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Vastu Tips: बिजनेस में सफलता पाने के लिए रखना चाहिए इस बात का ध्यान, इस दिशा का रखें खास ख्याल

Vastu Tips For Business: वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) के अनुसार हर दिशा का संबंध किसी न किसी ऊर्जा से माना जाता है. कहतें हैं कि हर दिशा में हमारी सफलता का राज छिपा है. आइए जानें कुछ विशेष बातें.

By: एबीपी न्यूज़ | Updated at : 23 Sep 2021 05:07 PM (IST)

Business Vastu Tips: वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) के अनुसार हर दिशा का संबंध किसी न किसी ऊर्जा से माना जाता है. कहतें हैं कि हर दिशा में हमारी सफलता का राज छिपा है. बस हमें सही काम के लिए सही दिशा के बारे में जानकारी होना जरूरी है. कई बार तमाम प्रयासों के बाद ही बिजनेस या कारोबार में सफलता नहीं मिलती, समस्याएं आ रही हैं या फिर घाटा हो रहा है, तो आपको एक बार अपने कार्य स्थल पर वास्तु दोष को लेकर विचार करना चाहिए. कई बार कार्य स्थल पर मौजूद वास्तु दोष (Vastu Dosh In business) कारोबार में अड़चने पैदा करते हैं, जिसके कारण अक्सर हम समझ नहीं पाते.क्या दिशाओं में व्यापार करना एक अच्छा विचार है

कहते हैं कार्य स्थल के वास्तु दोष न सिर्फ वहां के मुखिया बल्कि वहां काम करने वाले लोगों पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है. बहुत मेहनत और धन खर्च करने के बाद भी अगर आपको बिजनेस में सफलता नहीं मिलती तो वास्तु के अनुसार इन उपायों को अपनाकर देख सकते हैं. आइए देखते हैं कार्य स्थल से संबंधित कुछ वास्तु उपायों के बारे में.

1.वास्तु के अनुसार दुकान या ऑफिस में काम करते समय क्या दिशाओं में व्यापार करना एक अच्छा विचार है अपने मुंह को उत्तर दिशा की ओर करके बैठना चाहिए. इससे काम में हमेशा सफलता मिलती है और व्यक्ति तरक्की करता है. बिजनेस में बढ़ोतरी होती है. इतना ही नहीं, पढ़ने वाले विद्यार्थियों का मुंह अगर पूर्व दिशा की ओर हो तो अच्छा माना जाता है. वहीं, उत्तर-पूर्व दिशा की ओर मुंह करके भी पढ़ाई कर सकते हैं.

2. व्यापार और कारोबार में बढ़ोतरी के लिए काम की टेबल पर स्फटिक, श्रीयंत्र, क्रिस्टल बॉल, स्फटिक कच्छुआ श्रीयंत्र आदि रखने से लाभ होता है. इसलिए इनमें से किसी भी चीज को दिशा के हिसाब से कार्य स्थल पर रखें.

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3. कहते हैं कार्यस्थल पर काले रंग का शीशा लगवाने से उस स्थान पर वास्तु दोष उत्तपन्न होता है, जिससे कारोबार में कमी आती है.

4. बिजनेस या कारोबार में धन आदि का लाभ न होने पर कार्यस्थल पर पांचजन्य शंख को पूजा कर काम करने की जगह पर रखें और नित्य उसकी पूजा करनी चाहिए.

5. कार्यस्थल की दीवारों पर हमेशा हल्के रंग, सफेद और क्रीम आदि रंग की पुताई करवाएं.

6. कार्यस्थल पर दरवाजे लगवाते समय ध्यान रखें कि दरवाजे अंदर की तरफ ही खुलें.

Published at : 23 Sep 2021 05:05 PM (IST) Tags: Vastu tips Vastu Shastra vastu tips for business हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Lifestyle News in Hindi

क्या दिशाओं में व्यापार करना एक अच्छा विचार है

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इस वेबसाइट पर दी की गई जानकारी, प्रोडक्ट और सर्विसेज़ बिना किसी वारंटी या प्रतिनिधित्व, व्यक्त या निहित के "जैसा है" और "जैसा उपलब्ध है" के आधार पर दी जाती हैं। Khatabook ब्लॉग विशुद्ध रूप से वित्तीय प्रोडक्ट और सर्विसेज़ की शैक्षिक चर्चा के लिए हैं। Khatabook यह गारंटी नहीं क्या दिशाओं में व्यापार करना एक अच्छा विचार है देता है कि सर्विस आपकी आवश्यकताओं को पूरा करेगी, या यह निर्बाध, समय पर और सुरक्षित होगी, और यह कि त्रुटियां, यदि कोई हों, को ठीक किया जाएगा। यहां उपलब्ध सभी सामग्री और जानकारी केवल सामान्य सूचना उद्देश्यों के लिए है। कोई भी कानूनी, वित्तीय या व्यावसायिक निर्णय लेने के लिए जानकारी पर भरोसा करने से पहले किसी पेशेवर से सलाह लें। इस जानकारी का सख्ती से अपने जोखिम पर उपयोग करें। वेबसाइट पर मौजूद किसी भी गलत, गलत या अधूरी जानकारी के लिए Khatabook जिम्मेदार नहीं होगा। यह सुनिश्चित करने के हमारे प्रयासों के बावजूद कि इस वेबसाइट पर निहित जानकारी अद्यतन और मान्य है, Khatabook किसी भी उद्देश्य के लिए वेबसाइट की जानकारी, प्रोडक्ट, सर्विसेज़ या संबंधित ग्राफिक्स की पूर्णता, विश्वसनीयता, सटीकता, संगतता या उपलब्धता की गारंटी नहीं देता है।यदि वेबसाइट अस्थायी रूप से अनुपलब्ध है, तो Khatabook किसी भी तकनीकी समस्या या इसके नियंत्रण से परे क्षति और इस वेबसाइट तक आपके उपयोग या पहुंच के परिणामस्वरूप होने वाली किसी भी हानि या क्षति के लिए उत्तरदायी नहीं होगा।

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वास्तु की आठ दिशाएं: दक्षिण दिशा में रखना चाहिए भारी सामान, पूर्व दिशा में होनी चाहिए खिड़की, इस दिशा में सूर्य की किरणें प्रवेश करेंगी तो कई वास्तु दोष दूर हो सकते हैं

वास्तु में घर की वस्तुओं के लिए शुभ-अशुभ दिशाएं बताई गई हैं। अगर चीजें सही दिशा में रखी होती हैं तो घर में सकारात्मकता बढ़ती है। वास्तु विशेषज्ञ कोलकाता की डॉ. दीक्षा राठी के अनुसार वास्तु में आठ दिशाएं बताई गई हैं, सभी दिशाओं का अलग-अलग महत्व बताया है। सभी दिशाओं के देवता भी अलग-अलग हैं। जानिए सभी आठ दिशाओं के बारे में.

पूर्व दिशा - ये दिशा अग्नि तत्व से संबंधित है। इस दिशा के स्वामी इंद्र हैं। ये दिशा सोने के लिए, पढ़ाई के लिए शुभ रहती है। घर में इस दिशा में एक खिड़की जरूर रखनी चाहिए। क्या दिशाओं में व्यापार करना एक अच्छा विचार है सूर्य की किरणों से घर में सकारात्मकता बनी रहती है।

पश्चिम दिशा - इस दिशा का संबंध वायु तत्व है। इसके देवता वरुण देवता हैं। पश्चिम दिशा में इस दिशा में रसोईघर बनाने से बचना चाहिए।

उत्तर दिशा - ये दिशा जल तत्व से संबंधित है। इस दिशा के देवता कुबेर देव है। इस दिशा में मंदिर रख सकते हैं। घर का मुख्य द्वार भी दिशा में रख सकते हैं।

दक्षिण दिशा - इस दिशा का तत्व पृथ्वी है। इसके देवता यम हैं। इस दिशा में भारी सामान रखा जा सकता है।

उत्तर-पूर्व दिशा यानी ईशान कोण - इस दिशा का तत्व जल है। इसके देवता रुद्र हैं। इस दिशा में बाथरूम नहीं होना चाहिए। यहां मंदिर बनवा सकते हैं।

उत्तर-पश्चिम दिशा यानी वायव्य कोण - ये वायु तत्व का कोण है। इसके देवता पवनदेव हैं। इस दिशा में बेडरूम बनवा सकते हैं। इस दिशा में गंदगी नहीं होना चाहिए।

दक्षिण-पूर्व दिशा यानी आग्नेय कोण - इस दिशा में रसोईघर बहुत शुभ रहता है। ये स्थान अग्नि संबंधित है। इसका तत्व अग्नि और देवता अग्निदेव है।

दक्षिण-पश्चिम दिशा यानी नैऋत्य कोण - इस दिशा का तत्व पृथ्वी है। इसके स्वामी राहु हैं। कहीं-कहीं इस दिशा के देवता नैरुत भी बताए गए हैं। इस दिशा में भारी चीजें रख सकते हैं।

वास्तु अनुसार सही दिशा में लगाएं बिजली उपकरण

घरों में बिजली के उपकरणों को हम अपनी सुविधा के अनुसार स्थापित कर लेते हैं। अगर इन्हें अनुकूल दिशा में रखा जाए तो जीवन में सहूलियत रहती है और स्वास्थ्य भी प्रभावित नहीं होता। चाहे बिजली का मीटर हो या.

वास्तु अनुसार सही दिशा में लगाएं बिजली उपकरण

घरों में बिजली के उपकरणों को हम अपनी सुविधा के अनुसार स्थापित कर लेते हैं। अगर इन्हें अनुकूल दिशा में रखा जाए तो जीवन में सहूलियत रहती है और स्वास्थ्य भी प्रभावित नहीं होता। चाहे बिजली का मीटर हो या फ्रिज, वॉशिंग मशीन, कंप्यूटर, टीवी या फिर बिजली के अन्य उपकरण, अमूमन लोग इन्हें अपनी सहूलियत के अनुसार घर में स्थान देते हैं। लेकिन वास्तु कहता है कि इन्हें अगर अनुकूल दिशा में स्थान दिया जाए तो जीवन में अधिक सहूलियत रहती है। कहने का आशय यह है कि बिजली के उपकरणों का सही दिशा में नहीं होना, सीधे-सीधे हमारे स्वास्थ्य को प्रभावित करता है।

जिस प्रकार ईशान कोण यानी उत्तर-पूर्व दिशा का संबंध आर्थिक समृद्धि से माना जाता है, उसी प्रकार आग्नेय कोण अर्थात दक्षिण-पूर्व दिशा का संबंध बहुत हद तक स्वास्थ्य से होता है। अग्नि तत्व का प्रतिनिधित्व करने वाली यह दिशा बिजली उपकरणों को रखने के लिए सर्वोचित समझी जाती है। घर में प्रवेश द्वार बनाने के लिए या बोरवैल एवं शयन-कक्ष क्या दिशाओं में व्यापार करना एक अच्छा विचार है बनाने के लिए जिस तरह हम वास्तु नियमावली का अनुसरण करते हैं, उसी प्रकार बिजली उपकरणों को स्थापित करने के लिए भी वास्तु सिद्धांतों का ध्यान रखना बहुत आवश्यक है।

वास्तु की दृष्टि से महत्व की बात आती है, तो उत्तर-पूर्व के बाद बारी दक्षिण-पूर्व की है। इस कोण को वास्तुदोष से मुक्त रखना अत्यंत आवश्यक होता है। यह दिशा अग्नि तत्व का स्थान है। इसलिए बिजली के सभी उपकरण और मीटर, बिजली का नियंत्रण और वितरण यहीं से होना चाहिए। ऐसा करके अग्नि तत्व को संतुलन में रखा जा सकता है।

विदित हो कि अग्नि तत्व का असंतुलित होना कई किस्म के रोगों को आमंत्रित करता है। अगर इन दोषों का निवारण न किया जाए तो कई बार साधारण बीमारियां भी गंभीर रूप ले लेती हैं और परिवार के सदस्यों को असहनीय पीड़ा सहन करनी पड़ती है। बिजली के उपकरण जैसे इनवर्टर, ट्रांसफार्मर, फ्रिज आदि ऊष्मा यानी हीट उत्पन्न करते हैं, इसलिए वास्तुशास्त्र में इनके लिए आग्नेय कोण यानी दक्षिण-पूर्व को उचित स्थान बताया गया है। रसोईघर के लिए भी यह दिशा उपयुक्त मानी जाती है। आइए, जानते हैं आग्नेय कोण से जुड़े सामान्य वास्तु दोष और उनके निवारण के उपाय-

अगर कोई व्यक्ति इस दिशा के गलत प्रयोग के कारण वास्तु दोषों से ग्रस्त किसी मकान में रह रहा है तो नीचे दिए गए सुझावों को अपनाकर उन दोषों के नकारात्मक प्रभावों से मुक्ति पाई जा सकती है।
- अग्नि तत्व के असंतुलन से परिवार के सदस्यों को स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें, वैवाहिक और आर्थिक परेशानियां हो सकती हैं। इन खतरों
को कम करने के लिए अग्नि तत्व को शांत
करना आवश्यक होता है। इसके लिए दक्षिण-पूर्व कोण में सरसों के तेल का दिया जलाना चाहिए।
- सूर्योदय के समय दक्षिण-पूर्व कोण में पूर्व की ओर मुंह करके गायत्री मंत्र का जाप करने से भी लाभ होता है।
- मकान के सभी कमरों में इस दिशा को नियंत्रित रखकर मकान के दक्षिण-पूर्व कोण में मौजूद किसी भी वास्तु दोष का निवारण किया जा
सकता है। वॉशिंग मशीन, फ्रिज आदि को दक्षिण-पूर्व कोण में रखने से भी वास्तु दोष दूर हो सकते हैं।

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