Trading Tips: बाजार की मौजूदा उतार-चढ़ाव के बीच ट्रेडर्स को मॉनीटरी रूझान पर निगाह बनाए रखना चाहिए ताकि अपने पैसों को डूबने से बचा सकें. (Image- Pixabay)
Zerodha में कैसे लगाते है StopLoss
शेयर मार्केट में ट्रेडिंग ट्रेडिंग करते समय STOP LOSS कैसे लगाए? करते समय होने वाले नुकसान को सीमित करने के लिए स्टॉप लॉस का ट्रेडिंग करते समय STOP LOSS कैसे लगाए? प्रयोग किया जाता है, मार्केट में अचानक आने वाले बड़े-बड़े उतार चढ़ाव से स्टॉप लॉस हमारा बड़ा नुकसान होने से बचाता है इसीलिए अक्सर प्रोफेशनल ट्रेडर ट्रेडिंग करते वक्त स्टॉप लॉस का प्रयोग है
आज के इस पोस्ट में हम आपको बताएंगे के जीरोधा(ZERODHA ) मैं स्टॉप लॉस कैसे लगाते हैं ।
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Types of Stop Loss | स्टॉप लॉस के प्रकार
स्टॉप लॉस दो प्रकार के होते हैं
- स्टॉप लॉस मार्केट
- स्टॉप लॉस लिमिट
स्टॉप लॉस लिमिट | Stop Loss Limit
स्टॉप लॉस लिमिट में एक ट्रिगर प्राइस डालना होता है और एक लिमिट प्राइस डालना होता है जैसे ही स्टॉक का प्राइस ट्रिगर प्राइस पर पहुंचता है तुरंत ही लिमिट प्राइस पर ऑर्डर एग्जीक्यूट हो जाता है ।
स्टॉप लॉस मार्केट में सिर्फ ट्रेडिंग करते समय STOP LOSS कैसे लगाए? एक ट्रिगर प्राइस डालना होता है जैसे ही टॉप का प्राइस ट्रिगर प्राइस कर पहुंचता है तुरंत ही ऑर्डर मार्केट प्राइस पर एग्जीक्यूट हो जाता है ।लेकिन कई बार मार्केट में बड़ा उतार चढ़ाव आने पर मार्केट प्राइस बहुत तेजी से बदलता है और स्टॉप लॉस में भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
ट्रिगर प्राइस क्या होता है?
इसका मतलब यह है कि ट्रिगर प्राइस आपके दोनों ऑर्डर में से किसी एक को एक्टिवेट करने का काम करता है।
ट्रिगर प्राइस का इस्तेमाल स्टॉप लॉस ऑर्डर के लिए किया जाता है। अगर आपने Buy की पोजीशन क्रिएट की है तो उसमें आप स्टॉपलॉस लगाकर ट्रिगर प्राइस का यूज कर सकते हैं। अगर आपने सेल की पोजीशन क्रिएट की है तो उसमें भी आप स्टॉपलॉस लगाकर ट्रिगर प्राइस का यूज कर सकते हैं।
जब भी आप स्टॉप लॉस ऑर्डर प्लेस करते हैं तो आपको दो तरह के प्राइस एंटर करने पड़ते हैं: ट्रिगर प्राइस और लिमिट प्राइस। जब भी शेयर का ट्रेडिंग करते समय STOP LOSS कैसे लगाए? मूल्य आपके द्वारा दर्ज किए गए ट्रिगर प्राइस तक पहुंच जाता है तो सिस्टम द्वारा आपका स्टॉप लॉसआर्डर एक्टिवेट हो जाता है और जब वह प्राइस आपके द्वारा दर्ज किए गए लिमिट प्राइस पर पहुंच जाता है तो आपका स्टॉपलॉस आर्डर एग्जीक्यूट हो जाता है।
जब तक स्टॉक का प्राइस आपके द्वारा दर्ज ट्रेडिंग करते समय STOP LOSS कैसे लगाए? किए गए ट्रिगर प्राइस तक नहीं पहुंचता है तब तक आपका ऑर्डर सिर्फ आपके स्टॉक ब्रोकर तक ही रहता है। यह एक्सचेंज में नहीं भेजा जाता है ट्रेडिंग करते समय STOP LOSS कैसे लगाए? और जैसे ही स्टॉक का प्राइस ट्रिगर प्राइस तक पहुंच जाता है आपका ऑर्डर एक्टिव ऑर्डर में आ जाता है और लिमिट प्राइस तक पहुंचते ही एग्जीक्यूट हो जाता है।
Zerodha में कैसे लगाते है StopLoss
शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करते समय होने वाले नुकसान को सीमित करने के लिए स्टॉप लॉस का प्रयोग किया जाता है, मार्केट में अचानक आने वाले बड़े-बड़े उतार चढ़ाव से स्टॉप लॉस हमारा बड़ा नुकसान होने से बचाता है इसीलिए अक्सर प्रोफेशनल ट्रेडर ट्रेडिंग करते वक्त स्टॉप लॉस का प्रयोग है
आज के इस पोस्ट में हम आपको बताएंगे के जीरोधा(ZERODHA ) मैं स्टॉप लॉस कैसे लगाते हैं ।
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Types of Stop Loss | स्टॉप लॉस के प्रकार
स्टॉप लॉस दो प्रकार के होते हैं
- स्टॉप लॉस मार्केट
- स्टॉप लॉस लिमिट
स्टॉप लॉस लिमिट | Stop Loss Limit
स्टॉप लॉस लिमिट में एक ट्रिगर प्राइस डालना होता है और एक लिमिट प्राइस डालना होता है जैसे ही स्टॉक का प्राइस ट्रिगर प्राइस पर पहुंचता है तुरंत ही लिमिट प्राइस पर ऑर्डर एग्जीक्यूट हो जाता है ।
स्टॉप लॉस मार्केट में सिर्फ एक ट्रिगर प्राइस डालना होता है जैसे ही टॉप का प्राइस ट्रिगर प्राइस कर पहुंचता है तुरंत ही ऑर्डर मार्केट प्राइस पर एग्जीक्यूट हो जाता है ।लेकिन कई बार मार्केट में बड़ा उतार चढ़ाव आने पर मार्केट प्राइस बहुत तेजी से बदलता है और स्टॉप लॉस में भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
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