैम बॉट्स नहीं होंगे और ये सभी मनुष्यों को ऑथेंटिकेट करेगा."

शुरुआत करने के लिए, ट्विटर इस्तेमाल करने वाले कई साल से इसमें एक एडिट बटन के लिए संघर्ष कर रहे हैं. मस्क ने अपने लाखों फॉलोअर्स से पूछा कि क्या वे एडिट बटन चाहते हैं. ट्विटर ने बाद में इस बात की पुष्टि की कि वह एक एडिट बटन पर काम कर रहा है. कुछ यूजर्स ने इसके बाद मुझे शेयर बाजार की परवाह क्यों करनी चाहिए? कुछ कयास लगाए कि यह कैसा दिख सकता है. ट्विटर में एडिट बटन को लेकर एनडीटीवी ने एक दिलचस्प उदाहरण पेश किया. "जैसे कि मैं एक बिल्ली प्रेमी होने के नाते ट्वीट करने का फैसला करता हूं कि "मुझे बिल्लियों से प्यार है!" फिर आप भी एक बिल्ली प्रेमी होने के नाते (आप क्यों नहीं होंगे) मेरे ट्वीट को कोट करने का निर्णय लेते हैं, "मैं भी करता हूं!" (याद रखें तब ट्विटर कितना मासूम हुआ करता था?) अब, अगर मैं अपने मूल ट्वीट को "आई लव डॉग्स" घोषित करने के लिए संपादित करूं तो क्या होगा? अब आपको कुत्ते-प्रेमी के रूप में गलत तरीके से प्रस्तुत किया जाता है और जब आपके बिल्ली-प्रेमी मित्र इसे देखेंगे (जो वे तब करेंगे जब मैं आपके ट्वीट का उन सभी का उल्लेख करते हुए जवाब दूंगा) तब वे आपको खुद से अलग कर देंगे.

मस्क को भारत के आईटी नियमों के नए सेट और सोशल मीडिया को भारत विरोधी प्रचार से दूर रखने के सरकार के कदम पर फिर से विचार करना चाहिए. हमारी सरकार झूठी खबरें फैलाने वाले ऑनलाइन वीडियो-शेयरिंग और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपनी कार्रवाई लगातार जारी रखे हुए है. सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने सोमवार को 16 यूट्यूब न्यूज चैनल और एक फेसबुक पेज को ब्लॉक कर दिया है. रोके गए चैनलों में से 10 भारत से और छह पाकिस्तान से संचालित होते हैं. इनकी कुल व्यूअरशिप 68 करोड़ बताई जाती है.

इस महीने की शुरुआत में मंत्रालय ने ऐसे 22 चैनलों और सोशल मीडिया हैंडल को ब्लॉक कर दिया है. मंत्रालय ने जनवरी में 35 यूट्यूब न्यूज चैनल और दो वेबसाइटों को ब्लॉक करने का निर्देश जारी किया. दिसंबर में इसने पहली बार इन्हीं प्रावधानों के तहत पाकिस्तान से संचालित 20 यूट्यूब चैनलों और दो वेबसाइटों के खिलाफ कार्रवाई की. इस साल फरवरी में केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में कहा था कि मोदी सरकार सख्त सोशल मीडिया मानदंड लागू करने के लिए तैयार है और देश में संचालित सभी माइक्रो-ब्लॉगिंग साइटों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए.

सोशल मीडिया के कड़े नियमों को लेकर राज्यसभा सदस्यों की सहमति की मांग करते हुए उन्होंने मुझे शेयर बाजार की परवाह क्यों करनी चाहिए? कहा कि सरकार इस मुद्दे को हाथ में लेने के लिए तैयार है. प्रश्नकाल के दौरान मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी नेता झरना दास बैद्य को जवाब देते हुए मंत्री ने कहा, "यदि उच्च सदन की सहमति है तो हम ट्विटर और फेसबुक जैसी माइक्रो-ब्लॉगिंग साइटों के लिए और भी सख्त सोशल मीडिया नियम पेश करना चाहते हैं." फिर पिछले साल जून में ट्विटर इंडिया के एमडी मनीष माहेश्वरी को यूपी पुलिस के समन से जुड़े एक मामले में ट्रांजिट अग्रिम जमानत के लिए कर्नाटक उच्च न्यायालय का रुख करना पड़ा. एक बुजुर्ग मुस्लिम शख्स की कथित रूप से पिटाई के बाद उसका वीडियो वायरल हुआ था जिसमें यूपी पुलिस ने उन्हें 24 जून को पेश होने के लिए समन जारी किया गया था.

पुलिस ने दावा किया कि कई पत्रकारों और कांग्रेस नेताओं के ट्वीट एक झूठे संदेश पर आधारित हैं. इस ट्वीट के जरिए सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश की गई. इस विवादित कॉन्टेंट को हटा पाने में असमर्थता के लिए माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म का नाम सामना आया. यह वारदात मई में गाजियाबाद जिले के एक कस्बे लोनी में हुई थी. मुख्य कार्यकारी अधिकारी पराग अग्रवाल और चेयरमैन ब्रेट टेलर ने कर्मचारियों से कहा है कि "इस समय" नौकरी में कोई कटौती नहीं होगी. मगर उन्हें यह महसूस करना चाहिए कि भारत में माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म किस ओर जा रहा है. मस्क की सोशल नेटवर्किंग साइट खरीदने की पेशकश की घोषणा के बाद से ही ट्विटर के कर्मचारी हफ्तों से अनिश्चितता की स्थिति में थे.

केयर हेल्थ इंश्योरेंस (जिसे पहले रेलिगेयर हेल्थ इंश्योरेंस के नाम से जाना जाता था)

केयर हेल्थ इंश्योरेंस (जिसे पहले रेलिगेयर हेल्थ इंश्योरेंस के नाम से जाना जाता था) भारत में एक विशेष हेल्थ इन्शुरन्स कंपनी है। यह रेलिगेयर एंटरप्राइजेज लिमिटेड की सीधी सहायक कंपनी है। बीमाकर्ता ग्रामीण क्षेत्रों के लिए माइक्रो इंश्योरेंस उत्पादों के साथ फैमिली हेल्थ प्लान, क्रिटिकल इलनेस, पर्सनल एक्सीडेंट, सुपर टॉप-अप, मैटरनिटी इंश्योरेंस से संबंधित गुणवत्ता-संचालित उत्पाद प्रदान करता है। इसके अलावा, यह अपने ग्राहकों को विभिन्न कल्याण सेवाएं प्रदान करता है।

कंपनी ने पिछले कुछ वर्षों में कई पुरस्कार और प्रशंसा हासिल की है। उनमें से कुछ नीचे दिए गए हैं:

  • एबीपी न्यूज-बीएफएसआई अवार्ड्स 2015 में सर्वश्रेष्ठ स्वास्थ्य बीमा कंपनी
  • इमर्जिंग एशिया इंश्योरेंस अवार्ड्स, 2019 में बेस्ट हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी
  • बेस्ट क्लेम सर्विस प्रोवाइडर ऑफ द ईयर — इंश्योरेंस इंडिया समिट एंड अवार्ड्स 2018
  • 2013 में फिनोविटी में सर्वश्रेष्ठ उत्पाद नवाचार के लिए एडिटर्स चॉइस अवार्ड
  • 2015, 2018 और 2019 में फिक्की हेल्थकेयर एक्सीलेंस अवार्ड्स में सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा/स्वास्थ्य बीमा उत्पाद पुरस्कार।

केयर हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी की प्रमुख विशेषताएं (जिसे पहले रेलिगेयर हेल्थ इंश्योरेंस के नाम से जाना जाता था)

केयर इंश्योरेंस हमारे ग्राहकों की विविध स्वास्थ्य आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसियों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करता है। केयर इंश्योरेंस एक इन-हाउस ऐप भी प्रदान करता है जो आपकी सभी पॉलिसी चिंताओं के लिए एक-स्टॉप समाधान है। केयर मेडिकल इंश्योरेंस की कुछ अन्य प्रमुख विशेषताओं पर एक नज़र डालें:

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