सेविंग्स एंड इन्वेस्टमेंट प्लान्स
यह प्लान बीमा लेने वाले और उसके परिवार को भविष्य के खर्चों के लिए एकमुश्त फंड का भरोसा दिलाता है. इस प्रकार की लाइफ इंश्योरेंस कैटेगरी में ट्रेडिशनल और यूनिल लिंक्ड दोनों तरह के प्लान्स कवर होते हैं.
Life Insurance Policy Types: खरीदने से पहले जान लें, 8 तरह की होती हैं पॉलिसी, अपनी जरूरत के हिसाब से करें चुनाव
By: एबीपी न्यूज़ | Updated at : 06 Jul 2021 11:02 PM (IST)
लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी चुनते वक्त बहुत सावधानी बरतनी चाहिए. सबसे पहले यह देखना चाहिए कि बाजार में कितनी तरह की पॉलिसी मौजूद है और आपकी जरूरतों के हिसाब से कौन सी पॉलिसी सबसे अधिक सही है. इसके बाद ही पॉलिसी खरीदने का निर्णय लेना चाहिए.
बीमा दरअसल एक अनुबंध है जो बीमा कंपनी और बीमित व्यक्ति के बीच होता है. इस कॉन्ट्रेक्ट के तहत बीमा कंपनी बीमित व्यक्ति से एक निश्चित रकम (प्रीमियम) लेती है. बीमित व्यक्ति को पॉलिसी की शर्त के हिसाब से किसी नुकसान की स्थिति में हर्जाना देती है.
जीवन बीमा का मतलब यह है कि बीमा पॉलिसी खरीदने वाले व्यक्ति की मृत्यु होने पर उसके आश्रित को बीमा कंपनी की तरफ से मुआवजा मिलता है. यह ध्यान रखें कि जीवन बीमा कई तरह का होता है. अपनी जरूरत को ध्यान में रखते हुए ही जीवन बीमा कराना चाहिए. भारत में 8 तरह की लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी उपलब्ध हैं. हम आपको इन्हीं के बारे में बताएंगे.
जानिए कैसे करें म्यूचुअल फंड्स में इन्वेस्ट
कुछ लोग अक्सर म्यूचुअल फंड्स में निवेश करने की सोचते तो है मगर एक सवाल हमेशा उनकी राह का रोड़ा बन जाता है कि How to Buy Mutual Fund? यानि कि म्यूचुअल फंड्स कैसे ख़रीदे? और यही सवाल कई और लोगो के मन में भी चल रहा होता है, अक्सर लोग इन्टरनेट पर भी इसके बार में पढ़ते मगर अधिकांश लोगो के सर के ऊपर से बात निकल जाती है और एक बार फिर जो सवाल सामने आता है वो यही होता है कि How to Buy Mutual Fund?
चलिए आज आपकी कुछ मदद करते है और सरल शब्दों में समझाते है कि How to Buy Mutual Fund? यानी कि म्यूचुअल फंड्स कैसे खरीदे ?
एक बात हमेशा याद रखे कि ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों ही तरीको से म्यूचुअल फंड्स खरीदे ULIP किस प्रकार म्यूच्यूअल फंड से अलग है? जा सकते हैं तथा किसी भी प्रकार के म्यूचुअल फण्ड में निवेश करने से पूर्व सुनिश्चित कर लें कि आपको किस एसेट मैनेजमेंट कंपनी की किस स्कीम में निवेश करना है, जिसके लिए आप सभी एसेट मैनेजमेंट कंपनी की स्कीम की जानकारी एकत्र कर शोध कर सकते है, जिसमे अलग-अलग तरह के म्यूचुअल फंड्स, उनके निवेश का उद्देश्य और पिछ्ला प्रदर्शन की जांच की जा सकती है | एक बात याद रखे कि पिछला प्रदर्शन कभी भी इस बात की गारंटी नहीं होता कि भविष्य में भी म्यूचुअल फण्ड उसी स्कीम पर वैसा ही प्रदर्शन देगा, जिस पर उसने पहले दिया था |
म्यूचुअल फंड्स कैसे खरीदें
ऑफलाइन :
यदि आप म्यूचुअल फंड में ऑफलाइन निवेश करने ULIP किस प्रकार म्यूच्यूअल फंड से अलग है? के इच्छुक है तो ऐसे में किसी वित्तीय मध्यस्थ (financial intermediary) की मदद की आपको जरूरत होगी, जिन्हें म्यूचुअल फंड वितरक कहा जाता है या फिर आप सीधे एसेट मैनेजमेंट कंपनी के कार्यालय या रजिस्ट्रार और ट्रांसफर एजेंट के कार्यालय में जा कर भी म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं। कोई बैंक, गैर बैंकिंग वित्त कंपनी या व्यक्तिगत वित्तीय सलाहकार म्यूचुअल फंड वितरक हो सकते है।
ऑनलाइन :
आप चाहे तो म्यूचुअल फंड में ऑनलाइन निवेश कर सकते है जिसके लिए म्यूचुअल फंड एसेट मैनेजमेंट कंपनी की साईट पर जा कर ऑनलाइन निवेश किया जा सकता है | साईट पर आपको एक खाता (account) बनाना होगा, जिसके बाद आप अपने खाते के लिए एक यूजर ULIP किस प्रकार म्यूच्यूअल फंड से अलग है? आईडी और पासवर्ड निर्धारित करेंगे | जब अकाउंट बन जाए तो अपनी पसंद का फण्ड चुनकर उसमे निवेश कर दे | निवेश कैसा और कितने का होना चाहिए इसके लिए म्यूच्यूअल फंडों के प्रकार पढ़ सकते हैं | यदि आपको ऑनलाइन कही किसी भी प्रकार की समस्या आती है तो आप एसेट मैनेजमेंट कंपनी में फ़ोन करके भी अपनी समस्या का निवारण कर सकते है |
औपचारिकतायें
म्यूचुअल फंड खरीदने के लिए एक KYC फॉर्म भरा जाता है जिसमे पासपोर्ट साइज़ फोटो के साथ पहचान पात्र की कॉपी, पैन नंबर और निवास के पते का प्रमाण देना होता है |
हमे लगता है कि अब आप आसानी से समझ गये होंगे कि म्यूचुअल फंड्स कैसे और किन बातों का ध्यान रखते हुए ख़रीदे | चूँकि म्यूचुअल फंड्स में किया गया छोटे से छोटा निवेश भी एक दिन एक बड़ी रकम बन सामने आता है अत: आज ही से निवेश करने की आदत डाले |
Read all Latest Post on खेल sports in Hindi at Khulasaa.in. Stay updated with us for Daily bollywood news, Interesting stories, Health Tips and Photo gallery in Hindi
Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए khulasaa.in को फेसबुक और ट्विटर पर ज्वॉइन करें
जानिए कैसे होती है ULIP से आंशिक निकासी, जाने पूरी डिटेल
- Rahul Chakraborty
- Publish Date - September 10, 2021 / 01:18 PM IST
इसे यूनिट के रूप में बताया जाता है. जरूरत पड़ने पर इसी यूनिट की राशि के बराबर आप भुगतान हासिल कर सकते हैं
यूनिट-लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (ULIP) लाइफ इंश्योरेंस का एक प्रकार होता है. इसमें लाइफ कवर के साथ-साथ बचत भी प्राप्त होती है. यह लंबी अवधि की निवेश योजना है. यूलिप में आप मैच्योरिटी अवधि के पहले भी आंशिक रूप से पैसा निकाल सकते हैं. यानि इमरजेंसी ULIP किस प्रकार म्यूच्यूअल फंड से अलग है? में यदि आपको पैसे की जरूरत है तो लोन लेने से बचा सकता है. यूलिप में आप जो प्रीमियम देते हैं, उसे दो भागों में बांटा जाता है. एक हिस्सा आपको लाइफ कवर प्रदान करता है, वहीं दूसरे हिस्से का उपयोग शेयर खरीदने के लिए किया जाता है. इसे यूनिट के रूप में बताया जाता है. जरूरत पड़ने पर इसी यूनिट की राशि के बराबर आप भुगतान हासिल कर सकते हैं.
लॉक-इन अवधि
यूलिप में पांच साल का लॉक-इन पीरियड होता है. इसके पहले आप पैसा नहीं निकाल नहीं सकते. यहां तक कि आप इस अवधि के पूरा हुए बगैर इस प्लान को बंद भी नहीं कर सकते. लॉक-इन अवधि के बाद पैसा निकालने के लिए कुछ शुल्क देना पड़ता है.
याद रखें कि लॉक-इन अवधि पूरी होने के बाद आप आंशिक निकासी कर सकते हैं, किंतु पूरा पैसा नहीं निकाल सकते. यदि आप ऐसा करना चाहते हैं तो आपको पॉलिसी बंद करनी पड़ेगी. यदि नाबालिग के लिए यूलिप खरीदा है तो उसके बालिग होने के बाद ही पैसा निकाला जा सकता है.
निकासी सीमा
अलग-अलग कंपनी और अलग-अलग पॉलिसी के हिसाब से निकासी न्यूनतम और अधिकतम सीमा निश्चित होती है. मोटे तौर पर, कुल फंड वैल्यू का 20 फीसदी राशि आंशिक रूप से निकाला जा सकता है.
आंशिक निकासी के साथ ही यूलिप में लाइफ कवर कम हो जाता है. हालांकि, यदि पॉलिसीधारक के कोई अनहोनी होती है और उसने इसके दो साल पहले निकासी की है तो बीमित राशि पर कोई असर नहीं पड़ता. कोई ULIP किस प्रकार म्यूच्यूअल फंड से अलग है? भी फैसला लेने से पहले पॉलिसी के दस्तावेजों को जरूर पड़ लेना चाहिए.
बचत करना सीखें
हर व्यक्ति को जीवन में अलग-अलग लक्ष्य प्राप्त करने होते हैं। चाहे वह विदेशी शिक्षा हो, विदेश जाना हो, डेस्टिनेशन वेडिंग हो, दुनिया भर में घूमना हो, बच्चे की पढ़ाई की योजना हो, या जल्दी रिटायर होना हो। महत्वपूर्ण यह है कि इन लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए आप क्या करते हो। आगे बढ़ने और निवेश करने से पहले भविष्य के जीवनलक्ष्यों की योजना बनाना बेहद महत्वपूर्ण है। इस आसान गाइड में कुछ चरण हैं, जिनका पालन करके आप जीवन के लक्ष्यों की योजना बना सकते हैं।
चरण 1: समय के आधार पर लक्ष्यों को विभाजित करें:
लक्ष्यों को दीर्घकालिक और अल्पावधि में वर्गीकृत करना बहुत महत्वपूर्ण है। 5 साल से ऊपर की किसी भी योजना को इस उद्देश्य के लिए दीर्घकालिक लक्ष्य माना जा सकता है। निवेश की रणनीति, निवेश के विकल्प, इनकम टैक्स, सभी अलग-अलग होते हैं इस पर आधारित है कि आपको फंड की जरुरत कब होती है।
शेयर मार्केट में शेयरों की खरीद-बिक्री पर लगता है तगड़ा टैक्स, निवेश से पहले जानें गणित
एक एसेट क्लास के रूप में इक्विटी एक निवेशक के पोर्टफोलियो का महत्वपूर्ण हिस्सा है। आपको यह पता होना चाहिए विभिन्न प्रकार के इक्विटी उपकरणों के लिए टैक्स नियम अलग-अलग होते हैं। उदाहरण के लिए, पूंजीगत लाभ आपके होल्डिंग समय के ऊपर आधारित है। स्टॉक और इक्विटी आधारित म्यूचुअल फंड के लिए, लंबी अवधि को एक वर्ष से अधिक के रूप में परिभाषित किया गया है, लेकिन यूलिप के लिए यह पैरामीटर लागू नहीं होता है। टैक्स प्रोडक्ट से मिलने वाले कुल रिटर्न को कम करते हैं। यह देखते हुए कि अलग-अलग इक्विटी परिसंपत्तियों के अलग-अलग कर नियम हैं, एक निवेशक को करों के संदर्भ में भी निवेश की उपयुक्तता पर ध्यान देना चाहिए। यहां देखें अलग-अलग प्रोडक्ट पर कितना-कितना टैक्स है-
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 583