ग्रामीण विपणन की परिभाषा
ग्रामीण विपणन जरूरतों को पूरा करने, समझाने और बदलने की प्रथा है, ग्राहकों की खरीद शक्ति को उत्पादों और सेवाओं के लिए प्रभावी मांग में बिक्री के लिए जो ग्रामीण विपणन विश्लेषण के प्रकार इलाकों में लोगों की आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करेगा और इस प्रकार संतुष्टि के स्तर को बढ़ाएगा साथ ही रहने का मानक भी। इन ग्रामीण बाजारों की संभावना साबित करने के कई कारण हैं।
डायरेक्ट मेल मार्केटिंग
इनमें से कुछ नीचे सूचीबद्ध हैं-
ए) विशाल बाजार का आकार
बी) ग्रामीण उपभोग के स्तर में वृद्धि
डी) ग्रामीण बाजार शहरी बाजारों की तुलना में महंगा नहीं है
ई) शहरी बाजार की तुलना में ग्रामीण बाजार विकास दर अधिक है
बड़ी संभावना के बावजूद इस ग्रामीण बाजार में कई समस्याएं हैं। इनमें से कुछ हैं-
ए) एकाधिक बोलीभाषाएं और भाषाएं
बी) बिजली और अन्य बुनियादी सुविधाओं की कमी
सी) विकसित भीड़ के तहत
डी) सीमित मीडिया कवरेज और इसलिए कम विपणन विकल्प
ई) परिवहन और गोदाम की समस्याएं
ग्रामीण विपणन रणनीति एएए - उपलब्धता, अभिगम्यता और सस्तीता पर आधारित है। उपलब्धता वितरण चैनलों की स्थिति के बारे में बताती है, उपभोक्ताओं के जीवन स्तर के आधार पर मूल्य निर्धारण तकनीकों पर अभिगम्यता केंद्रित है, affordability उपभोक्ता की उस उत्पाद या सेवा को खरीदने की इच्छा पर जोर देती है।
निजी विपणन का व्यापक रूप से ग्रामीण विपणन में विपणन संचार के अन्य उपकरणों के मुकाबले उपयोग किया जाता है। ग्रामीण बाजारों में सभी संचार क्षेत्रीय बोलियों में डिजाइन और विकसित किए गए हैं। खुदरा विक्रेताओं ने अपनी बिक्री टीम के साथ उत्पाद और काम के लिए बाजार की स्थापना में एक बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
विपणन अनुसन्धान का अर्थ ( Meaning of Marketing Research ) क्या है ?
विपणन अनुसन्धान उपभोक्ता अभिमुखी विपणन की देन है । उपभोक्ताओं को बदलती रुचियाँ, आवश्यकताएँ और उसके अनिश्चितत व्यवहार ने निर्माता को 'उपभोक्ता' के अध्ययन के लिए सूचनाओं को एकत्रित करने एवं विश्लेषित करने पर विवश कर दिया है । वर्तमान में उपभोक्ता की अपेक्षा एवं। आवश्यकताओं के अनुरूप विपणन प्रक्रिया से सम्बन्धित भिन्न-भिन्न तत्त्वों का व्यवस्थित अध्ययन करना आवश्यक हो गया है । इसी अध्ययन को विपणन अनुसन्धान कहा जाता है ।
परिभाषाएँ ( Definitions ) :-
साधारण शब्दों में विपणन अनुसन्धान विपणन की विविध समस्याओं के विश्लेषण हेतु तथ्यों के संकलन, विश्लेषण एवं निर्वचन की व्यवस्थित प्रक्रिया है । विपणन अनुसन्धान का उद्देश्य विपणन नियोजन, विपणन निर्णय एवं विपणन व्यूह रचनाओं को सुदृढ़ बनाना है । विपणन अनुसन्धान की परिभषाएँ इस प्रकार हैं -
अमेरिकन मार्केटिंग एसोसिएशन के अनुसार, "विपणन अनुसन्धान से आशय वस्तुओं एवं सेवाओं की विपणन से सम्बन्धित समस्याओं के बारे में आँकड़ों के व्यवस्थित संकलन, अभिलेखन, विश्लेषण और निर्वचन से है ।"
फिलिप कोटलर के विचारानुसार "विपणन अनुसन्धान वस्तुओं के विपणन में निर्णय तथा नियन्त्रण सम्बन्धी पद्धति को सुधारने के उद्देश्य से किया जाने वाला व्यवस्थित समस्या विश्लेषण, मॉडल निर्माण एवं तथ्य अन्वेषण सम्बन्धी कार्य है ।"
ब्लैकनशिप तथा डॉयल के अनुसार "विपणन अनुसन्धान तथ्यों के संकलन और निर्वचन से सम्बन्धित है जो विपणन प्रबन्ध के कुशलतापूर्वक उपभोक्ताओं के हाथों में पहुँचाने में मदद करता है ।"
उपर्युक्त परिभाषाओं के विश्लेषण से यह स्पष्ट है कि विपणन अनुसन्धान से आशय विपणन सम्बन्धी यथा - उपभोक्ता व्यवहार, उत्पाद, बाजार, प्रतिस्पर्धा इत्यादि के सम्बन्ध में उन सूचनाओं के वैज्ञानिक एवं व्यवस्थित एकत्रीकरण विश्लेषण एवं निर्वचन से है जिनके माध्यम से विपणन सम्बन्धी वर्तमान अथवा भावी समस्याओं के समाधान खोजकर उपयुक्त विपणन निर्णय किये जा सकें । परिभाषा के अध्ययन विपणन अनुसन्धान के सम्बन्ध में निम्न बातें स्पष्ट होती हैं -
(i) विपणन अनुसन्धान नियोजित एवं वैज्ञानिक अध्ययन है ।
(ii) इसका सम्बन्ध विपणन समस्याओं से सम्बन्धित तथ्यों के एकत्रीकरण, विश्लेषण एवं निर्वचन से है ।
(iii) यह प्रबन्ध का एक विशेष उपकरण है जो विपणन प्रबन्धक को निर्णयन हेतु सही समय पर, सही एवं पर्याप्त सूचना प्रदान करता है ।
विपणन अनुसन्धान का कार्यक्षेत्र ( Scope of Marketing Research ) :-
विपणन अनुसन्धान का कार्यक्षेत्र अत्यन्त विस्तृत है और यह तीव्र गति और अधिक विस्तृत होता जा रहा है । विपणन अनुसन्धान का क्षेत्र उपभोक्ताओं की पहचान से लेकर उनकी सन्तुष्टि तक विस्तृत है । इसमें उपभोक्ता व्यवहार, विक्रय, उत्पाद, विज्ञापन, वितरण वाहिकाएँ, मूल्य, बाजार, भौतिक वितरण इत्यादि से सम्बन्धित अनुसन्धान सम्मिलित हैं । विपणन के प्रमुख क्षेत्रों का विवेचन इस प्रकार है -
[ 1 ] उपभोक्ता व्यवहार अनुसन्धान ( Consumer Behavior Research ) :- इस अनुसन्धान का मुख्य लक्षण उपभोक्ता प्रकृति, प्रवृत्तियों एवं व्यवहार का अध्ययन करना होता है । उत्पाद के प्रति उपभोक्ता का दृष्टिकोण, उसका क्रय-व्यवहार, प्रतिक्रियायें और उत्पाद के प्रति रुझान का अध्ययन किया जाता है । साथ ही उपभोक्ता सन्तुष्टि के लिए अन्य घटकों का अध्ययन एवं विश्लेषण किया जाता है ।
[ 2 ] बाजार अनुसन्धान ( Market Research ) :- यह अनुसन्धान मुख्यतः बाजार के लक्षणों, यथा - आकार, स्थिति, प्रकृति एवं विशेषताएँ इत्यादि के विश्लेषण से सम्बन्ध रखता है । बाजार अनुसन्धान के अन्तगर्त सम्भावित नये बाजार क्षेत्रों का विश्लेषण, सामान्य व्यापार पूर्वानुमान, क्षेत्रीय बाजार विश्लेषण, प्रतिस्पर्धी दशायें, बाजार ढाँचे को प्रभावित करने वाले घटकों का विश्लेषण इत्यादि सम्मिलित होता है ।
[ 3 ] विक्रय अनुसन्धान ( Sales Research ) :- विक्रय शोध मुख्यतः विक्रय मात्रा विश्लेषण, विक्रय तकनीकें, विक्रय नीतियाँ आदि से सम्बन्धित होता है । इस शोध द्वारा विक्रय में क्षेत्रीय अन्तरों का निर्धारण, विक्रय श्रृंखलाओं एवं वितरण लागत विश्लेषण, विक्रेताओं की प्रभावशीलता का मापन, विक्रय निष्पादन की जाँच की जाती है ।
[ 4 ] उत्पाद अनुस न्धान ( Product Research ) :- उत्पाद अनुसन्धान के अन्तगर्त वर्तमान उत्पादों के जीवनचक्र, दोषों, लागत के विश्लेषण के साथ-साथ जिन बातों पर शोध की जाती है उनमें प्रमुखतया उत्पाद विचार परीक्षण, उत्पाद विविधता, सुधार, पैकिंग, ब्राण्ड, उत्पाद अनुकूलता विश्लेषण, लाभदेयता इत्यादि सम्मिलित होते हैं ।
[ 5 ] मूल्य अनुसन्धान ( Price Research ) :- मूल्य अनुसन्धान के अन्तगर्त ग्राहकों की मूल्य चुकाने की क्षमता की जाँच की जाती है । मूल्य अनुसन्धान के कार्यक्षेत्र में ग्राहकों के मूल्य अपेक्षाओं का विश्लेषण, प्रतिस्पर्धी के मूल्य नीतियों की जाँच, वैकल्पिक मूल्य नीतियों का विश्लेषण तथा मूल्य परिवर्तन के सम्बन्ध में ग्राहकों की प्रक्रियाओं का मुल्यांकन सम्मिलित होता है ।
[ 6 ] वितरण श्रृंखला अनुसन्धान ( Distribution Channel Research ) :- वितरण श्रृंखला अनुसन्धान का मुख्य उद्देश्य उपयुक्त वितरण वाहिकाओं की पहचान करना होता है तथा यह पता लगाना होता है कि क्या वे उपभोक्ताओं के आवश्यकताओं की सन्तुष्टि में सहायक है अथवा नहीं ?
[ 7 ] अभिप्रेरण अनुसन्धान ( Motivational Research ) :- उपभोक्ता पूर्वाभिमुखिता एवं जागरूकता विश्लेषण उपभोक्ता की व्यक्तिगत भिन्नताओं का अध्ययन, उपभोक्ता स्वप्रेरणा, स्वधारणा, उपभोक्ता भावनाओं का अध्ययन आदि पर शोध अभिप्रेरण अनुसन्धान का कार्यक्षेत्र होता है विपणन विश्लेषण के प्रकार ।
[ 8 ] विज्ञापन अनुसन्धान ( Advertising Research ) :- विज्ञापन अनुसन्धान में मुख्यतः विज्ञापन माध्यम विश्लेषण, प्रभावशीलता मूल्यांकन, प्रतिस्पर्धी विज्ञापन एवं विक्रय परम्पराओं का विश्लेषण, विज्ञापन प्रतिलिपि विश्लेषण इत्यादि सम्मिलित किया जाता है ।
उपर्युक्त सूची अपने आप में अन्तिम नहीं कही जा सकती । अन्य अनेक विपणन निर्णय होते हैं जिनके लिए अनुसन्धान आवश्यक होता है ।
ग्रामीण विपणन की परिभाषा
ग्रामीण विपणन जरूरतों को पूरा करने, समझाने और बदलने की प्रथा है, ग्राहकों की खरीद शक्ति को उत्पादों और सेवाओं के लिए प्रभावी मांग में बिक्री के लिए जो ग्रामीण इलाकों में लोगों की आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करेगा और इस प्रकार संतुष्टि के स्तर को बढ़ाएगा साथ ही रहने का मानक भी। इन ग्रामीण बाजारों की संभावना साबित करने के कई कारण हैं।
डायरेक्ट मेल मार्केटिंग
इनमें से कुछ नीचे सूचीबद्ध हैं-
ए) विशाल बाजार का आकार
बी) ग्रामीण उपभोग के स्तर में वृद्धि
डी) ग्रामीण बाजार शहरी बाजारों की तुलना में महंगा नहीं है
ई) शहरी बाजार की तुलना में ग्रामीण बाजार विकास दर अधिक है
बड़ी संभावना के बावजूद इस ग्रामीण बाजार में कई समस्याएं हैं। इनमें से कुछ हैं-
ए) एकाधिक बोलीभाषाएं और भाषाएं
बी) बिजली और अन्य बुनियादी सुविधाओं की कमी
सी) विकसित भीड़ के तहत
डी) सीमित मीडिया कवरेज और इसलिए कम विपणन विकल्प
ई) परिवहन और गोदाम की समस्याएं
ग्रामीण विपणन रणनीति एएए - उपलब्धता, अभिगम्यता और सस्तीता पर आधारित है। उपलब्धता वितरण चैनलों की स्थिति के बारे में बताती है, उपभोक्ताओं के जीवन स्तर के आधार पर मूल्य निर्धारण तकनीकों पर अभिगम्यता केंद्रित है, affordability उपभोक्ता की उस उत्पाद या सेवा को खरीदने की इच्छा पर जोर देती है।
निजी विपणन का व्यापक रूप से ग्रामीण विपणन में विपणन संचार के अन्य उपकरणों के मुकाबले उपयोग किया जाता है। ग्रामीण बाजारों में सभी संचार क्षेत्रीय बोलियों में डिजाइन और विकसित किए गए हैं। खुदरा विक्रेताओं ने अपनी बिक्री टीम के साथ उत्पाद और काम के लिए बाजार की स्थापना में एक बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
विपणन सूचना प्रणाली या एमआईएस: कार्य, महत्व और डेटा प्रकार
MIS का फुल फॉर्म मार्केटिंग इंफॉर्मेशन सिस्टम है, जो मार्केटिंग मैनेजमेंट दक्षता को बढ़ाने के लिए व्यवस्थित तरीके से बाजार के विकल्पों और सूचनाओं को इकट्ठा करने, विश्लेषण करने, व्याख्या करने, भंडारण करने और प्रसारित करने के लिए तकनीकों के एक सेट को संदर्भित करता है।
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परंपरागत रूप से, विपणन को इस प्रकार देखा गया है:
Key Points
पारंपरिक विपणन:
- विपणन अनादि काल से अस्तित्व में है।
- पारंपरिक विपणन अवधारणा को "कुछ लाभ के लिए वस्तुओं और सेवाओं के सरल आदान-प्रदान" के रूप में परिभाषित किया गया है।
- यह तीन अवधारणाओं पर आधारित है अर्थात ग्राहक अभिविन्यास, प्रयासों का एकीकरण, और लाभ उद्देश्य। विपणन की इस अवधारणा में, सभी प्रयास कुछ लाभ के बदले में माल की बिक्री मात्र की ओर निर्देशित होते हैं।
- व्यापारी केवल विक्रेताओं से खरीदारों तक "हाथ बदलने" में शामिल होते हैं। खरीदार इन वस्तुओं और सेवाओं को कुछ पैसे के बदले में खरीदते हैं। अंतिम ग्राहकों विपणन विश्लेषण के प्रकार को बेचने की खरीद के लिए सभी कार्यों को उच्च गुणवत्ता वाले सामानों के उत्पादन की दिशा में एकीकृत किया गया है।
- उत्पादकों के पास "लाभ का उद्देश्य" होता है, जहां जितना संभव हो सके मुनाफे को अधिकतम करने के प्रयास किए जाते हैं। इस अवधारणा में, ग्राहकों की जरूरतों और चाहतों को प्राथमिकता दी जाती है, इसलिए इसे कभी-कभी "बाजार संचालित" अवधारणा के रूप में भी जाना जाता है।
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Last updated on Oct 25, 2022
The Dedicated Freight Corridor Corporation of India Limited (DFCCIL) has rescheduled the dates of Document Verification for the Advt. No. 04/2021. The candidates whose names were on the waiting list will have their DV on the 7th of November 2022. Candidates who will get a successful selection under the DFCCIL Executive Recruitment process will get a salary range between Rs. 30,000 to Rs. 120000. With Diploma or BE/B.Tech as a basic DFCCIL Executive Eligibility Criteria, this is a golden opportunity for job seekers.
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