बता दें कि अधिकांश जो प्रतिक्रियाएं हैं, वो मोदी के सर्मथन में आई हैं। ज्यादातर लोगों ने पत्रिका के इस कथन को नकारा है, और अपने ट्वीट में नो लिखकर इसका विरोध जताया है।

टाइम ट्रेडिंग का नकारात्मक पहलू

“ अंतर्राष्ट्रीय पत्रिका टाइम ने 20 मई के अपने नए संस्करण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कवर पेज पर. ”

अंतर्राष्ट्रीय पत्रिका टाइम ने 20 मई के अपने नए संस्करण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कवर पेज पर जगह दी है। लेकिन पत्रिका ने पीएम नरेंद्र मोदी को नकारात्मक पहलू में कवर पेज पर जगह दी है। मैगजीन ने उन्हें इंडियाज डिवाइडर इन चीफ की संज्ञा दी है। इसके बाद सोशल मीडिया पर दोतरफा तूफान आ गया है। ट्विटर पर ट्रेडिंग में शीर्ष पर चल रहे इस मुद्दे टाइम ट्रेडिंग का नकारात्मक पहलू पर लोगों में विभाजन दिख रहा है। टाइम की इस संज्ञा का समर्थन और विरोध कर रहे लोगों के बीच सोशल मीडिया पर गरमा-गरम बहस छिड़ गई है।

आपको बता दें कि टाइम पत्रिका ने ही साल 2014-15 में नरेंद्र मोदी को दुनिया के 100 प्रभावशाली व्यक्तियों में शामिल किया था। इस खबर के बाद सोशल मीडिया पर तो जैसे लोगों कि प्रतिक्रियाओं का सैलाब सा आ गया। कुछ लोगो को टाइम की यह टिप्पणी बिलकुल रास नही आई, तो वहीं तमाम लोग इसके सर्मथन में भी बोले। हालांकि अब तक किसी भी नेता या अभिनेता की कोई प्रतिक्रिया नही आई है, आईये नजर डालते हैं लोगो ने क्या-क्या कहा-

Intraday Trading Vs Delivery Trading: जानें इंट्राडे तथा डिलीवरी ट्रेडिंग में क्या अंतर है

शेयर मार्केट में निवेश करना वर्तमान दौर में बेहद आसान बनता जा रहा है, लेकिन यहाँ निवेश करने के एक से अधिक विकल्प उपलब्ध हैं, जिनके बारे में एक निवेशक के तौर पर आपके लिए जानना आवश्यक है। उदाहरण के लिए कुछ शेयर मार्केट ट्रेडिंग अल्पकालिक अवधि के लिए होती हैं, जबकि कुछ ट्रेडिंग लंबी अवधि के निवेश के रूप में की जाती हैं।

हालाँकि शेयर बाज़ार में निवेश के कुछ अन्य तरीके भी हैं जैसे फ्यूचर एवं ऑप्शन में निवेश आदि, किन्तु आज इस लेख में हम मुख्यतः अवधि के आधार पर शेयर मार्केट में करी जाने वाली ट्रेडिंग के विषय में समझेंगे। इस प्रकार शेयर बाजार में दो तरीके से ट्रेडिंग करी जा सकती हैं, जिन्हें हम इंट्राडे ट्रेडिंग या डिलीवरी आधारित ट्रेडिंग (Intraday Trading Vs Delivery Trading) के रूप में जानते हैं।

इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading) क्या है?

जब कोई ट्रेडर या निवेशक एक ही ट्रेडिंग दिन के भीतर शेयरों की खरीद और बिक्री करता है, तो इसे इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading) कहा जाता है। इस प्रकार की ट्रेडिंग में शेयरों को कम समय में लाभ कमाने के उद्देश्य से खरीदा जाता टाइम ट्रेडिंग का नकारात्मक पहलू टाइम ट्रेडिंग का नकारात्मक पहलू है, लंबी अवधि के निवेश के रूप में नहीं।

इंट्राडे ट्रेडिंग में किसी ट्रेडिंग दिन में शेयर की कीमत में हुए परिवर्तन के आधार पर ट्रेडर लाभ अर्जित करते हैं, गौरतलब है कि, डिलीवरी ट्रेडिंग के विपरीत यहाँ कोई ट्रेडर किसी शेयर को पहले बेचकर बाद में खरीद भी सकते हैं। ऐसा उस स्थिति में किया जाता है, जब ट्रेडर को किसी शेयर की कीमतों टाइम ट्रेडिंग का नकारात्मक पहलू टाइम ट्रेडिंग का नकारात्मक पहलू में गिरावट का अंदेशा होता है, ऐसे में ट्रेडर दिन की शुरुआत में शेयर बेच देते हैं तथा दिन के मध्य या अंत में जब शेयर के दाम गिर जाएं तो उसे खरीद लेते हैं।

लगातार कमाई का माध्यम

प्राचीन काल से ही महिलाओं को एक साथ कई काम करने और पूरी टाइम ट्रेडिंग का नकारात्मक पहलू निष्ठा के साथ करने के लिए जाना जाता रहा है. आज उनके लिए अतिरिक्त कमाई करना कोई बड़ी बात नहीं रह गई है. रहन-सहन का खर्च टाइम ट्रेडिंग का नकारात्मक पहलू लगातार बढ़ने के कारण अपनी कमाई में कुछ तेजी लाने में ही समझदारी है. ऐसी कई महिलाएं हैं, जिन्होंने अपने आप को गृहणी से फुल टाइम ट्रेडर में बदला है और कमाई कर रही हैं, जिसे एक सुरक्षित और भरोसेमंद विकल्प माना जाता है.

टियर-2 और टियर-3 शहरों में स्टॉक मार्केट की पहुंच बढ़ने के साथ ही ज्यादा से ज्यादा महिलाएं ट्रेडिंग कर रही हैं. ऐसे में ये महिलाएं अपनी गृहणी की अपनी पारंपरिक भूमिका से आगे निकल गई हैं. अब वे भी घर में कमाई करने वाले सदस्यों के रूप में गिनी जाती हैं. इसके अलावा देश के सभी क्षेत्रों में महिलाएं सब ब्रोकर के रूप में काम करने के विकल्प को भी अपना रही हैं और ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को इक्विटी मार्केट से टाइम ट्रेडिंग का नकारात्मक पहलू जोड़ रही हैं. इससे वे न सिर्फ घर में आर्थिक भागीदारी निभा रही हैं, बल्कि देश में आर्थिक सहयोग दे रही हैं.

टेक्नोलॉजी का सहयोग

कई महिलाओं को लगता है कि स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग के लिए गणित में टाइम ट्रेडिंग का नकारात्मक पहलू महारत हासिल होनी चाहिए. हालांकि यह सच्चाई नहीं है. आज के दौर में स्टॉक ब्रोकर के पास ऐसी टेक्नोलॉजी है, जिसकी मदद से वे अपने ग्राहकों के लिए मार्केट एनालिसिस करते हैं. इसमें आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, और डेटा एनालिटिक्स के माध्यम से निवेशकों को मार्केट के बारे में सलाह दी जाती है. इसके माध्यम से कोई भी सलाह देने से पहले अरबो डेटा प्वॉइंट का अध्ययन किया जाता है. ये पर्सनलाइज्ड रिसर्च के आधार पर रोजना सलाह भी देते हैं. इस तरह की टेक्नोलॉजी का उपयोग महिलाओं को निवेशक बनने के लिए प्रोत्साहित करता है और वे स्वयं को आर्थिक रूप से सशक्त बना सकती हैं.

एक व्यापक बदलाव के तौर पर एक टाइम ट्रेडिंग का नकारात्मक पहलू अनुमान है कि भारत 2025 तक 770 अरब डॉलर की जीडीपी जनरेट करेगा. यह महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बना कर ही किया जा सकता है. वैश्विक स्तर पर यही आंकड़ा करीब 120 खरब डॉलर का होगा. इसलिए यह बदलाव बेहतर है और पूरे आर्थिक मोर्चे के लिए सकारात्मक बदलाव लेकर आएगा.

Stop Loss Order

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क्या होता है स्टॉप-लॉस ऑर्डर?
स्टॉप-लॉस ऑर्डर (Stop Loss Order) किसी सिक्योरिटी को उस वक्त बेचने या खरीदने के लिए किसी ब्रोकर को दिया गया ऑर्डर है, जब यह एक विशेष कीमत पर पहुंच जाती है। स्टॉप-लॉस ऑर्डर की रूपरेखा सिक्योरिटी में एक पोजिशन पर निवेशक के नुकसान को सीमित करने के लिए बनाई जाती है और यह स्टॉप-लिमिट ऑर्डर से अलग होता है। जब कोई स्टॉक, स्टॉप प्राइस से नीचे चला जाता है तो ऑर्डर एक मार्केट ऑर्डर बन जाता है और यह अगली उपलब्ध कीमत पर एक्सीक्यूट होता है। उदाहरण के लिए एक ट्रेडर एक स्टॉक खरीद सकता है और इसे खरीद कीमत से 10 प्रतिशत नीचे स्टॉप-लॉस ऑर्डर पर रख सकता है। अगर स्टॉक में गिरावट आती है तो स्टॉप-लॉस ऑर्डर सक्रिय हो जाएगा और स्टॉक, एक मार्केट ऑर्डर की तरह बिक जाएगा। हालांकि अधिकांश निवेशक एक लॉन्ग पोजिशन के साथ स्टॉप-लॉस ऑर्डर से जुड़ सकते हैं, यह शॉर्ट पोजिशन को भी सुरक्षित कर सकता है, जिसमें सिक्योरिटी खरीदी जाती है अगर यह निर्धारित कीमत से ऊपर ट्रेड करती है।

मुख्य बातें
- स्टॉप-लॉस ऑर्डर विनिर्दिष्ट करता है कि कोई स्टॉक उस वक्त बेचा या खरीदा जाएगा, जब यह विशिष्ट कीमत पर पहुंच जाता है टाइम ट्रेडिंग का नकारात्मक पहलू जिसे स्टॉप प्राइस के नाम से जाना जाता है।

फुटवियर ट्रेड फेयर से जुड़े कई नए देश: टर्की, अर्जेंटीना, बैंकाक पहली बार हुए शामिल, दूसरे दिन 10 हजार से अधिक विजिटर्स पहुंचे

फुटवियर ट्रेड फेयर में विजिटर्स स्टालों पर उत्पाद देखते हुए। - Dainik Bhaskar

ग्राम सींगना स्थित आगरा ट्रेड सेंटर पर आयोजित फुटवियर ट्रेड फेयर 'मीट एट आगरा' में दूसरे दिन तकनीकी सत्र चले। विशेषज्ञों ने मशीनों और उत्पादों की तकनीकी जानकारियां दीं। फेयर में टर्की, अर्जेंटीना, टाइम ट्रेडिंग का नकारात्मक पहलू बैंकाक के एक्जीबिटर्स पहली बार शिकरत करने आए हैं। फुटवियर मैन्युफैक्चरर्स एंड एक्सपोर्ट चैम्बर (एफमेक) के फुटवियर ट्रेड फेयर में शनिवार को स्टॉलों पर भीड़ उमड़ती रही। दूसरे दिन फेयर में शू इंडस्ट्री से जुड़े लगभग 10 हजार लोगों शामिल हुए। टेक्नीकल सेशन में इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स ने अपने अनुभव साझा किए। तकनीकी सत्र के दौरान वक्ताओं ने प्रजेंटेशन के माध्यम से इंडस्ट्री की बारीकियों पर प्रकाश डाला। इस बीच दो पैनल डिस्कशन भी हुए। एक उद्यमियों के लिए उपयोगी योजनाओं पर प्रजेंटेश दिया गया। इस दौरान रिम्बल के डायरेक्टर नीरज गर्ग ने प्रजेंटेशन के माध्यम से जूता उद्यमियों के भविष्य पर प्रकाश डाला।

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