These articles, the information therein and their other contents are for information purposes only. All views and/or recommendations are those of the concerned author personally and made purely for information purposes. Nothing contained in the articles should be construed as business, legal, tax, accounting, investment or other advice or as an advertisement or promotion of any project or developer or locality. Housing.com does not offer any such advice. No warranties, guarantees, promises and/or representations of any kind, express or implied, are given as to (a) the nature, standard, quality, reliability, accuracy or otherwise of the information and views provided in (and other contents of) the articles or (b) the suitability, applicability or otherwise of such information, views, or other contents for any person’s circumstances.

कमोडिटी एक्सचेंज क्या है ? इसके बारे में जाने.

अगर आपने कमोडिटी एक्सचेंज के बारे में सुना होगा. और अगर नहीं जानते है की commodity exchange क्या होता है ? तो इस पोस्ट में बने रहे.

इसमें आप जानेंगे की कमोडिटी एक्सचेंज क्या है ? कमोडिटी के प्रकार , भारत में कमोडिटी एक्सचेंज , देश के दो प्रमुख कमोडिटी एक्सचेंजों है , कमोडिटी उत्पाद , कारोबार के लिए सबसे अच्छी कमोडिटी , कमोडिटी में निवेश कैसे करें ?कमोडिटी एक्सचेंज पर ट्रेडिंग

कमोडिटी एक्सचेंज क्या है ?

Commodity exchange meaning, what is commodity exchange in Hindi

जिस तरह शेयर बाजार में शेयरों की खरीद-बिक्री की जाती है , उसी तरह कमोडिटी बाजार में कमोडिटी की खरीद-बिक्री होती है.

कमोडिटी एक्सचेंजों में सोना-चांदी , मेंथा , चना , सोयाबीन , कपास , कैस्टर , हल्दी और जीरा जैसी कमोडिटी की ट्रेडिंग होती है.

कमोडिटी में निवेश करने वाले फसल के उत्पादन , पैदावार , मौसम और किसी खास फसल या अनाज की मांग-सप्लाई पर नजर रखते हैं.

कई कमोडिटी में रिटर्न और जोखिम बहुत ज्यादा है.

कई कमोडिटी में सीजन के हिसाब से उतार-चढ़ाव पर रिटर्न निर्भर करता है.

कमोडिटी के प्रकार

Commodity type, number of Commodity

Commodity 2 प्रकार की होती है.

Agriculture Commodity

एग्रीकल्चर कमोडिटी कृषि क्षेत्र से कमोडिटी एक्सचेंज पर ट्रेडिंग सम्बंधित है.

जैसे:- जौ , गेहूं , सोयाबीन , धनिया , जीरा , हल्दी , कपास आदि.

Non Agriculture Commodity

यह एग्रीकल्चर से सम्बंधित नहीं है.

लेकिन इन बस्तुओ का इस्तेमाल डेली करते है.

जैसे:- सोना , चांदी , प्लैटिनम , क्रूड ऑइल , नेचुरल गैस आदि.

Indian commodity exchange

भारत में कई कमोडिटी एक्सचेंज मौजूद हैं.

ये सभी कमोडिटी एक्सचेंज सेबी से रेगुलेट होते हैं.

Types of commodity exchange, commodity market

इसमें कई तरह की कमोडिटी में ट्रेडिंग होती है. जैसे एग्री और नॉन-एग्री.

Multi Commodity Exchange (MCX)

इसमें ज्यादातर नॉन-एग्री कमोडिटी में कारोबार होता है.

ट्रेडिंग खाते: संचालन की प्रणाली और होने के फायदे

ट्रेडिंग खातों ने लोगों के शेयर बाजार में काम करने के तरीके में क्रांति ला दी है। शेयरों को बनाए रखने का यह नया तरीका ओपन आउटरी की पुरानी प्रणालियों की तुलना में अधिक सुविधाजनक और तेज साबित हुआ है। ट्रेडिंग खातों की सहायता से, भौतिक संपर्क और उपस्थिति की आवश्यकता नहीं होती है, जिससे दोनों पक्षों के लिए समय की बचत होती है।

Recent Podcasts

Read in other Languages

  • Property Tax in Delhi
  • Value of Property
  • BBMP Property Tax
  • Property Tax in Mumbai
  • PCMC Property Tax
  • Staircase Vastu
  • Vastu for Main Door
  • Vastu Shastra for Temple in Home
  • Vastu for North Facing House
  • Kitchen Vastu
  • Bhu Naksha UP
  • Bhu Naksha Rajasthan
  • Bhu Naksha Jharkhand
  • Bhu Naksha Maharashtra
  • Bhu कमोडिटी एक्सचेंज पर ट्रेडिंग Naksha CG
  • Griha Pravesh Muhurat
  • IGRS UP
  • IGRS AP
  • Delhi Circle Rates
  • IGRS Telangana
  • Square Meter to Square Feet
  • Hectare to Acre
  • Square Feet to Cent
  • Bigha to Acre
  • Square Meter to Cent

Share market closed: दशहरे पर आज शेयर बाजार बंद, 2022 में अभी इन दिनों और बंद रहेगी कमोडिटी एक्सचेंज पर ट्रेडिंग ट्रेडिंग

Share Market Update

मुंबई: भारतीय शेयर बाजार आज दशहरे के दिन बंद है। बीएसई (पूर्व में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) दोनों ट्रेडिंग के लिए बंद रहेंगे। अक्टूबर के दौरान त्योहारों के कारण स्टॉक ट्रेडिंग तीन दिनों तक बंद रहेगी।

आज के अलावा, बीएसई और एनएसई क्रमशः सोमवार, 24 अक्टूबर और दीवाली बलिप्रतिपदा बुधवार, 26 अक्टूबर को लक्ष्मी पूजन के अवसर पर बंद रहेंगे। दीवाली (24 अक्टूबर) को एक घंटे तक मुहूर्त ट्रेडिंग होगी और इसका समय एक्सचेंज द्वारा अधिसूचित किया जाएगा। इसी तरह इन छुट्टियों के दौरान ब्याज दर डेरिवेटिव सेक्शन और करेंसी डेरिवेटिव सेगमेंट में ट्रेडिंग रोक दी जाएगी।

13 आधिकारिक व्यापार अवकाशों को सूचीबद्ध किया गया

कृषि जिंस एक्सचेंज, नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज लिमिटेड (एनसीडीईएक्स), दोनों कारोबारी सत्रों के लिए 5 अक्टूबर और 26 अक्टूबर को कारोबार के लिए बंद रहेगा। हालांकि, 24 अक्टूबर को यह दूसरी छमाही के दौरान खुला रहेगा। गुरुनानक जयंती के कारण 8 नवंबर (मंगलवार) को सिर्फ एक दिन के लिए कारोबार बंद रहेगा। बता दें कि बीएसई हॉलिडे कैलेंडर 2022 कैलेंडर वर्ष के लिए 13 आधिकारिक व्यापार अवकाशों को सूचीबद्ध करता है।

पिछले सत्र में, भारतीय इक्विटी बेंचमार्क ने बाजार की धारणा में सुधार के कारण सोमवार के सत्र में गहरे नुकसान से उबरते हुए 2 प्रतिशत से अधिक की छलांग लगाई। व्यापक एनएसई निफ्टी 50 इंडेक्स 386.95 अंक बढ़कर 17,274.30 पर पहुंच गया, जबकि 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स इंडेक्स 1,276.66 अंक बढ़कर 58,065.47 पर बंद हुआ।

इन शेयरों ने मारी बाजी

30 शेयरों वाले सेंसेक्स समूह में इंडसइंड बैंक, बजाज फाइनेंस, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, बजाज फिनसर्व, एचडीएफसी, टाटा स्टील, लार्सन एंड टुब्रो, विप्रो, एचडीएफसी बैंक और एक्सिस बैंक शीर्ष पर रहे। केवल पावर ग्रिड, सन फार्मा और डॉ रेड्डीज ही पीछे रह गए।

देश और दुनिया की ताज़ा खबरें सबसे पहले न्यूज़ 24 पर फॉलो करें न्यूज़ 24 को और डाउनलोड करे - न्यूज़ 24 की एंड्राइड एप्लिकेशन. फॉलो करें न्यूज़ 24 को फेसबुक, टेलीग्राम, गूगल न्यूज़.

सर्दियों में महंगी बनी रहेगी गुड़ की मिठास! मकर संक्रांति के बाद कीमतों में आ सकती है नरमी

सर्दियों में महंगी बनी रहेगी गुड़ की मिठास! मकर संक्रांति के बाद कीमतों में आ सकती है नरमी

भारत में दुनिया भर का 60 फीसदी गुड़ तैयार होता है. (File Photo)

सर्दियों में इस बार गुड़ की मिठास कुछ महंगी बनी रहेगी. अभी की बात करें तो बाजार में गुड़ की आवक है, लेकिन खपत भी बहुत ज्यादा है. एक्सपर्ट मान रहे हैं कि गुड़ की डिमांड अगले महीने आने वाले मकर संक्रांति तक कमोडिटी एक्सचेंज पर ट्रेडिंग बनी रहेगी. ऐसे में मिड जनवरी तक गुड़ में खास राहत मिलने की उम्मीद बहुत कम है. उनका कहना है कि गुड़ का वायदा भाव अगले महीने मकर संक्रांति के आस-पास 1150 का लेवल छू सकते हैं. हालांकि उसके बाद मांग घटने से इसमें नरमी देखने को मिल सकती है. बता दें कि नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव एक्सचेंज लिमिटेड (NCDEX) पर जनवरी का वायदा भाव इस समय 1115 चल रहा है.

60% गुड़ भारत में होता है तैयार

दुनिया भर में सबसे अधिक गुड़ का उत्पादन भारत में होता है. भारत करीब 60 फीसदी गुड़ का उत्पादन करता है. हालांकि निर्यात के मामले में ब्राजील सबसे आगे है. दुनिया भर में गुड़ का सबसे बड़ा निर्यातक ब्राजील और सबसे बड़े आयातक यूएसए, चीन व इंडोनेशिया हैं. भारत में गुड़ के उत्पादन की बात करें तो यहां सबसे अधिक गुड़ उत्तर प्रदेश में पैदा होता है. देश का 80 फीसदी गुड़ सिर्फ चार राज्यों उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिल नाडु में तैयार होता है. उत्तर प्रदेश में देश का 47 फीसदी, महाराष्ट्र में 21 फीसदी, कर्नाटक में 8 फीसदी और तमिलनाडु में 5 फीसदी गुड़ तैयार होता है. भारत से गुड़ श्रीलंका, नेपाल, इंडोनेशिया को निर्यात होता कमोडिटी एक्सचेंज पर ट्रेडिंग है.

Weak Debut: बाजार की गिरावट ने Abans Holdings की बिगाड़ी एंट्री, पहले ही दिन 18% टूटा शेयर, क्‍या करें निवेशक?

गुड़ के भाव को प्रभावित करने वाले कारक

‘गरीबों की मिठाई’ कहे जाने वाले गुड़ के भाव को कई फैक्टर प्रभावित करते हैं. सामान्य दिनों में मांग के अलावा फेस्टिव सीजन से भी गुड़ के भाव प्रभावित होते हैं. इसके अलावा जानवरों को दिए जाने वाले आहार के भाव से गुड़ के भाव पर भी प्रभाव पड़ता है. सूगर जैसी अन्य मीठी वस्तुओं के भाव से गुड़ के भाव में उतार-चढ़ाव होता है.

गुड़ की सबसे अधिक मांग सर्दियों में होती है. इसके अलावा मकर संक्रांति पर इसकी मांग बढ़ती है. ऐसे में अगले साल कमोडिटी एक्सचेंज पर ट्रेडिंग जनवरी 2021 के मध्य तक इसके भाव में कमी की उम्मीद नहीं की जा सकती है. ब्रोकरेज फर्म एंजेल ब्रोकिंग के डिप्टी वाइस प्रेसिडेंट (कमोडिटीज एंड करेंसीज रिसर्च) अनुज गुप्ता के मुताबिक इस कमोडिटी एक्सचेंज पर ट्रेडिंग समय गुड़ की आवक आ रही है लेकिन इसकी खपत भी बढ़ी है, ऐसे में मकर संक्रांति तक इसके भाव में हल्की तेजी दिख सकती है. मकर संक्रांति के बाद इसके भाव में नरमी आएगी.

उत्पादन में गिरावट के बावजूद कीमत में अधिक उछाल नहीं

इस बार गुड़ का उत्पादन प्रभावित हुआ है, इसके बावजूद इस समय गुड़ के भाव फिजिकल मार्केट में 50 रुपये के आस-पास चल रहे हैं. केडिया कमोडिटी के निदेशक अजय केडिया के मुताबिक इस बार कोरोना महामारी के कारण लगाए गए लॉकडाउन ने गुड़ की मांग को प्रभावित किया. इसकी वजह से गुड़ का उत्पादन कम होने के बावजूद इसके भाव अधिक चढ़ नहीं पाए. आईसीएआर (इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च)- सूगरकेन ब्रीडिंग इंस्टीट्यूट कोयंबटूर पर दिए गए आंकड़ों के मुताबिक 2019-20 में 48.67 लाख हेक्टेअर क्षेत्रफल में 37,77,66,000 टन गन्ने के उत्पादन का अनुमान है जबकि पिछली बार 51.14 लाख हेक्टेअर क्षेत्रफल में 40,01,57000 टन गन्ना उत्पादित हुआ था. देश भर में जहां भी गन्ने का उत्पादन होता है, वहां गुड़ तैयार किया जाता है.

गुड़ की आवक अक्टूबर से अप्रैल तक रहती है लेकिन इसकी खपत साल भर रहती है. गुड़ को ऊर्जा के तुरंत स्रोत के रूप में प्रयोग किया जाता है. इसके अलावा कई प्रकार के पकवान में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है. गुड़ को मेडिसिनल शुगर माना जाता है और कमोडिटी एक्सचेंज पर ट्रेडिंग पोषकता के मामले में इसकी तुलना शहद के साथ की जाती है. यह न सिर्फ इंसानों के लिए फायदमेंद है बल्कि जानवरों को भी खाना पचाने के लिए दिया जाता है और गुड़ से उनकी उत्पादकता भी बढ़ती है. गुड़ से बीपी नियंत्रित रहती है, हीमोग्लोबिन बढ़ाता है जिससे एनीमिया की रोकथाम होती है. इस प्रकार गुड़ के औषधीय फायदे भी हैं.

ये भी पढ़ें

मुलायम की तबीयत ठीक, चिंता की बात नहीं- सपा ने दिया हेल्थ अपडेट, 2 अक्टूबर की बड़ी खबरें

मुलायम की तबीयत ठीक, चिंता की बात नहीं- सपा ने दिया हेल्थ अपडेट, 2 अक्टूबर की बड़ी खबरें

Petrol Rate Today: क्या हैं आपके शहर में पेट्रोल-डीजल की कीमतें, ग्राहक खरीदने से पहले चेक कर लें दाम

Petrol Rate Today: क्या हैं आपके शहर में पेट्रोल-डीजल की कीमतें, ग्राहक खरीदने से पहले चेक कर लें दाम

मोदी सरकार का कंपनियों की दिवालिया प्रक्रिया को आसान बनाने पर फोकस, जानें वित्त मंत्री सीतारमण ने क्या कहा

रेटिंग: 4.53
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 322