Q: दुनियां की टॉप डिजिटल मुद्रा कौन हैं?
Ans: दुनियां की टॉप 5 डिजिटल मुद्रा में बिटक्वाइन, इथेरियम, पोल्काडॉट, टेथर, लाइटक्वाइन, डॉजक्वाइन समेत अन्य क्रिप्टोकरेंसी शामिल हैं।

क्रिप्टोकरेंसी क्या है? Cryptocurrency क्रिप्टोक्यूरेंसी कैसे बनाई जाती है? Kya Hai

क्रिप्टोक्यूरेंसी एक डिजिटल संपत्ति है जो अपने स्वामित्व की गारंटी और लेनदेन की अखंडता सुनिश्चित करने के लिए क्रिप्टोग्राफिक एन्क्रिप्शन का उपयोग करती है, और अतिरिक्त इकाइयों के निर्माण को नियंत्रित करती है, अर्थात, किसी को प्रतिलिपि बनाने से रोकती है, उदाहरण के लिए, एक तस्वीर के साथ। ये सिक्के भौतिक रूप में मौजूद नहीं हैं: इन्हें एक डिजिटल वॉलेट में संग्रहीत किया जाता है।

पारंपरिक प्रणालियों की तुलना में क्रिप्टोकरेंसी में कई अलग-अलग विशेषताएं हैं: वे किसी भी संस्था द्वारा विनियमित या नियंत्रित नहीं होती हैं और उन्हें लेनदेन में बिचौलियों की आवश्यकता नहीं होती है। इन लेनदेन को नियंत्रित करने के लिए एक विकेन्द्रीकृत डेटाबेस, ब्लॉकचैन या साझा लेखा रिकॉर्ड का उपयोग किया जाता है।

विनियमन के बाद, क्रिप्टोकरेंसी को भुगतान का साधन नहीं माना जाता है, उनके पास केंद्रीय बैंक या अन्य सार्वजनिक प्राधिकरणों का समर्थन नहीं होता है और वे ग्राहक सुरक्षा तंत्र जैसे कि जमा गारंटी फंड या फंड निवेशक गारंटी द्वारा कवर नहीं होते हैं।

डिजिटल वॉलेट कितने प्रकार के होते हैं?

एक डिजिटल पर्स या वॉलेट वास्तव में एक सॉफ्टवेयर या एप्लिकेशन है जहां क्रिप्टोकरेंसी को स्टोर करना, भेजना और प्राप्त करना संभव है। सच्चाई यह है कि क्रिप्टोक्यूरेंसी कैसे बनाई जाती है? एक भौतिक धन पर्स के विपरीत, जो वास्तव में पर्स या डिजिटल पर्स में संग्रहीत होता है, वह कुंजी है जो हमें स्वामित्व और क्रिप्टोकुरियों पर अधिकार देती है, और हमें उनके साथ काम करने की अनुमति देती है। दूसरे शब्दों में, क्रिप्टोकरेंसी को स्थानांतरित करने में सक्षम होने के लिए कुंजियों को जानना पर्याप्त है, और चाबियों के नुकसान या चोरी का मतलब क्रिप्टोकरेंसी की हानि हो सकती है, उन्हें पुनर्प्राप्त करने की संभावना के बिना।

दो प्रकार के पर्स होते हैं: गर्म और ठंडे होते हैं। दोनों के बीच अंतर यह है कि पूर्व इंटरनेट से जुड़े हैं, और बाद वाले नहीं हैं। इस प्रकार, हॉट वॉलेट के भीतर हमें वेब वॉलेट, मोबाइल वॉलेट और डेस्कटॉप वॉलेट मिलते हैं, बाद वाले तभी जब कंप्यूटर इंटरनेट से जुड़ा हो। इसके विपरीत, कोल्ड वॉलेट में हार्डवेयर वॉलेट और पेपर वॉलेट होते हैं, जो केवल कागज पर निजी कुंजी की छपाई है।

क्रिप्टोक्यूरेंसी का मूल्य कैसे निर्धारित किया जाता है?

क्रिप्टोकाउंक्शंस का मूल्य आपूर्ति, मांग और उपयोगकर्ता जुड़ाव के आधार पर भिन्न होता है। यह मूल्य प्रभावी तंत्र के अभाव में बनता है जो इसके हेरफेर को रोकता है, जैसे कि विनियमित प्रतिभूति बाजारों में मौजूद। कई मामलों में, कीमतों को समर्थन देने के लिए सार्वजनिक सूचना के बिना भी बनाया जाता क्रिप्टोक्यूरेंसी कैसे बनाई जाती है? है। हम अनुशंसा करते हैं कि आप क्रिप्टोकरेंसी खरीदने के जोखिमों के बारे में बैंक ऑफ स्पेन और राष्ट्रीय प्रतिभूति बाजार आयोग (CNMV) के इस कथन को पढ़ें।

क्रिप्टोक्यूरेंसी साझा खाता बही या ब्लॉकचेन के माध्यम से काम करती है। यह तकनीक उन्हें रोकने की क्षमता के साथ एक उच्च सुरक्षा प्रणाली प्रदान करती है, उदाहरण के लिए, कि एक ही डिजिटल संपत्ति को दो बार स्थानांतरित किया जा सकता है या इसे गलत ठहराया जा सकता है। ब्लॉकचेन तकनीक एक बड़े लेज़र की तरह काम करती है जहाँ भारी मात्रा में जानकारी को रिकॉर्ड और स्टोर किया जा सकता है। यह सब नेटवर्क पर साझा किया जाता है और इस तरह से संरक्षित किया जाता है कि इसके पास मौजूद सभी डेटा को बदला या हटाया नहीं जा सकता है।

क्रिप्टोकरेंसी माइन करने का क्या मतलब है?

यह अवधारणा इस प्रकार की डिजिटल संपत्ति के माध्यम से किए गए संचालन को मान्य करने के लिए आवश्यक प्रक्रिया को संदर्भित करती है। उदाहरण के लिए, यदि हम बिटकॉइन मुद्रा का व्यावहारिक मामला लेते हैं: इसका खनन ब्लॉकचैन रजिस्ट्री में लेनदेन के सत्यापन और रिकॉर्डिंग पर आधारित होगा।

संक्षेप में, खनन क्रिप्टोकरेंसी का अर्थ है उत्पन्न क्रिप्टोक्यूरेंसी कैसे बनाई जाती है? होने वाली गणितीय समस्याओं को सफलतापूर्वक हल करना। जिन खनिकों ने इसे अंजाम दिया है, वे बदले में क्रिप्टोकरेंसी प्राप्त करते हैं।

भास्कर एक्सप्लेनर: क्रिप्टोकरेंसी पर नहीं लगेगा पूर्ण प्रतिबंध, नए सिरे से नियम बनाएगी सरकार; क्रिप्टोक्यूरेंसी कैसे बनाई जाती है? जानें इस डिजिटल करेंसी के बारे में सबकुछ

केंद्र सरकार क्रिप्टोकरेंसी यानी डिजिटल करेंसी पर पूरी तरह से बैन लगाने के मूड में नहीं है। देश में क्रिप्टोकरेंसी के चलन के लिए सरकार नए सिरे से नियम बनाएगी। इसके लिए सरकार एक्सपर्ट के नए पैनल का गठन कर सकती है। इससे पहले भी सरकार ने एक्सपर्ट पैनल का गठन किया था। यह पैनल सरकार को अपनी सिफारिशें दे चुका है। आइए आपको बताते हैं कि क्रिप्टोकरेंसी क्या होती है और अभी देश में इसको लेकर क्या नियम-कानून हैं.

क्या हैं एक्सपर्ट कमेटी की सिफारिशें?
केंद्र सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर पूर्व वित्त सचिव सुभाष गर्ग की अध्यक्षता में एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया था। इस कमेटी ने 2019 में अपनी सिफारिशों में क्रिप्टोकरेंसी पर क्रिप्टोक्यूरेंसी कैसे बनाई जाती है? पूर्ण प्रतिबंध लगाने की बात कही थी। सरकार का मानना है कि सुभाष गर्ग की अध्यक्षता वाली क्रिप्टोक्यूरेंसी कैसे बनाई जाती है? कमेटी की सिफारिशें पुरानी हो गई हैं। अब क्रिप्टोकरेंसी पर पूर्ण प्रतिबंध के बजाए नए सिरे से नियम बनाने की जरूरत है।

क्रिप्टोकरेंसी क्या है…? :Cryptocurrencies में invest कैसे करें?

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क्रिप्टोकरेंसी क्या है…?:-
क्रिप्टो करेंसी एक ऐसी मुद्रा है, जो कंप्यूटर एल्गोरिथ्म पर बनी होती है | यह एक ऐसी मुद्रा है, जिसे किसी भी देश की सरकार लागू नहीं करती है | इस मुद्रा पर किसी देश, राज्य या किसी अथॉरिटी का नियंत्रण नहीं होता है अर्थात यह एक स्वतंत्र मुद्रा है, जो डिजिटल रूप में होती है इसके लिए क्रिप्टोग्राफी का प्रयोग किया जाता है। क्रिप्टो करेंसी द्वारा आप किसी भी तरह की वस्तु या सेवाएं खरीद या बेच सकते हैं।
Crypto currency को digital money भी कहा जा सकता है क्यूंकि ये केवल Online ही उपलब्ध है और इसे हम physically लेन देन नहीं कर सकते ,दुसरे currencies जैसे की भारत में Rupees, USA में Dollar, Europe में Euro इत्यादि को सरकारें पुरे देश में लागु करते हैं और इस्तमाल में लाये क्रिप्टोक्यूरेंसी कैसे बनाई जाती है? जाते हैं ठीक वैसे ही इन currency को भी पुरे दुनिया में इस्तमाल में लाया जाता है. लेकिन यहाँ समझने वाली यह बात है की इन Cryptocurrencies के ऊपर Government का कोई भी हाथ नहीं होता है क्यूंकि ये Decentrallized Currency होती हैं इसलिए इनके ऊपर कोई भी agency या सरकार या कोई board का अधिकार नहीं होता, जिसके चलते इसके मूल्य को regulate नहीं किया जा सकता |

कौन कर सकता है क्रिप्टोकरेंसी का निर्माण? How cryptocurrency works

क्रिप्टोकरेंसी सामान्य तौर पर एक अंतरराष्ट्रीय मुद्रा के तौर पर इस्तेमाल की जाती है या फिर यह भी कहा जा सकता है कि क्रिप्टोकरेंसी अंतराष्ट्रीय मुद्रा का एक विकल्प है. क्रिप्टोकरेंसी का निर्माण कोई भी व्यक्ति, संस्था या संगठन कर सकता है और उसका मूल्य उस व्यक्ति या संस्था की विश्वसनियता पर ही निर्धारित होता है जो बढ़ भी सकता है और समाप्त भी हो सकता है.

जी हां, इसे छापा या ढाला जा सकता है जो किसी क्यूआर कोड या रीडेबल कोड की शक्ल दी जा सकती है जो कई तरह के कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर द्वारा पढ़ा जाता है लेकिन फिलहाल यह शुरू नहीं हुआ है. क्रिप्टोकरेंसी का ज्यादा उपयोग फिलहाल Online सेवाओं और वस्तुओं के भुगतान के तौर पर ही किया जा रहा है.

क्या आप भी क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग कर सकते हैं? What is Cryptocurrency and how to use it?

जी हां दुनिया का कोई भी व्यक्ति जो वर्चुअल दुनिया में होने वाले लेन—देन से वाकिफ है, इस करेंसी का उपयोग कर सकता है. बिटकॉइन का इतिहास देखते हुए इसे फायदे का सौदा कहा जा सकता है. क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग आप दो तरह से कर सकते है. पहला तरीका है कि आप सिक्के को माईन करें या फिर दूसरे तरीके में क्रिप्टोक्यूरेंसी कैसे बनाई जाती है? आप इस करेंसी में निवेश कर सकते हैं. माइन करने के दौरान आप सिक्के का भुगतान करते हैं जबकि निवेश में आप करेंसी को सिर्फ खरीद लेते हैं और दाम बढ़ जाने पर उसे बेच क्रिप्टोक्यूरेंसी कैसे बनाई जाती है? सकते हैं.

किसी क्रिप्टोकरेंसी को खास उसकी स्वीकार्यता बनाती है. कोई भी क्रिप्टोकरेंसी विशेष या स्पेशल बन जाती है जब उसे ज्यादा लोग सेवाओं और वस्तुओं के भुगतान के तौर पर स्वीकार करने लगते हैं और उसका बाजार मूल्य ज्यादा हो जाता है. सभी क्रिप्टोकरेंसीज की अलग—अलग स्वीकार्यता है और इसके उपयोग या निवेश से पहले इसके बारे में जानकारी ले लेना ठीक रहता है.

क्रिप्टोकरेंसी, डिजिटल करेंसी और वर्चुल करेंसी में क्या अंतर है? Difference between Cryptocurrency, Virtual Currency and Digital Currency

जैसा की हमने पहले बताया कि क्रिप्टोकरेंसी एक वर्चुअल और डिजिटल करेंसी है लेकिन इन तीनों में फिर भी एक मोटा अंतर है जो हम साफ करना चाहते हैं. दरअसल आज के युग में हरेक करेंसी वर्चुअल है, इसे समझने के लिए हम आपके बैंक अकाउंट का ही सहारा लेते हैं जिसमें जमा जांचने के लिए आप अपने कम्प्यूटर में लॉगिन करते हैं और Online अपने पैसों की जांच करते हैं, अगर किसी दिन बैंक की वेबसाइट काम करना बंद कर दे तो आपकी वर्चुअल करेंसी शून्य हो जाती है और आपको फिजिकल करेंसी में भुगतान करना होता है.

डिजिटल करेंसी भी एक तरह की वर्चुअल करेंसी ही लेकिन यह क्रिप्टोक्यूरेंसी कैसे बनाई जाती है? Online उपलब्ध होने के साथ ही आपके हार्ड डिस्क में भी स्टोर की जा सकती है और मान लीजिए कि सेवा प्रदाता की साइट बंद है तो भी आप अपने हार्ड डिस्क् में स्टोर करेंसी से Online भुगतान कर सकते हैं, इस श्रेणी में माइक्रोसॉफ्ट पॉइंट्स, डब्ल्यूआईआई पॉइंट्स, फेसबुक पॉइंट्स और क्रिप्टोकरेंसी को शामिल किया जा सकता है. अब आते हैं क्रिप्टोकरेंसी पर जो वर्चुअल करेंसी भी और डिजिटल करेंसी भी.

cryptocurrency का मतलब क्या है?

Cryptocurrency दो शब्दों से मिलकर बना है। इसमें पहला Crypto और दूसरा शब्द currency है। Crypto एक लैटिन भाषा का शब्द है जो की cryptography से बना है और क्रिप्टोक्यूरेंसी कैसे बनाई जाती है? जिसका हिंदी अर्थ होता है छुपा हुआ। Currency शब्द भी लैटिन भाषा के currentia से ईजाद हुआ है और इसे रुपये-पैसे के लिए इस्तेमाल किया जाता है। तो क्रिप्टोकरेंसी का पूरा मतलब हुआ छुपा हुआ पैसा या गुप्त पैसा जिसे हम डिजिटल रुपया भी कह सकते है।

किसने बनाई cryptocurrency?

एक्सपर्ट्स का मानना है कि क्रिप्टोकरेंसी को 2009 में सतोशी नाकामोतो (Satoshi Nakamoto) ने शुरू किया था। लेकिन इससे पहले भी कई देशों और कई बड़े निवेशकों ने डिजिटल मुद्रा के क्षेत्र में पहले भी काम किया था। आपको बता दें कि यूएस ने 1996 में मुख्य इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड बनाया था। यह ऐसा गोल्ड था जिसे रखा नहीं जा सकता था लेकिन इससे दूसरी चीजें खरीदी जा सकती थीं। इसे 2008 में बैन कर दिया गया। सन 2000 में नीदरलैंड ने पेट्रोल भरने के लिए कैश को स्मार्ट कार्ड से जोड़ा था।

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